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Monday, June 30, 2025
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महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन ,प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने की निःशुल्क भूमि आवंटित।

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देहरादून

*महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन*

*प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने की निःशुल्क भूमि आवंटित*

*उत्तराखंड के पंडाल में दिखेगी उत्तराखंडी संस्कृति की झलक*

*सीएम धामी के निर्देश पर राज्य के मेलार्थियों को मिलेगी परिवहन सुविधा*

प्रयागराज महाकुंभ-2025 में उत्तराखंड का अपना पवेलियन होगा।

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने उत्तराखंड राज्य को सेक्टर-7 कैलाशपुरी मार्ग, पूर्वी पटरी प्रयागराज में 100×400 वर्ग फिट भूमि निःशुल्क आवंटित कर दी है।

इस भूमि पर उत्तराखंड राज्य का पंडाल सजेगा, जहां मेलार्थियों को उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।

भूमि आवंटन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट किया है।

प्रयागराज महाकुंभ-2025 की तैयारियों के जोर पकड़ने के साथ ही उत्तराखंड में भी मेलार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम शुरू हो गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकुंभ मेले में उत्तराखंड के पंडाल के लिए अलग से भूमि आवंटन का अनुरोध उत्तर प्रदेश सरकार से किया था।

सीएम धामी के आग्रह पर यह भूमि आवंटित कर दी गई है।

प्रदेश सरकार इस पंडाल में मेलार्थियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध करेगी।

पंडाल के माध्यम से उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की झलक भी देश-दुनिया भर से आए मेलार्थियों को देखने को मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज महाकुंभ के मद्देनजर हाल ही में अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड से प्रयागराज महाकुंभ में प्रतिभाग करने वाले साधु संतों और अन्य सभी आम लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाए।

मेलार्थियों की सुविधा के लिए परिवहन की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और राज्य मंत्री बृजेश सिंह ने देहरादून पहुंचकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को महाकुंभ मेले में विशेष रूप से आमंत्रित किया है

मुख्यमंत्री के सचिव डा पराग धकाते से मुलाकात कर शीघ्र डुमक गांव की सड़क का काम शुरू करने की ग्रामीणों ने उठाई मांग।

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देहरादून /
डुमक गांव के सड़क के लिए आंदोलन कर रहे आंदोलनकारीयों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव पराग धकाते से मुलाकात कर शीघ्र डुमक गांव की सड़क का काम शुरू करने की मांग की। इस दौरान आंदोलनकारीयों ने कहा कि जब तक सडक का काम शुरू नहीं होता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

डुमक गांव के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री उत्तराखंड सचिव डॉक्टर पराग धकाते के कार्यालय में उनसे मिले और विस्तार से सैजी लग्गा मैकोट वेमरु स्यूंण डुमक कलगोठ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्य को शुरू करने के संबंध में वार्ता की गई।

सचिव ने बताया कि इस प्रकरण में मुख्यमंत्री के द्वारा तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए गये हैं, और डुमक गांव को सड़क से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में 8 करोड रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की बात कही गई है।उन्होंने मुख्य सचिव से भी वार्ता करने की बात कही और कहा कि सैजी लग्गा स्यूंण से डुमक वाला एलाइनमेंट के लिए हैदराबाद की भू वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया गया है,उनके लिए भी जो बजट शासन से स्वीकृत होना है उस पर कार्रवाई की जाएगी।कहा कि गांव को सड़क से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जाएगा और ग्रामीणों की जनभवनों को देखते हुए सड़क को बनाया जाएगा।

  1. बता दें कि विगत 32 दिनों से ग्रामीण जिला मुख्यालय गोपेश्वर में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। वहीं ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज राजेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में सचिव से मुलाकात की। सचिव ने बताया कहा कि जन भावनाओं के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल में प्रेम सिंह सनवाल ग्राम संघर्ष विकास समिति डुमक के संयोजक, सोवनन सिंह नेगी, कल्प क्षेत्र विकास आंदोलन उर्गम के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी भर्की के युवक मंगल दल अध्यक्ष सुभाष रावत आदि लोग उपस्थित थे।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं-मुख्यमंत्री

