25 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा के 23 दिन के अंतराल में 24 लोगो की हार्ट अटैक से मौत।

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मरने का आंकड़ा रहा 50 प्रतिशत ।
अब तक यात्रा रूट पर 6 महिला व 18 पुरुषों की हुई हार्ट अटैक से  मौत।

पिछले वर्ष 22 दिन में 51 लोगो की हुई थी मौत।

 

Description: ग्यारहवें ज्यार्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा अपने चरम पर चल रही है। यात्रा पर आए देश विदेश के तीर्थ यात्रियो को कोई दिक्कत न हों शासन प्रशासन द्धारा पैदल मार्ग से लेकर धाम तक मुस्तेत रहते हैं । केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो इसके लिए जिला प्रशासन द्धारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है जगह -जगह केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर सड़क मार्ग पर 5 किलोमीटर के अन्तराल पर छोटे बडे अस्पताल से लेकर एमआरपी खोले हुए हैं । जिससे यात्रियों का मेडिकल चैकप समय पर हो सके और समय पर उनका स्वास्थ्य उपचार दिया जा सके ।

सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड व धाम को जाने वाले श्रदालुओ का रेगुलर मेडिकल चेकप होने के बावजूद भी यात्रा काल के 22वे दिन तक 24 लोगों की पैदल मार्ग पर मौत हो चुकी है, मरने वाले सभी यात्रियो की औसत आयु 60 से 70 वर्ष के बीच है। जिन लोगो की अबतक यात्रा के दौरान मौत हुई है उन सभी को हार्ट अटैक होना बताया जा रहा है ।सबसे अधिक यात्रियो की मृत्यु रामबाड़ा से ऊपर लिनचोली के पास हुई है ये सभी तीर्थ यात्री पैदल धाम को जाते हुए खड़ी चढ़ाइयों आक्सीजन लेवल गिरने से हुई जिससे हार्ट अटैक आने की संभावनाएं अधिक बनी रही है ।भलेही स्वास्थ्य विभाग यात्रा रूटों पर पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा के दावे कर रही है लेकिन अबतक हुई मोते उचित उपचार न मिलना बड़ा कारण साबित हो रहा है । शासन स्तर से अन्य जिलों से भी यंहा पर मेडिकल स्टाफ तैनात कर रखा हो लेकिन मौतों के आंकड़े कम होने का नाम नही ले रहे है सोनप्रयाग गौरीकुण्ड और हर जगह पैरामेडिकल स्टाफ और अस्पताल खोले हुए हैं जगह जगह मरीजों को उपचार दे रहे है तो भी इतनी मौते क्यों इस का जबाब किसी के पास नही । वहीं केदारनाथ यात्रा की जिम्मेदारी सम्भाले हुए मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्धारा हर सम्भव प्रयास किया जा रहा हैश्रदालुओ को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जाए ताकि रास्तो में हो रही मृत्यु दर को कम किया जा सके ,पिछले वर्ष की यात्रा में यह आकंडा दो गुना था तब 22 दिन में 51 लोगों की मौत की सूची विभाग के पास है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है। इस वर्ष की यात्रा में हम मृत्यु दर पर कुछ हद तक कमी ला पाए हैं । जबकि इस बार बदलता मौसम की मार भी इन 23 दिनों में केदारनाथ यात्रा पर साफ तौर से दिखाई दे रही है ।फिर भी धाम को जाने वाले श्रदालुओ की संख्या में कमी नही है दर्शनार्थियों की लम्बी लम्बी लाइने धाम में देखने को मिल रही है ।

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