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Friday, June 27, 2025
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केदारनाथ धाम को संचालित होने वाली हेली सेवाओ में टिकटों की कालाबाजारी व ओवररेट होने पर रुद्रप्रयाग पुलिस ने हेलीपैडों पर जाकर की ताबड़तोड़ छापेमारी।

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पुलिस की कार्यवाही से मचा हड़कम्प*

*गुप्तकाशी व फाटा क्षेत्रान्तर्गत संचालित 02 संदिग्ध होटल स्वामियों को पुलिस ने लिया हिरासत में

जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित श्री केदारनाथ धाम जाने हेतु हैलीकॉप्टर टिकटों की ठगी तथा कालाबाजारी व ओवररेटिंग की शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु एसपी रुद्रप्रयाग श्री अक्षय प्रहलाद कोंडे ने थाना प्रभारी गुप्तकाशी व एसओजी की टीम को निर्देशित किया गया था।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग के निर्देशन में जनपद पुलिस के स्तर से आज गुप्तकाशी व फाटा क्षेत्रान्तर्गत संचालित हो रही विभिन्न हैली सेवा प्रदाता कम्पनियों पर छापेमारी की गयी। इस दौरान पुलिस के स्तर से सम्बन्धित हैली सेवा प्रदाता कम्पनियों के स्टाफ व हैलीपैड पर मौजूद यात्रियों व लोगों से आवश्यक पूछताछ की गयी। हालांकि इस दौरान पुलिस को किसी भी प्रकार की शिकायतें नहीं मिली परन्तु पुलिस कार्यवाही से विभिन्न हैलीपैडों पर हड़कम्प मचा रहा। वहीं पुलिस को मिली शिकायत के आधार पर गुप्तकाशी व फाटा क्षेत्रान्तर्गत संचालित 02 होटल स्वामियों को हिरासत में लिया गया है, जिनके विरुद्ध ईमेल के माध्यम से यात्रियों से ओवररेटिंग कर हैलीकॉप्टर टिकट दिलाये जाने की शिकायतें मिली थीं। पुलिस के स्तर से इनसे आवश्यक पूछताछ की जा रही है। इनकी किसी भी प्रकार की संलिप्तता पाये जाने पर उचित वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

 

उत्तराखण्ड में Uniform Civil Code लागू करने की दिशा में बढ़ा एक और कदम, आज नियमावली का प्रारूप कमेटी ने सीएम धामी को सौंपा

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Uniform Civil Code उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की राह प्रशस्त नियमावली का प्रारूप आज समिति ने सौंपा। सरकार प्रारूप का अध्ययन करने के बाद इसे अंतिम रूप देगी। समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि समिति के पास प्रकाशित प्रारूप आ चुका है। नियमावली के प्रविधानों के अनुसार मोबाइल एप भी तैयार किया गया है।

*प्रारूप का अध्ययन करने के बाद अंतिम रूप देगी सरकार*

दो साल और पांच माह के इंतजार के बाद अब प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की राह प्रशस्त हो गई है। समान नागरिक संहिता की नियमावली तैयार करने वाली समिति शुक्रवार को इसका प्रारूप मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा।


सरकार प्रारूप का अध्ययन करने के बाद इसे अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट में प्रस्तुत करेगी। कैबिनेट से पारित होने के पश्चात नियमावली अस्तित्व में आ जाएगी। मुख्यमंत्री धामी कह चुके हैं कि राज्य स्थापना दिवस तक समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर दिया जाएगा।

समिति ने दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपा था ड्राफ्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव में किए गए वादे को पूरा करते हुए 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता का प्रारूप बनाने के लिए समिति का गठन किया। समिति ने दो फरवरी 2024 को इसका ड्राफ्ट सरकार को सौंपा।

इसके बाद सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर समान नागरिक संहिता विधेयक को सदन से पारित कराया। 11 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इसे मंजूरी प्रदान कर दी। इस अधिनियम को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसने नियमावली पर कार्य शुरू किया।

