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Friday, July 4, 2025
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रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के चलते कुण्ड और काकड़ागाड़ के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ बाधित।

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रुद्रप्रयाग ।।जनपद में लगातार हो रही बारिश के चलते कुण्ड और काकड़ागाड़ मेंबीते दिवस से लगातार हो रही बारिश के कारण जनपद रुद्रप्रयाग के थाना ऊखीमठ क्षेत्रान्तर्गत स्थान कुण्ड एवं काकड़ागाड़ के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा पत्थर इत्यादि आने से बाधित हो चला है। यहां पर बारिश के चलते सम्बन्धित कार्यदायी संस्था एवं विभाग के स्तर को मार्ग खोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल इस क्षेत्र में आवागमन करने वाले वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रुकवाया गया है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आज भी दिनभर बारिश होने के आसार हैं, ऐसे में सभी से आग्रह है कि अति आवश्यक होने पर ही सफर करें। किसी भी आपात स्थिति में आपातकालीन हेल्पलाइन नम्बर 112 पर कॉल करें।

सोशल मीडिया सैल पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग।

बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल

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उत्तरकाशी के बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल और उनके साथी अंकित रमोला को पुलिस ने जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मामला 25 फरवरी की देर रात का है, जब उनकी गाड़ी की टक्कर के बाद प्रवीण रावत से बहस हो गई। शिकायत पर IPC धारा 109 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और कोर्ट ने दोनों को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा।

126 नव चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र।

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पिछले साढ़े तीन साल में 20 हजार से अधिक युवाओं को मिली सरकारी नौकरी*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत 126 नवनियुक्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। पिछले साढ़े तीन सालों में राज्य में 20 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नौकरी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन आपके जीवन में एक नया अध्याय लेकर आया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा नव चयनित अभ्यर्थी लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण इकाई ग्राम पंचायत के अभिन्न अंग बनकर गाँवों का समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करेंगे। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है। गांवों के विकास में एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून में सजा और जुर्माने के कठोर प्राविधान किये गए हैं। जब मेहनती और ईमानदार व्यक्ति अपनी लगन और मेहनत के दम पर कोई पद प्राप्त करता है, तो वह आम लोगों की पीड़ा और समस्याओं को समझकर ईमानदारी से अपना काम करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से शहरों के साथ गाँवों के विकास पर भी प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में सख्त भू-कानून के लिए विधानसभा में विधेयक पारित हो चुका है।

*उत्तराखंड की एकता के साथ खिलवाड़ करने वालों को माफ नहीं करेंगे -सीएम*

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण का सपना हमारे आन्दोलनकारियों ने इसलिए देखा था कि उत्तराखण्ड के अंतिम छोर में खड़े हुए व्यक्ति तक विकास पहुंचे। सभी उत्तराखण्डवासी मिल जुलकर राज्य को आगे बढ़ायें। मुख्यमंत्री ने सभी उत्तराखण्ड वासियों से आग्रह किया कि किसी भी प्रकार के बहकावे में न आकर एक उत्तराखण्ड की भावना से मिलकर कार्य करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि चाहे वे कोई भी हों, मंत्री हों, विधायक हों, सांसद हों या कोई आम उत्तराखंडी ही क्यों न हों, उत्तराखंड की एकता के साथ खिलवाड़ करने वालों को सरकार बिल्कुल भी माफ नहीं करेगी। आज के बाद सभी प्रकार के भड़काऊ बयानों को गंभीरता से लिया जाएगा और उत्तराखंड की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

पंचायतीराज मंत्री श्री सतपाल महाराज ने सभी नवचयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार द्वारा प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। जनवरी 2025 में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखण्ड यह कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। पंचायतीराज विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों में अवस्थापना सुविधाओं के तहत पंचायत भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराये जा रहे हैं। विभाग द्वारा परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनापत्ति प्रमाण पत्र ऑनलाइन निर्गत किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा क पंचायतों में कम्प्यूटीकरण का कार्य किया जा रहा है। आगामी दो वर्षों में सभी पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापित किये जायेंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, श्री बृजभूषण गैरोला, एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष श्री बी.एस वर्मा, सचिव पंचायतीराज श्री चन्द्रेश यादव, निदेशक पंचायतीराज निधि यादव उपस्थित थे।

उच्चाधिकारियों के नाम व पद का दुरुपयोग कर साइबर ठगी करने वाले अभियुक्तों के गिरोह को रुद्रप्रयाग पुलिस ने किया गिरफ्तार