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यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं।*

*डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। उत्तराखण्ड की आगामी चारधाम यात्रा के सफल संचालन और सुगम बनाने के लिए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं। 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं। तीर्थ पुरोहितों और स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए। सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के इन चारों धामों की यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। उन्होंने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रियों की हर प्रकार की सुविधा, यातायात प्रबंधन, अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत धामों की धारण क्षमता, यात्रा मार्गों पर विभिन्न व्यवस्थाओं और अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। गत वर्ष चारधाम यात्रा में अत्यधिक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था।इसके बेहतर के लिए भी अभी से पूरी योजना बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर जिन स्थानों पर वाहनों को रोकने की व्यवस्था हो, उन स्थानों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था के साथ ही होटल, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता और अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि चारों धामों के आस-पास के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किये जाएं। शीतकालीन यात्रा के दौरान बेहतर व्यवस्थाएं बनने से चारधाम यात्रा के दौरान भी इससे व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के इन चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों के आस-पास के पौराणिक क्षेत्रों के विकास के साथ ही पंच बद्री और पंच केदार के महत्व के बारे में भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए और इनका सुनियोजित विकास भी किया जाए।

इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गत वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान आई प्रमुख कठिनाइयों और उनके समाधान के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं? चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन और पंजीकरण व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जानकारी दी।

बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री सचिव कुर्वे, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग श्री भाष्कर खुल्बे, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी अंशुमन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया ’’मेरी योजना-राज्य सरकार’’ पुस्तक का विमोचन।

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*सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाना हमारा लक्ष्य*

*हमारा उद्देश्य जनता के लिए केवल योजनाएं बनाना नहीं है, बल्कि सभी योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना भी है-मुख्यमंत्री*

*अब राज्य में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गयी वस्तुओं को प्रतीक के रूप में प्रदान किए जाने की व्यवस्था की जाएगी मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा प्रकाशित ’’मेरी योजना-राज्य सरकार’’ पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य जनता के लिए केवल योजनाएं बनाना नहीं है, बल्कि सभी योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना भी है, जिन योजनाओं का हम शिलान्यास करते हैं उनके लोकार्पण का भी हमारा प्रयास रहता है, ताकि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंच सके। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, इस पुस्तक को तैयार किया गया है, जिसमें सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रकाशित किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक लाभार्थियों को योजनाओं की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने के साथ – साथ आवेदन प्रक्रिया से लेकर आवश्यक दस्तावेजों और पात्रता की जानकारी भी आम जनता तक पहुंचाएगी। इसका लक्ष्य ये सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सके और राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बन सके।

*जब नीयत सही हो, इरादे नेक हों और संकल्प दृढ़ हो, तो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है-मुख्यमंत्री*

उन्होने कहा कि जब नीयत सही हो, इरादे नेक हों और संकल्प दृढ़ हो, तो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है। हमारी योजनाओं का लक्ष्य केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करना ही नहीं है बल्कि एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण करना भी है। मुख्यमंत्री ने घोषण की कि अब राज्य में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गयी वस्तुओं को प्रतीक के रूप में प्रदान किए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस पुस्तक द्वारा हमारी सरकार की जनकल्याणकारी, रोजगारपरक, कौशल विकास व निवेश संबंधी योजनाओं के साथ-साथ अन्य मूलभूत सेवाओं से जुड़ी हुई समस्त जानकारियां राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक आसानी से पहुंच सकेंगी। जिससे पात्र लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सकेंगे। हमारी सरकार अपने “विकल्प रहित संकल्प” के मूलमंत्र के साथ उत्तराखंड को विकास के प्रत्येक मानक पर देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर निरंतर कार्य कर रही है।