*वेबसाइट और मोबाइल एप लगभग बनकर तैयार*

प्रस्तावित नियमावली में विवाह का पंजीकरण, लिव इन की सूचना और वसीयत आदि की जानकारी समान नागरिक संहिता की वेबसाइट और मोबाइल एप के माध्यम से भी दर्ज किया जाना प्रस्तावित है।वेबसाइट और मोबाइल एप लगभग बनकर तैयार हो चुके हैं। इन्हें प्रस्तावित नियमावली के अनुसार बनाया गया है। सरकार यदि नियमावली में कोई बदलाव करती है तो फिर इसमें भी बदलाव करने होंगे

समिति ने इसी सात अक्टूबर को प्रारूप को अंतिम रूप देते हुए इसे प्रकाशन को भेजा था। अब यह प्रारूप बनकर आ चुका है। समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि समिति के पास प्रकाशित प्रारूप आ चुका है। इसे शुक्रवार को सरकार को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोशिश की गई है कि नियमावली आम नागरिक के लिए सुलभ व सरल हो।

शीतकाल के लिए चतुर्थ केदार रूद्रनाथ धाम के कपाट हुए बंद।

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रुद्रनाथ (चमोली)-

जय रुद्रेश के जयकारे के साथ उच्च हिमालई चतुर्थ केदार और एकानन स्वरूप श्री रुद्रनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद।उत्तराखंड के उच्च हिमालय रुद्र क्षेत्र में विराजमान पंच केदारों में एक प्रमुख केदार भगवान श्री रुद्रनाथ जी के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए पूरे विधि विधान के साथ आज ब्रह्म मुहूर्त में बंद हो गए हैं। अब भगवान रुद्रनाथ की शीतकालीन पूजा गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में संपन्न होगी।

करीब 11,808 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में पहुंचने के लिए कई बुग्याल पार कर 19 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। कपाट बंद होने से पूर्व राजा सगर की आराध्य देवी मां चंडिका ने अपने नेम निशान सहित देवरा बारीदारों के साथ श्री रुद्रनाथ भगवान के मंदिर में देव भेंट की। जिसके बाद मां चंडिका देवी की देवरा यात्रा भी रुद्रनाथ जी के कपाट बंद होने पर चल विग्रह डोली के साथ लौट आई।

बता दें की बृहस्पतिवार (आज) 17 अक्तूबर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ जी का प्रातः कालीन अभिषेक, पूजाएं संपन्न होने के बाद भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर के लिए रवाना हो गई है। मंदिर परिसर में मौजूद सैकड़ो श्रद्धालु इस अलौकिक अवसर के साक्षी बने। उच्च हिमालई शिव धाम श्री रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शंकर के एकानन यानि मुख की पूजा की जाती है, जबकि संपूर्ण शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में की जाती है।

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव की घोषणा होते ही जिला प्रशासन हुआ सक्रिय,चुनाव में 08 उड़नदस्ता, 06 स्थैटिक निगरानी व 04 वीडियो टीमें करेगी निगरानी।

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रुद्रप्रयाग।।केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन के दृष्टिगत विधानसभा वार निगरानी टीमों का गठन किया गया है जो आवंटित क्षेत्रों में लगातार निगरानी करेंगी। टीमें सक्रियता के साथ चरणबद्ध तरीके से कार्य करेंगी। अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को इस उद्देश्य से पारितोषण देना जिससे उस व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति को निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे अथवा स्वयं अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए पारितोषण रिश्वत की श्रेणी में आएगा। ऐसे अपराध के लिए एक वर्ष का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके नियंत्रण हेतु निगरानी टीमों का गठन किया गया है।
अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राणा ने सर्वसाधारण को सूचित करते हुए कहा कि धारा-171 (सी) आईपीसी के अंतर्गत जो कोई व्यक्ति निर्वाचन अधिकार के निर्वाध प्रयोग में जानबूझकर हस्तक्षेप करता है अथवा हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है ऐसे व्यक्ति को भी एक वर्ष का कारावास व जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा।
उन्होंने इसके लिए केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन की तैयारियों से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन व्यय परीक्षण व आदर्श आचार संहिता के परिपालन हेतु विधान सभावार कुल 08 उड़न दस्ता दल, 06 स्थैटिक निगरानी टीम सहित 04 वीडियो टीमों का गठन किया गया है जो आवंटित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर अथवा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन की शिकायत पर तत्काल संबंधित स्थल पर जाएगी। साथ ही नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। उन्होंने बताया कि उड़नदस्ता टीम की ट्रैकिंग जीपीएस मोबाइल एप के माध्यम से नियंत्रण कक्ष से निगरानी की जाएगी। यह टीम चरणबद्ध तरीके से 24×7 की तर्ज पर कार्य करेगी।