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पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड महोदय के नाम से पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग से व्हट्सएप पर चैटिंग कर खाते में धनराशि भेजे जाने की की गयी थी डिमाण्ड*

*मामले को गम्भीरता से लेकर एसपी रुद्रप्रयाग ने कोतवाली रुद्रप्रयाग पर दर्ज करायी थी एफ.आई.आर.*

*इस प्रकरण में अब तक 04 अभियुक्तों को रुद्रप्रयाग पुलिस ने किया है गिरफ्तार, अन्य वॉछितों की भी की जायेगी धरपकड़

*साइबर ठगी को अंजाम देने के बाद देश के किसी भी कोने में बैठे पुलिस की गिरफ्त से नहीं बच पायेंगे साइबर ठग*

माह जनवरी में पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे के सीयूजी (सरकारी) मोबाइल नम्बर पर एक अज्ञात नम्बर से व्हट्सएप मैसेज भेजा गया। जिस पर सामने वाले व्यक्ति ने स्वयं का परिचय दीपम सेठ, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड के रूप में देते हुए दिये गये बैंक खाते में 50 हजार धनराशि डालने विषयक अनुरोध किया गया। वास्तव में इस प्रकार का मैसेज किसी भी स्तर से किसी वरिष्ठ अधिकारी की ओर से किया जाना सम्भव नहीं था। और ऐसा मैसेज आने पर उस नम्बर को ब्लॉक करना या इग्नोर कर देना भी उचित नहीं था, क्योंकि ऐसे में सामने वाले के हौंसले तो बुलन्द थे ही साथ ही उसे और हवा मिल जाती।
युवा पुलिस अधिकारी एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए वर्णित मामले में कोतवाली रुद्रप्रयाग पर मु0अ0सं0 13/2025 धारा 318 (4), 319 (2), 61 (2) भारतीय न्याय संहिता व 66 डी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का अभियोग पंजीकृत करवाकर विवेचना निरीक्षक राकेश कुमार प्रभारी साइबर सैल पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग के सुपुर्द की गयी। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान खाते एवं मोबाइल का संचालन महाराष्ट्र एवं राजस्थान में होना प्रकाश में आया। अभियोग के अनावरण हेतु जनपद स्तर पर टीम गठित कर दबिश, छापेमारी हेतु महाराष्ट्र एवं राजस्थान के लिए रवाना की गयी। जनपद की पुलिस टीम ने वहॉं पहुंचने पर लगभग एक माह तक वहीं रहकर स्थानीय स्तर पर छापेमारी, ए.आई. व मोबाइल फोरेन्सिक के उपयोग से इस कृत्य में प्रथम दृष्टतया 06 लोगों की संलिप्तता प्रकाश में आयी। जिनमें से 04 व्यक्तियों को राजस्थान में हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान इन चारों व्यक्तियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर इन सभी को नियमानुसार गिरफ्तार कर वहां से सम्बन्धित स्थानीय मा0 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर जनपद रुद्रप्रयाग में लाया गया है। अभियुक्तों से आवश्यक पूछताछ इत्यादि के उपरान्त जनपद में मा0 न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।

*गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-*
1 राजू प्रजापत पुत्र श्री दौलतराम प्रजापत निवासी गली नम्बर 05 वार्ड न. 46 कुम्हारों का मौहल्ला गणेश टेण्ट हाउस थाना गंगाशहर, जिला बीकानेर, राजस्थान।
2 ललित किशोर उपाध्याय पुत्र श्री प्रकाश चन्द उपाध्याय निवासी कुम्हारों का मौहल्ला, लक्ष्मी नाथ जी रोड़, थाना गंगाशहर, जिला बीकानेर, राजस्थान।
3 बलवान हुसैन पुत्र मोहम्मद अनवर, निवासी लाल गुफा रोड़, हम्मालों की बारी के बाहर, थाना सिटी कोतवाली, जिला बीकानेर, राजस्थान।
4 मोहम्मद अयूब पुत्र मोहम्मद सलीम निवासी लाल गुफा रोड़, हम्मालों की बारी के बाहर, थाना सिटी कोतवाली, जिला बीकानेर, राजस्थान।

 

*2 मई को खुलेंगे ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट।

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उखीमठ ( रूद्रप्रयाग): 26 फरवरी। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को प्रात: 7 बजे बैशाख, मास, मिथुन राशि, वृष लग्न में विधि- विधान से खुलेंगे।
27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा होगी। जबकि बाबा केदार की पंच मुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी।