*आमजन के हित से जुड़ी योजनाओं, नीतियों, अधिनियमों, शासनादेशों की जानकारी लाभार्थियों के साथ जनमानस को सुगमता से सुलभ हो यह संबंधित विभागों का दायित्व भी है-मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के अधीन विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जनकल्याण एवं आमजन के हित से जुड़ी योजनाओं, नीतियों, अधिनियमों, शासनादेशों की जानकारी लाभार्थियों के साथ जनमानस को सुगमता से सुलभ हो यह संबंधित विभागों का दायित्व भी है। शासन एवं विभागीय स्तर पर बनायी जाने वाली योजनाओं की उद्देश्य परक जनकल्याणकारी जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचेगी तो उन्हें उसका अपेक्षित लाभ भी निश्चित रूप से मिलेगा। सरकारी योजनाओं की जानकारी धरातल तक पहुंचे, यह इस दिशा में किये जाने वाले प्रयासों की सफलता की सार्थकता भी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को जनहित से जुड़ी योजनाओं का लाभ समय पर मिले और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो, इसके लिए सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर खास तौर पर फोकस किया गया है। इस मंत्र की सहायता से प्रदेश में कार्य संस्कृति को बदलने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं।

*विभिन्न योजनाओं कार्यक्रमों की जानकारी सर्वसाधारण को उपलब्ध कराने में यह पुस्तक एक दस्तावेज के रूप में पाठकों एवं शोधार्थियों के लिये भी उपयोगी होगी-मुख्यमंत्री*

उन्होंने कहा कि प्रकाशित पुस्तक मेरी योजना-राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों, आम जनमानस की अपेक्षाओं के अनुरूप सरकार की नीतियों को जन समान्य तक पहुंचाने में निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी। यह पुस्तक निवेशपरक नीतियों, रोजगार एवं स्वरोजगार, कौशल विकास के साथ विभिन्न योजनाओं कार्यक्रमों की जानकारी सर्वसाधारण को उपलब्ध कराने में एक दस्तावेज के रूप में पाठकों एवं शोधार्थियों के लिये भी उपयोगी होगी। साथ ही राज्य के समग्र विकास की संकल्पना को साकार करने में भी यह पहल मद्दगार रहेगी। राज्य के संकल्पों और प्रयासों को पूरा करने तथा विकास का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयासों में भी यह पुस्तक सहयोगी बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कालखण्ड उत्तराखण्ड के लिये आर्थिक समृद्धि सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थावपना संरचना की दृष्टि से उल्लेखनीय रहे हैं। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ सशक्त उत्तराखण्ड /25 की अवधारणा राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये हमने विभिन्न क्षेत्रों में कई नये आयाम स्थापित किये हैं।

*राज्य में विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं प्रभावी ढंग से की जा रही है संचालित- मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आज विभिन्न योजनाएं प्रभावी ढंग से संचालित की जा रही है। अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर प्रदान करना, प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू करना, आंदोलनकारियों को आरक्षण देना, वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा, सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को पुनः प्रारंभ करना, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना, 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा, किसानों को 3 लाख तक ब्याजमुक्त ऋण, महिलाओं और युवाओं हेतु स्वरोजगार की विभिन्न योजनाएं जैसी इस प्रकार की सभी योजनाएं प्रदेश के समग्र विकास और समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं। राज्य में एक लाख लखपति दीदी बनायी जा चुकी हैं।

*उत्तराखंड ईज़ ऑफ डूंइंग बिजनेस की श्रेणी में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर की श्रेणी में भी आया है-मुख्यमंत्री
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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व सुधार किए हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज हमारा राज्य नीति आयोग की रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंचा है। साथ ही उत्तराखंड ईज़ ऑफ डूंइंग बिजनेस की श्रेणी में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर की श्रेणी में भी आया है। इतना ही नहीं, हमारा उत्तराखंड युवाओं को रोजगार देने के मामले में भी देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।

*नकल विरोधी कानून के कारण युवाओं की प्रतिभा का हुआ है सम्मान-मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 जुलाई 2021 को उन्होंने प्रदेश में 24 हजार पदों को भरने की बात कही थी। तब से अब तक 19 हजार पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी है। नकल विरोधी कानून के कारण युवाओं की प्रतिभा का सम्मान हुआ है। उनके खटीमा स्थित कैम्प कार्यालय में कई सम्मानित लोग उनसे मिलकर उनके आश्रितों को निष्पक्षता के साथ सरकारी नौकरी मिलने की बात करते हैं, तो उन्हें संतोष होता है कि राज्य में अब युवाओं के साथ न्याय हो रहा है। राज्य के नौजवानों को स्किल्ड बनाया जा रहा है, प्रवासी उत्तराखंडियों के सम्मेलन के माध्यम से उनके अनुभवों का राज्य के विकास एवं पलायन रोकने में सहयोग लिया जा रहा है।

