*पशुपालन विभाग एवं प्रशासन की सतर्कता से बीमारी पर नियंत्रण*
*यात्रा मार्ग पर 3 स्थानों पर बनाए गए हैं पशु जांच केन्द्र*
केदारनाथ धाम की यात्रा में घोड़े-खच्चरों के संचालन पर लगी रोक अब धीरे-धीरे हटाई जा रही है। इक्वाइन इन्फ्लुएंजा वायरस डिज़ीज (EIVD) के चलते यात्रा में इन पशुओं के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन अब पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन की सतर्कता और सक्रिय निगरानी के चलते हालात में सुधार आने लगा है।
पशुपालन विभाग द्वारा कुछ दिन पहले दो घोड़े-खच्चरों को ट्रायल बेस पर यात्रा मार्ग में भेजा गया था। यह ट्रायल सफल रहा और इसमें शामिल पशुओं में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए गए। इसके बाद प्रशासन ने चरणबद्ध तरीके से यात्रा मार्ग पर जांच रिपोर्ट में नकारात्मक पाए गए पशुओं की आवाजाही की अनुमति देना शुरू कर दिया है।
रविवार के दिन विभाग द्वारा पूरी सतर्कता के साथ कुल 1,670 घोड़े-खच्चरों को यात्रा के लिए रवाना किया गया। वहीं, सोमवार को शाम 5 बजे तक 3,410 घोड़े-खच्चरों ने यात्रियों को गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक पहुंचाया।
पशुपालन विभाग ने बताया कि सभी पशुओं की स्वास्थ्य जांच की जा रही है और केवल स्वस्थ एवं पूरी तरह फिट घोषित पशुओं को ही यात्रा मार्ग पर भेजा जा रहा है। विभाग की टीम यात्रा मार्गों पर लगातार निगरानी बनाए हुए है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। यात्रा मार्ग पर भी 3 स्थानों पर पशु जांच केंद्र बनाए गए हैं, जिससे घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य पर निरंतर निगरानी रखी जा सके।
जिला प्रशासन और केदारनाथ यात्रा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी भी पशुपालन विभाग के सहयोग से हालात पर नजर रखे हुए हैं। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।