आज शिवरात्रि के पावन अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारनाथ धाम रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, दायित्व धारी चंडीप्रसाद भट्ट एवं श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल सहित पंचगाई समिति पदाधिकारियों, तथा सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धर्माचार्यों वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना पश्चात विधि- विधान से श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई।
इस अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को
भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था श्रद्धालुओं में उत्साह रहा सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुजन श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ दर्शन को पहुंचे इस अवसर पर भोलेनाथ के भजन कीर्तन का आयोजन भी हुआ तथा श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण किया।
कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट तय होने के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की केदारनाथ धाम यात्रा तैयारियों को अधिक गति मिलेगी। मंदिर समिति के स्तर श्री केदारनाथ यात्रा तैयारियां की जा रही है।
कहा कि कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।
पंचमुखी डोली के केदारनाथ धाम प्रस्थान कार्यक्रम के तहत 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा-अर्चना होगी।
श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 28अप्रैल को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास हेतु प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।

29अप्रैल को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रात्रि प्रवास हेतु द्वितीय पड़ाव फाटा को प्रस्थान होगी।
30 अप्रैल फाटा से रात्रि प्रवास हेतु तृतीय पड़ाव गौरादेवी मंदिर गौरीकुंड पहुंचेगी। 1 मई शाम को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी।
तथा 2 मई शुक्रवार को
प्रात: 7 बजे वृष लग्न में श्री केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खुलेंगे।
बीकेटीसी अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है जल्द मंदिर समिति का अग्रिम दल केदारनाथ धाम जाकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करेगा।

इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को प्रात: छ बजे खुलेंगे। तथा परंपरागत रूप से श्री गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते है इस वर्ष अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है।

 

गुलदार के आतंक से जखोली ब्लॉक के स्कूलों में छुट्टी।

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रुद्रप्रयाग। विकासखंड जखोली में गुलदार का आतंक बना हुआ है। गुलदार ने बीते देर सांय जखोली ब्लॉक के देवल क्षेत्र में एक महिला को निवाला बनाया। घटना का संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने क्षेत्र में संचालित हो रहे विद्यालयों को बन्द करने के आदेश दिए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र कुमार बिष्ट ने बताया कि गुलदार के आतंक को देखते हुए छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत क्षेत्र में संचालित हो रहे विद्यालय राप्रावि ललूड़ी, खरियाल, टैण्डवाल, जाखड़ी, मखेत को 27 फरवरी तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

जखोली ब्लाक की ग्राम देवल की 77 वर्षीय बुजुर्ग महिला को गुलदार ने बनाया अपना निवाला।

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घास काट रही महिला को गुलदार ने उतारा मौत के घाट, जखोली विकासखण्ड के देवल गांव में घूम रहे दो गुलदार, क्षेत्र में गुलदार की पांचवी घटना में एक महिला की मौत

चार महिलाओं को गंभीर रूप से गुलदार कर चुका है घायल

रुद्रप्रयाग। विकासखण्ड जखोली के अंतर्गत ग्राम पंचायत देवल की एक महिला को गुलदार ने अपना निवाला बना दिया। महिला घर से कुछ दूर अपने खेतों में घास काटने गई थी, जहां घात लगाए गुलदार ने अचानक से महिला पर जानलेवा हमला कर दिया। हमला करने के बाद गुलदार महिला को चार से पांच खेतों तक घसीटकर ले गया। जब तक गांव के अन्य लोग वहां पहुंचते, तब तक महिला की जान जा चुकी थी। दो माह के अंतराल में गुलदार ग्राम पंचायत की ही तीन महिलाओं पर जानलेवा हमला कर गंभीर घायल कर चुका है। घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है और ग्रामीण लोग डर के साये में हैं।