*आज देश के प्रत्येक नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है-मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय न तो कोई रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने की परंपरा थी और न ही योजनाओं का लाभ सही मायने में लाभार्थियों तक पहुंच पाता था। यहां तक कि कांग्रेस के समय के एक प्रधानमंत्री ने स्वयं सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था, कि दिल्ली से 1 रुपया भेजा जाता है, लेकिन जनता तक पहुंचते-पहुंचते वो 15 पैसे ही रह जाता है। परंतु आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस स्थिति को पूरी तरह बदलते हुए अंत्योदय के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में ठोस कार्य किए हैं। उसी संकल्प के तहत आज देश के प्रत्येक नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है। आज जो सरकार कहती है, उसे न केवल पूरा करती है बल्कि अपने कार्यकाल का पूरा विवरण जनता के समक्ष प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टिकरण के मंत्र के साथ जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं।

इस अवसर पर सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री दीपक गैरोला ने बताया कि राज्य में संचालित जनकल्याणकारी, स्वरोजगार/रोजगारपरक, कौशल विकास/ प्रशिक्षणपरक, निवेशपरक योजनाओं को सरल शब्दों में जनसामान्य तक पहुंचाने हेतु गत वर्ष कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा ’’मेरी योजना’’ पुस्तक का प्रथम संस्करण प्रकाशित किया गया, जिसकी प्रतियां राज्य के समस्त ग्रामप्रधानों/जनप्रतिनिधियों तथा विभागाध्यक्षों एवं राज्य के समस्त राजकीय पुस्तकालयों को वितरित की गयी तथा आमजनमानस को सुगमता से उपलब्ध कराये जाने हेतु पुस्तक की पीडीएफ प्रति उत्तराखण्ड के समस्त विभागों की वैबसाइट में उपलब्ध है। गतवर्ष में पुस्तक को तैयार करते समय कतिपय विभागों की महत्वपूर्ण सूचनाएं/योजनाएं प्राप्त नहीं हो पाई थी तथा कई विभागों की योजनाओं में वर्तमान में परिवर्तन हुआ है। इसलिए पुस्तक की सफलता एवं मांग को देखते हुये तथा कतिपय विभागों की अप्राप्त सूचनाओं एवं अद्यतन सूचनाओं को एकत्रित कर पुनः मुद्रित किये जाने की आवश्यकता महसूस की गयी, फलतः द्वितीय संस्करण के रूप में ’’मेरी योजना’’ पुस्तक मेरी योजना के द्वितीय संस्करण में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी याजनाओं के अद्यतन संशोधन के साथ आयोगों की जानकारी का समावेश किया गया है।

उन्होंने बताया कि शीघ्र ही राज्य हित में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का मेरी योजना केन्द्र सरकार पुस्तक का भी प्रकाशन किया जायेगा। साथ ही योजनाओं की आम जनता तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिये विभागीय वेबसाइट के माध्यम से सॉफ्टवेयर तैयार करने का भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा विकासखण्ड स्तर तक योजनाओं का अनुश्रवण किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक श्री प्रमोद नैनवाल, सचिव श्री दीपेन्द्र चौधरी, महानिदेशक यूकॉस्ट दुर्गेश पंत, अध्यक्ष श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति श्री अजेन्द्र अजय, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस एस नेगी, उच्च शिक्षा उन्नयन के उपाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र भसीन, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर उत्तराखण्ड संस्कृति कला परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती मधु भट्ट, दायित्वधारी श्री कैलाश पंत, विनोद उनियाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगी समान नागरिक संहिता – मुख्यमंत्री

