*छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश*

जनपद रुद्रप्रयाग भौगोलिक दृष्टि से वन क्षेत्रों से आच्छादित एवं मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रति संवेदनशील जनपद है। वर्तमान में शीतऋतु के कारण दिन की अपेक्षा रात्रि की समयावधि अधिक होने से वन्यजीवों की गतिविधियां समय से पूर्व प्रारम्भ हो रही हैं। ऐसे में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में मानव एवं वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की संभावना बनी हुई है।

इसी क्रम में यह भी संज्ञान में आया है कि जनपद के कतिपय विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों तक पहुंचने के मार्ग वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जिससे छोटे बच्चों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों की सुरक्षा को लेकर जोखिम उत्पन्न हो सकता है। संभावित खतरे को दृष्टिगत रखते हुए तथा छात्रहित एवं लोकहित में जनपद प्रशासन द्वारा एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-34 की उपधारा (ड) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश निर्गत किया गया है कि जनपद अन्तर्गत अवस्थित समस्त शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं गैर-शासकीय विद्यालयों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में माह दिसम्बर, 2025 की अवधि में पठन-पाठन कार्य प्रातः 09:15 बजे से पूर्व एवं अपरान्ह 03:00 बजे के पश्चात संचालित नहीं किया जाएगा।

यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। मुख्य शिक्षा अधिकारी, रुद्रप्रयाग तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी/बाल विकास अधिकारी, रुद्रप्रयाग को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने अधीनस्थ समस्त विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं।

जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि यदि जनपद के किसी भी विद्यालय अथवा आंगनबाड़ी केन्द्र में उक्त आदेश की अवहेलना की जाती है, तो संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत आवश्यक विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जिला प्रशासन ने अभिभावकों, शिक्षकों एवं जनसामान्य से अपील की है कि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें तथा किसी भी आपात स्थिति में संबंधित विभागों को तत्काल सूचित करें।

 

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