मंगलवार सांय पांच बजे के लगभग घर से कुछ दूर खेतों में घास लेने गई देवल गांव की सर्वेश्वरी देवी (77) पत्नी इन्द्र दत्त उनियाल पर घात लगाये गुलदार ने जानलेवा हमला कर दिया। हमला करने के बाद गुलदार महिला को चार से पांच खेतों तक घसीटकर ले गया। आस-पास मौजूद महिलाओं ने यह दृश्य देखा तो वे जोर-जोर से चिल्लाने लगी। जब तक अन्य ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचते, तब तक महिला की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया। तीन दिन के भीतर गुलदार ने दूसरी महिला पर हमला किया है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में दो गुलदार एक साथ घूम रहे हैं। विगत तीन महीनों से गांव में गुलदार का आतंक है। गुलदार के चार हमलों में ग्रामीण महिलाएं घायल हुई, लेकिन पांचवे हमले में गुलदार ने महिला को मौत घाट उतार दिया।एक दिन पूर्व ही क्षेत्र के ग्रामीणों ने वन विभाग कार्यालय जखोली में धरना-प्रदर्शन कर गुलदार को नष्ट करने की मांग की थी। क्षेत्र में गुलदार को पकड़ने को लेकर वन विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। जब चार महिलाओं पर गुलदार पूर्व में ही हमला कर चुका था तो इस बीच गुलदार को नष्ट करने के प्रयास नहीं किये गये। सिर्फ पिंजरा लगाकर इतिश्री की गई, लेकिन गुलदार पिंजरे में कैद नहीं हो पाया और क्षेत्र में ही घूमता रहा।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कॉफी टेबल बुक और डैशबोर्ड का लोकार्पण।

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राजभवन देहरादून।।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राजभवन में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बनाई गई कॉफी टेबल बुक ‘श्री केदारनाथ जी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन पर एक और प्रयास’ का विमोचन और यूएसडीएमए के डैशबोर्ड का लोकार्पण किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत एक संवेदनशील राज्य है। भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण यहां भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना, भूकंप जैसी आपदाएं समय-समय पर आती रहती हैं। इन आपदाओं से निपटना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती रहती है। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई 2024 को श्री केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई थी। इस कठिन परिस्थिति में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने सभी रेखीय विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किए।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से समन्वय बनाते हुए इस आपदा की घड़ी में त्वरित निर्णय लेकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए, जो कि सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उक्त घटना का संज्ञान लेते हुए चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने एवं यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने के निर्देश दिए। उनकी निगरानी में युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किए गए। राज्यपाल ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा भी भरपूर सहयोग प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इस आपदा के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इतने फिक्रमंद थे कि वे स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की अपडेट लेते रहे।

राज्यपाल ने कहा कि इन सभी महत्वपूर्ण प्रयासों को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया गया है, जो भविष्य के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का कार्य करेगी। ‘‘श्री केदारनाथ जी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन पर एक और प्रयास’’ कॉफी टेबल बुक में उन सभी बहादुर व्यक्तियों और संगठनों के योगदान को संजोया गया है, जिन्होंने अपनी निस्वार्थ सेवा से इस आपदा का प्रभाव कम करने में सहायता की।