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उत्तराखण्ड।।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस तरह उत्तराखंड, आजादी मे बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला प्रदेश बन जाएगा।

बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक के दौरान सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संकल्प के अनुसार, समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में होमवर्क पूरा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति, गठित करने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा से समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित किया गया। इस विधेयक पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च, 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसी क्रम में अब समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली है। इस तरह उत्तराखंड अब जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए, संहिता के प्रावधान लागू करने के लिए कार्मिकों का समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही सभी तरह की आधारभूत सुविधाएं जुटा ली जाएं। साथ ही अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन रखते हुए, जनसामान्य की सुविधा का ख्याल रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

*जनवरी, 2025 में उत्तराखंड में राज्य समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की मूल भावना पर चलते हुए, समाज को नई दिशा देगा। यह कानून विशेषकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलेगा।*

 

श्री भैरवनाथ मन्दिर क्षेत्र में वायरल वीडियो का संज्ञान- रुद्रप्रयाग पुलिस ने दर्ज की संबंधित व्यक्ति, ठेकेदार और कंपनी पर हुई FIR

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रुद्रप्रयाग।।

*धार्मिक भावनाओें को आहत करने सम्बन्धी सुसंगत धारा में कोतवाली सोनप्रयाग पर किया गया अभियोग पंजीकृत*

जिसमें स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि श्री भैरव मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में एक व्यक्ति भैरव मन्दिर परिसर में जूतों सहित घूमते हुए तथा हाथ में पकड़े डंडे से भैरवनाथ मंदिर की मूर्तियों से छेड़छाड़ करते हुए दिखाई दे रहा है।

उक्त घटनाक्रम पर जनपद पुलिस के स्तर से तत्काल प्रारम्भिक जांच की गयी तथा प्रथम दृष्टतया उक्त वीडियो थोडा पुराना पाया गया।

वीडियो में दिख रहा व्यक्ति केदारनाथ पुर्ननिर्माण कार्यों में लगी गावर कम्पनी का मजदूर होना जानकारी में आया है।

जनपद पुलिस के स्तर से इस मामले में कोतवाली सोनप्रयाग पर *मु.अ.सं. 73/2024 धारा 298 व 331 भारतीय न्याय संहिता (अभियुक्तगणों द्वारा श्री केदारनाथ धाम मन्दिर के निकट स्थित भैरवनाथ मन्दिर में जूते पहनकर प्रवेश कर हाथ में पकड़े डण्डे से मूर्तियों से छेड़छाड़ कर धार्मिक भावनायें आहत करने, गृहभेदन)* के सम्बन्ध में सज्जन कुमार व संबंधित ठेकेदार एव संबंधित कंपनी के कर्मचारी के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।

*जनपद पुलिस के स्तर से जल्द ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाएगी, जिस हेतु विशेष टीम का गठन किया गया है।*

घास काटने गई बुजुर्ग महिला को बाघ ने बनाया निवाला, गुस्साए ग्रामीणों ने किया NH जाम

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रामनगर- घास काटने के लिए गई रिंगोड़ा गांव की एक बुजुर्ग महिला को बाघ ने अपना शिकार बना लिया। महिला की मौत के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश हैष गुस्साए ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर तक शव को पैदल गांव लेकर पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने हाईवे पर जाम लगा दिया।

रामनगर के रिंगोड़ा गांव की बुजुर्ग महिला तुलसी देवी (60) अपने साथियों के साथ घास काटने के लिए गई थी। इसी दौरान बाघ ने उसे अपना निवाला बना लिया। मिली जानकारी के मुताबिक हाईवे के किनारे सभी महिलाएं घास काट रही थी। इसी दौरान आदमखोर ने तुलसी देवी पर हमला कर दिया। आदमखोर महिला को अपने साथ घसीटते हुए कोसी नदी की ओर लेकर चला गया।

