गुलदार व भालू से बचाव के लिए संबंधित विभागों को उपलब्ध कराए जा रहे है थर्मल ड्रोन, ट्रैंकुलाइजर एवं अन्य आवश्यक उपकरण*

जनपद रुद्रप्रयाग में गुलदार, भालू एवं अन्य जंगली जानवरों की बढ़ती सक्रियता को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के लिए अलर्ट मोड अपनाया है। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन द्वारा मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने एवं स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 50 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है।

इस धनराशि से वन विभाग द्वारा आधुनिक उपकरणों की खरीद की जा रही है, जिससे जंगली जानवरों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जा सके। उपकरणों में आधुनिक थर्मल ड्रोन, फॉक्स लाइट, ट्रैंकुलाइज गन, एनआईडस, आधुनिक पिंजरे एवं अन्य सुरक्षा सामग्री शामिल है। इन उपकरणों का उपयोग संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी, रेस्क्यू कार्यों तथा आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई के लिए किया जाएगा।

प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग रजत सुमन ने बताया कि हाल के दिनों में मानव-वन्यजीव संघर्ष में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस संबंध में जिला प्रशासन को नए उपकरणों की आवश्यकता से अवगत कराते हुए प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर विगत 28 नवंबर 2025 को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी द्वारा तत्काल स्वीकृति प्रदान की गई।

उन्होंने बताया कि आधुनिक उपकरणों के माध्यम से जंगली जानवरों की मूवमेंट को रियल-टाइम ट्रैक किया जा सकेगा जिससे दुर्घटनाओं और हमलों में प्रभावी कमी लाने में सहायता मिलेगी। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने, अलर्ट सिस्टम मजबूत करने तथा रेस्क्यू की कार्यक्षमता को हाईली एफिशिएंट बनाया जा सकेगा।

जिलाधिकारी प्रतीक जैन द्वारा निरंतर संबंधित विभागों से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति, जंगली जानवरों की गतिविधियों, नियंत्रण उपायों एवं सुरक्षा व्यवस्थाओं पर विस्तृत रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं तथा स्थानीय नागरिकों को सुरक्षा निर्देशों की लगातार जानकारी दी जाए।

*सावधानी ही सुरक्षा है*

जिला प्रशासन एवं वन विभाग की संयुक्त कार्य योजना का उद्देश्य मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रण में लाकर स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। प्रशासन ने सभी लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, अफवाहों से बचें तथा किसी भी घटना की सूचना तुरंत संबंधित विभाग को दें।

 

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