राज्यपाल ने कहा कि आज हम यू.एस.डी.एम.ए. डैशबोर्ड का भी लोकार्पण कर रहे हैं, जो आपदा प्रबंधन प्रणाली को अधिक सटीक, त्वरित और पारदर्शी बनाएगा। यह डिजिटल प्रणाली न केवल आपदाओं से संबंधित आंकड़ों के संग्रहण और विश्लेषण में सहायता करेगी, बल्कि नीति-निर्माण और त्वरित निर्णय लेने में भी सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस डैशबोर्ड से उत्तराखण्ड को आपदा प्रबंधन में एक नई तकनीकी शक्ति मिलेगी, जिससे न केवल त्वरित प्रतिक्रिया संभव होगी, बल्कि भविष्य में बेहतर आपदा पूर्वानुमान और योजनाएं भी बनाई जा सकेंगी।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड एक ऐसा राज्य है, जो न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने नागरिकों की सेवा-भावना और साहस के लिए भी जाना जाता है। राज्यपाल ने उन सभी व्यक्तियों और संगठनों का धन्यवाद किया जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपना कर्तव्य निभाया और लोगों की रक्षा के लिए दिन-रात कार्य किया। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर एक सशक्त, सतर्क और आपदा-प्रतिरोधी उत्तराखण्ड के निर्माण की दिशा में कार्य करें, ताकि हम अपनी प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री केदारनाथ क्षेत्र में 31 जुलाई 2024 को आई आपदा के दौरान किए गए राहत एवं बचाव कार्यों के प्रयासों को दर्शाने वाली “कॉफी टेबल बुक“ का विमोचन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने वाले यूएसडीएमए के डैशबोर्ड का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा के दौरान चारधाम यात्रा भी चल रही थी। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिला प्रशासन से मुख्यमंत्री रातभर प्रभावित क्षे़त्र की हर अपडेट लेते रहे। अगले दिन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए स्वयं मोर्चा संभाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से बचाव के लिए सामाजिक, धार्मिक संगठनों और स्थानीय लोगों का सरकार को पूरा सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा भर नहीं थी बल्कि हमारे धैर्य, समर्पण और आपदा प्रबंधन की क्षमताओं की एक कठिन परीक्षा भी थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे केदारनाथ क्षेत्र में श्रद्धालुओं के बीच पहुंचे तो उनके मन में शंका थी कि देशभर से आये श्रद्धालुओं के मन में आक्रोश का भाव होगा। उन्होंने कहा कि हमारे प्रभावित क्षेत्र में जाते ही श्रद्धालुओं में उत्साह का भाव दिखा। श्रद्धालुओं ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि हम सभी देवभूमि से सुरक्षित अपने घर जायेंगे। सभी श्रद्धालुओं को भोजन, दवाई और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया। आपदा प्रभावित क्षेत्र में 29 स्थानों पर सड़क मार्ग ध्वस्त हो गये थे, उन सभी को जल्द प्रारंभ किया। व्यावसायिक संगठनों के लोगों से बात कर उनके सुझावों को आगे बढ़ाया। इस आपदा में हमारे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस बल, भारतीय वायु सेना के जवानों तथा जिला प्रशासन की टीमों के साथ ही स्थानीय लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसी भी आपदा की चुनौती से पार पाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) का सहयोग हमें निरंतर मिलता है। उन्होंने कहा कि इस बार कि चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित बनाने के लिए पूरी तैयारियां की जा रही है। प्रदेश में 08 दिसम्बर 2024 से शुरू हुई शीतकालीन यात्रा के भी अच्छे अनुभव सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री का शीतकालीन यात्रा में कार्यक्रम प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखवा में उनके लिए भी एक अलग प्रकार का अनुभव था। शीतकाल में उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य और भी अद्भुत होता है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री और रूद्रप्रयाग जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि 31 जुलाई 2024 का दिन केदारघाटी के लिए बहुत दुखद दिन था। लेकिन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा के दौरान सबसे आगे खड़े होकर लोगों के अंदर का डर दूर कर यात्रा फिर शुरु करवाने में सफलता हासिल की। केदारनाथ और सिलक्यारा आपदा प्रबंधन इसका उदाहरण है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हर बार सरकार अपनी कार्यकुशलता से आपदा से निपटने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री आपदा के दौरान काम करते हैं, एक कॉफी टेबल बुक तो मुख्यमंत्री पर भी बनाई जा सकती है।

*यूएसडीएमए द्वारा विकसित किए गए डैशबोर्ड की विशेषताएं*

इस डैशबोर्ड से उत्तराखण्ड में आपदा प्रबंधन प्रणाली को अधिक सटीक, त्वरित और पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्टिंग प्रक्रिया तथा एक्शन टेकन रिपोर्ट को डिजिटल बनाया जाएगा। आपदा की घटनाओं का त्वरित विश्लेषण करने एवं उचित निर्णय लेने में सहायता मिलेगी। आपदा संबंधी डेटा को किसी भी स्थान से ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकेगा। सभी जिलों से डिजिटल माध्यम से सूचनाओं का संकलन होगा, आपदा प्रबंधन तंत्र को अधिक प्रभावी एवं डेटा संचालित बनाने में मदद मिलेगी। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब तथा शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर, ऊखीमठ, मुखवा, खरसाली में प्रतिदिन आगमन कर रहे तीर्थयात्रियों एवं वाहनों की सूचनाएं नियमित अपडेट की जाएंगी। आपदाओं के कारण होने वाली जनहानि, पशुहानि तथा परिसंपत्तियों की क्षति, सड़क दुर्घटनाओं का विवरण, आगामी दस दिवस का मौसम पूर्वानुमान, उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों में तैनात आपदा मित्रों की जीआईएस लोकेशन के साथ फोन नंबर, सेटेलाइट फोन की सूचनाएं तथा सड़कों के बाधित होने व खुलने की जानकारी समाहित होगी।

इस अवसर पर विधायक रुद्रप्रयाग श्री भरत चौधरी, उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति श्री विनय रोहिला, मंडी परिषद् के अध्यक्ष श्री अनिल डब्बू, सचिव राज्यपाल श्री रविनाथ रामन, सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस भदौरिया, एडीजी श्री ए.पी. अंशुमान, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए नया नियम: सभी जिलों के अधिकारियों को मिले आदेश।