हमले की जानकारी तुलसी देवी के साथ घास काट रही महिलाओं ने गांव जाकर ग्रामीणों और वन विभाग को दी। जिसके बाद ग्रामीणों और वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची। काफी ढूंढने के बाद महिला का शव कोसी नदी की ओर 500 मीटर की दूरी पर पड़ा हुआ मिला। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश है।घटना के बाद ग्रामीण दो किलोमीटर तक पैदल चलकर शव को लेकर अपने गांव पहुंचे। इसके बाद उन्होंने हाईवे पर जाम लगा दिया। जिसके बाद रामनगर वन प्रभाग के एसडीओ अंकित बडोला, कोसी रेंजर शेखर तिवारी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण डीएफओ को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे हैं

उत्तराखंड शासन ने चार आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों के किए ट्रांसफर।

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देहरादून

उत्तराखंड शासन ने चार आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों के किए ट्रांसफर,

आईएएस अधिकारी हिमांशु खुराना को अपर सचिव जलागम अपरदेशक जलागम के दी गई जिम्मेदारी,

आईएएस अधिकारी सुश्री नमामि बंसल को नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून बनाया गया,

आईएएस अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य से प्रबंध निदेशक जीएमवीएन की जिम्मेदारी हटाई गई,

आईएएस अधिकारी विशाल मिश्रा से नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी की जिम्मेदारी हटाकर , प्रबंध निदेशक जीएमवीएन की जिम्मेदारी दी गई,

पीसीएस अधिकारी जयवर्धन शर्मा बने अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरिद्वार,

पीसीएस अधिकारी योगेंद्र सिंह बने अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़,

पीसीएस अधिकारी श्रीमती रिचा सिंह बनी नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी,

केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को आपदा प्रबन्धन हेतु स्वीकृत किये 1480 करोड,मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री सहित केन्द्र सरकार का जताया आभार।

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आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है उत्तराखण्ड।*

*आपदा राहत एवं बचाव कार्यो के साथ आपदा प्रबन्धन के प्रभाव को कम करने में इससे मिलेगी मदद-मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को आपदा प्रबन्धन हेतु 1480 करोड की धनराशि स्वीकृत किये जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गई इस धनराशि से राज्य में आपदा के समय आपदा राहत एवं बचाव कार्यो के साथ आपदा के प्रभाव को कम करने में इससे बडी मदद मिलेगी।
उत्तराखण्ड में आपदा प्रबन्धन को सृदृढ़ और रिस्पांस टाईम को कम करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा ₹1480 करोड़ की विश्व बैंक सहायतित परियोजना ‘‘उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एण्ड रेजीलियेंट प्रोजेक्ट (यू-प्रिपेयर)’’ स्वीकृत की गई है।
इस परियोजना के अन्तर्गत 45 सेतुओं, 8 सड़क सुरक्षात्मक उपाय, 10 आपदा आश्रय गृहों का निर्माण, 19 अग्निशमन केन्द्रों का निर्माण/सुदृढ़ीकरण, राज्य आपदा प्रतिवादन बल हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों का निर्माण के साथ-साथ वन विभाग के अन्तर्गत वनाग्नि नियंत्रण संबंधी कार्य किए जाएंगे।

ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन को सुदृढ एवं आपदा के समय रिस्पांस टाइम को कम करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा रू0 1480 करोड की विश्व बैंक सहायतित 05 वर्षीय परियोजना ‘‘उत्तराखण्ड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एण्ड रेजीलियेंट (यू-प्रिपेयर)’’ स्वीकृत की गई है, जिसका ऋण हस्ताक्षर दिनांक 16 दिसम्बर, 2024 को केन्द्र सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं विश्व बैंक के मध्य किया गया। इस परियोजना के अन्तर्गत 45 सेतुओं, 08 सडक सुरक्षात्मक उपाय, 10 आपदा आश्रय गृहों का निर्माण, 19 अग्निशमन केन्द्रो का निर्माण/सुद्ढीकरण, राज्य आपदा प्रतिवादन बल हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों का निर्माण के साथ-साथ वन विभाग के अन्तर्गत वनाग्नि नियंत्रण संबंधी कार्य किये जाने है।

मुख्यमंत्री ने जौनपुर क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास महोत्सव में किया प्रतिभाग।

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मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं कर क्षेत्रवासियों को दी विकास की सौगात।

