नैनीताल-12 साल का मासूम बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी 73 साल के मोहम्मद उस्मान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण (एनडीडीए) ने अब मोहम्मद उस्मान के घर को अवैध निर्माण की श्रेणी में लेते हुए उसे ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस सिलसिले में प्राधिकरण ने उसे नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। बता दें कि इससे पहले नैनीताल नगर पालिका की ओर से मोहम्मद उस्मान के भवन पर ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया गया था,लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद उस नोटिस को वापस ले लिया गया था।अदालत ने स्पष्ट किया था कि किसी भी आरोपी के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई, जो कानून की प्रक्रिया से इतर हो,उसे रोका जाना चाहिए। अदालत के हस्तक्षेप के बाद नैनीताल नगर पालिका ने तत्काल अपना नोटिस निरस्त कर दिया था।हालांकि अब जिला विकास प्राधिकरण ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अवैध निर्माणों की जांच के बाद नए सिरे से कार्रवाई की पहल की है। मोहम्मद उस्मान के भवन के साथ-साथ शहर में सौ वर्ग गज से कम क्षेत्र में बने 24 अन्य भवन स्वामियों को भी नोटिस जारी किया गया है। प्राधिकरण ने सभी भवन स्वामियों से सात कार्य दिवसों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और निर्माण से संबंधित वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
एनडीडीए सचिव विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि यह एक नियमित अभियान का हिस्सा है, जिसमें अवैध निर्माणों की पहचान कर उचित कार्रवाई की जाती है। वहीं, मोहम्मद उस्मान के मामले को लेकर शहर में जन आक्रोश और मीडिया की सक्रियता के चलते प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है।मोहम्मद उस्मान का भवन बिना अनुमति के निर्मित हुआ है और वहां पर भवन उपविधियों का पालन नहीं किया गया है। निर्माण स्थल पर निरीक्षण के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भवन की नक्शा पास नहीं कराया गया। इसीलिए यह भवन अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है. इसी आधार पर नोटिस जारी किया गया है। कानूनी प्रक्रिया के तहत ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। भवन स्वामी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया है और यदि वह वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करता है तो नियमानुसार भवन गिराने की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि नैनीताल के जाने माने ठेकेदार मोहम्मद उस्मान पर एक 12 वर्षीय नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का गंभीर आरोप है. पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। यह मामला सामने आने के बाद शहर भर में आक्रोश फैल गया था और मोहम्मद उस्मान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठी थी। इस घटना के सामने आने के बाद नैनीताल नगर पालिका ने भी आरोपी मोहम्मद उस्मान के घर को अवैध बताते हुए नोटिस जारी किया था। नैनीताल नगर पालिका को नोटिस को मोहम्मद उस्मान के वकील ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि नैनीताल नगर पालिका ने नोटिस देने में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया था। सुनवाई के दौरान नैनीताल नगर पालिका ने हाईकोर्ट में अपनी गलती मानी थी और नोटिस को वापस ले लिया था। हालांकि अब नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण ने फिर से नोटिस जारी किया है।