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उत्तराखंड- उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के तहत एक नया नियम लागू किया है, जिसके अनुसार राज्य के सभी विवाहित सरकारी कर्मचारियों के लिए विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में शासन ने सभी विभागों और जिला अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण और पंजीकृत विवाह की अभिस्वीकृति से संबंधित प्रावधान किए गए हैं। इस नियमावली का विस्तार पूरे उत्तराखंड राज्य में लागू होगा।

प्रत्येक जिले के नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके जिले में कार्यरत सभी विवाहित कर्मचारी अपने विवाह का पंजीकरण समान नागरिक संहिता पोर्टल पर कराएं। इसके अलावा, प्रत्येक जिले से नियमित रूप से इसकी रिपोर्ट सचिव, गृह विभाग को भेजी जाएगी।

मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक विभाग में संबंधित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। यह अधिकारी अपने विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कराएंगे। सभी विवाहित कर्मचारियों को नियमावली में दिए गए प्रावधानों के अनुसार अपने विवाह का पंजीकरण कराना होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समयसीमा भी निर्धारित की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कर प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया।

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मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में आगमन से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को पंख लगेंगे।*

*प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के साथ ही समूचा उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार*

*मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।*

*उत्तरकाशी, ।।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी नेे कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हर्षिल-मुखवा क्षेत्र में आगमन से उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन को काफी बढावा मिलेगा और यह दौरा राज्य की समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हर्षिल-मुखवा क्षेत्र के साथ ही समूचा उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव पर्यटन श्री सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक श्री वी मुरूगेशन सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ हर्षिल-मुखवा क्षेत्र का भ्रमण कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखवा के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण क्षेत्र में आगमन से शीतकालीन यात्रा को पंख लगेंगे। पूरे विश्व में इस यात्रा का प्रचार-प्रसार होगा। जिससे हमारे राज्य में बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटकों का आगमन होना तय है। यह अवसर हमारे राज्य की समृद्धि में बहुत बड़ा योगदान साबित होने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आगमन उत्तराखंड के लिए सदैव बहुत शुभ होता है। केदारानाथ धाम, माणा, आदिकैलाश की प्रधानमंत्री की यात्रा एवं प्रवास के बाद इन जगहों पर आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में काफी अधिक वृद्धि हुई है। इसी तरह इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन के फलस्वरूप राज्य में साढे तीन लाख करोड़ रूपये की लागत के पूंजी निवेश के एमओयूू हुए और अभी तक राज्य में लगभग अस्सी हजार करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश की ग्राउंडिंग शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ होना भी उत्तराखंड के लिए सौभाग्यशाली साबित हुआ है। देवभूमि ने खेलभूमि की प्रतिष्ठा भी अर्जित की है। इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने लंबी छलांग लगाकर सातवां स्थान हासिल किया है, जबकि राष्ट्रीय खेलों मे पिछली बार हम पच्चीसवें स्थान पर थे।

मुख्यमंत्री ने आज अपने स्थलीय निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर हर्षिल से मुखवा तक की गई तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मौके पर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रधानमंत्री जी की यात्रा को स्मरणीय व सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हर्षिल में प्रस्तावित जनसभा के लिए बनाए जा रहे पंडाल, मंच तथा प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण कर कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक धरोहर को प्रदर्शित करने के विशेष प्रबंध किए जांय, जिससे राज्य का समृद्ध पर्यटन और अधिक सशक्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की दिव्यता और आध्यात्मिकता को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में यह यात्रा महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। लिहाजा इस अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जांय।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने गंगा जी के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव जाकर भी तैयारियों को परखा तथा गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र व राज्य की खुशहाली तथा समृद्धि की कामना की।

इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के भ्रमण के मौके पर राज्य के शीतकालीन पर्यटन स्थलों एवं स्थानीय उत्पादों व हस्त शिल्प पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित करने की तैयारी की गई है। इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेत्र के अनछुए व अद्भृुत पर्यटन स्थलों में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए जादुंग , पीडीए तक मोटरबाईक व एटीवी-आरटीवी रैली तथा जनकताल एवं मुलिंगला तक के लिए ट्रैकिंग अभियानों को भी फ्लैगऑफ कराए जाने की तैयारी की गई है।
इस अवसर पर विधायक श्री सुरेश चौहान, पुलिस अधीक्षक श्रीमती सरिता डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी श्री एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी श्री पीएल शाह, प्रभागीय वनाधिकारी श्री डीपी बलूनी, अधीक्षण अभियंता लोनिवि श्री हरीश पांगती सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।