*उत्तराखंड की लोक संस्कृति है समृद्ध संस्कृति

टिहरी।  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रा.इ.कॉ. गरखेत नैनबाग टिहरी गढ़वाल पहुंचकर जौनपुर क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास महोत्सव में प्रतिभाग किया। समिति द्वारा मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत करते हुए कोट एवं टोपी पहनाकर सम्मान किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने द्वारगढ़ से हिंगोती भद्रराज मंदिर तक 6 किलोमीटर मोटर मार्ग निर्माण, अगलाड़ थत्यूड़ मोटर मार्ग किमी 10 से ठक्कर कुदाऊं , खास कुदाऊं होते हुवे स्वेल चक तक 4 किमी मोटर मार्ग निर्माण , गरखेत में स्थाई हैलीपेड निर्माण, जौनपुर क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास महोत्सव को राजकीय मेला घोषित करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि महोत्सव में पहुंचकर उन्हें हर्ष की अनुभूति हुई। महोत्सव द्वारा खेल, विकास, लोक संस्कृति एवं परंपराओं को संजोए रखने के साथ ही उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी संस्कृति, बोली-भाषा का संरक्षण करने, पूर्वजों की विरासत को सहज कर रखने की बात कही गई, जिसके लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि मेले प्रेम, स्नेह, अपनत्व की भावना बढ़ने के साथ ही सामरिक एवं सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति हमारी मूल पहचान है। हमारे प्रवासी भाई और बहनों द्वारा सात समुंदर पार भी अपनी संस्कृति को जीवित रखने का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनी बोली भाषाओं के साहित्य सृजन एवं प्रोत्साहन देने हेतु उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान दिया जा रहा है। फिल्म नीति बनाई गई है जिसके तहत विभिन्न स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित कर फिर निर्माण हेतु धनराशि दी जा रही है। सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों को भव्य रूप देने के लिए पुनर्निर्माण के कार्य किए जा रहे हैं। उत्तराखंड के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पलायन रोकथाम एवं समग्र विकास के कार्य किए जा रहे हैं। शासकीय सेवाओं में नौकरी सृजन के साथ ही दुग्ध, मौन पालन, कृषि, बागवानी, होमस्टे आदि क्षेत्रों में कार्य कर स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। महिला समूह द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की मांग आज देश-विदेश में काफी बढ़ रही है।

पहाड़ी उत्पादों का पहचान दिलाने के लिए हाउस ऑफ हिमालया ब्रांड के उच्च गुणवत्ता के उत्पाद राज्य में ही नहीं अपितु राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है। उत्तराखंड की एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी है और सवा लाख तक के लक्ष्य को जल्द पूरा करेंगे। किसानों को 3 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पिछले साढ़े तीन साल में सरकारी सेवाओं में उन्नीस हजार नौकरियां प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजनों के कारण ही हमारी लोक संस्कृति और भी अधिक सुदृढ़ होती है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अद्भुत कार्य करने के लिए उन्होने आयोजकों के प्रयासों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि सरकार सख्त भू कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है और इसके लिए शासन-प्रशासन स्तर पर सुझाव मांगे जा रहे हैं। जल्दी ही भू कानून का प्रारूप तैयार किया जाएगा और जिन लोगों ने गलत तरीके से उत्तराखंड में भूमि खरीदी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस मौके पर धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने मुख्यमंत्री द्वारा महोत्सव में प्रतिभाग करने पर क्षेत्रीय जनता की ओर से आभार व धन्यवाद प्रकट किया। इस दौरान उन्होंने सरकार के विकास कार्यों एवं उपलब्धियों को गिनाते हुए क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष मांग पत्र रखा।

इस अवसर पर विधायक राजपुर खजान दास, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, अध्यक्ष ओबीसी आयोग संजय नेगी, निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख/प्रशासक सीता रावत, डीएम मयूर दीक्षित, प्रभारी एसएसपी सरिता डोभाल, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मनमोहन मल्ल सहित सुभाष रमोला मेला समिति के अध्यक्ष सुरेश पंवार सहित जनप्रतिनिधिगण व क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।