उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें कुल 12 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों का सीधा असर राज्य के शहरी गरीबों, सरकारी कर्मचारियों, वाहन मालिकों और पर्यटन क्षेत्र पर पड़ेगा।
शहरी विकास विभाग की बड़ी घोषणा
कैबिनेट ने फैसला लिया है कि शहरी विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत 800 से अधिक पर्यावरण मित्रों को अब मृतक आश्रित कोटे में शामिल किया जाएगा। यह फैसला सफाईकर्मियों और उनके परिवारों के लिए राहतभरा साबित होगा।
पुराने वाहनों को लेकर बड़ा निर्णय
सरकार ने तय किया है कि अब पुराने वाहनों को CNG में कन्वर्ट करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही, यदि कोई वाहन स्क्रैप किया जाता है, तो वाहन स्वामी को सेमी अकाउंट के माध्यम से धनराशि प्राप्त होगी।
इसके अलावा हाइब्रिड और बैट्री प्लस पेट्रोल गाड़ियों को टैक्स में छूट देने का भी निर्णय हुआ है, जो निजी वाहन मालिकों के लिए लाभकारी साबित होगा।
भर्ती प्रक्रिया में सरलता और पारदर्शिता
राज्य में अब वर्दीधारी पदों—जैसे कि कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर की भर्तियों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं नहीं होंगी। सभी के लिए एक ही लिखित परीक्षा कराई जाएगी। इससे चयन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो सकेगी।
UKSSSC के ढांचे में बदलाव
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के ढांचे में बदलाव करते हुए 15 नए पदों को स्वीकृति दी गई है। इनमें 1 स्थायी और 14 अस्थायी पद शामिल हैं। साथ ही मानवाधिकार आयोग में भी 12 नए पद अधिसूचित किए गए हैं।
पर्यटन को मिलेगा नया रूप – बद्रीनाथ मास्टर प्लान
पर्यटन विभाग के 4 बड़े प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत “शेष मित्र लोटस वॉल”, “अराइवल प्लाज़ा”, “ट्री एंड रिवर कल्चर”, और “सुदर्शन चक्र” की सांस्कृतिक स्थापत्य योजना को CSR फंड के माध्यम से पूरा किया जाएगा। यदि फंडिंग नहीं होती है तो काम राज्य या केंद्र सरकार द्वारा कराया जाएगा।
कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी में राहत
OPS की तर्ज पर अब NPS कर्मचारियों को भी सेवा की अवधि के अनुसार ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। यह फैसला राज्य के हजारों कर्मचारियों को राहत देगा।
कुल मिलाकर, कैबिनेट के इन फैसलों से उत्तराखंड में प्रशासनिक सुधार, पर्यावरण मित्रों का सम्मान, कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा, और पर्यटन क्षेत्र का विकास सुनिश्चित होगा।