केदारनाथ विधान सभा की जंग में कौन मारेगा बाजी:भाजपा व कांग्रेस पार्टी का टिकट वितरण तय करेगा जीत और हार ।।

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केदारनाथ उपचुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो चुका है। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों अब चुनावी मोड में नजर आ रही है। चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस का क्या कहना है

मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव की तारीख का ऐलान किया। 20 नवंबर को केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी। 22 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी… ऐसे में कांग्रेस और भाजपा के अंदर अब तैयारी तेज होने लगी हैं । भाजपा विधायक शैला रानी रावत के निधन से केदारनाथ सीट खाली हुई है। ऐसे में भाजपा के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव भी है कि उसे अपनी सीट को फिर से जितनाहै। बद्रीनाथ और मंगलौर में हुई विधानसभा उपचुनाव में हार भाजपा के लिए बहुत बड़ी है … ऐसे में इस बार केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा को हर हालत में जितना होगा। चुनावी तैयारियों के बीच भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी इसलिए भी है इस बार उप चुनाव में दावेदार तो बहुत है सूची भी लंबी है .. लेकिन उसमें जिताऊ कौन होगा ये देखने वाली बात है और उसी के लिए राजनैतिक दल मंथन भी कर रहे है। भाजपा के पास दिवंगत विधायक की पुत्री ऐश्वर्य रावत है जिनके पास मां की विरासत और उनके नहीं रहने की सिंपैथी, पूर्व विधायक आशा नौटियाल जिनका अपना वोट बैंक है उस क्षेत्र में मौजूद है, तीसरे नंबर पर कुलदीप रावत जो 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय होकर चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे, राज्यमंत्री चंडीप्रसाद भट्ट भी दावेदारों की सूची में नाम लिखवा चुके है,इसी प्रकार से कांग्रेस में भी पूर्व विधायक मनोज रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत,  प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का नाम भी चर्चाओं में है। इसलिए सियासी दल दावेदारों में भी जिताऊ कैंडिडेट की तलाश कर रहे है। चुनावी कार्यकर्म घोषित हो चुका है जिसमें 22 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी । इसलिए सियासी दलों की चिंता और बढ़ गई है।

चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है हमारी तैयारी पूरी है। आज या कल में प्रत्याशियों का पैनल केंद्र को भेजा जाएगा … इसके बाद केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड प्रत्याशी का चयन करेगा … जो भी प्रत्याशी होगा सभी लोग उसके साथ लगकर चुनाव जीतने में काम करेंगे। महेंद्र भट्ट का कहना है कि राज्य सरकार ने केदारनाथ आपदा से लेकर पुनर्निर्माण में काफी कार्य किए हैं आम जनता राज्य की पुष्कर धामी सरकार को पसंद करती है,केदारनाथ भाजपा की सीट है,इसलिए भाजपा इस सीट को फिर जीतेगी।

केदारनाथ उप चुनाव को लेकर कांग्रेस भी जोश में नजर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि पिछले दो उपचुनाव जीतकर कांग्रेस ने प्रदेश में रिकॉर्ड बनाया प्रदेश में पहली बार राज्य सरकार उप चुनाव हारी है। ऐसे में कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ केदारनाथ विधानसभा का उपचुनावलड़ेगी। सरकार ने केदारनाथ धाम और केदार घाटी की अवहेलना की है कोई विकास नहीं किया इसलिए जनता इस बार कांग्रेस को चुनेगी

केदारनाथ चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस जीत का दावा कर रहे हैं…. भाजपा जहां केदारनाथ सीट को खुद की सीट बताते हुए जीत का दावा के रही है,वहीं कांग्रेस का कहना है कि जिस तरीके से बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव पार्टी ने जीता है इस रणनीति के तहत कई मुद्दों को बुनकर केदारनाथ सीट भी कांग्रेस जीतेगी ऐसे में देखना ही होगा कि आखिरकार जब केदारनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव के नतीजे आते हैं तो कौन सा दल चुनाव जीतने में कामयाब होता है।

केदारनाथ विधानसभा सामान्य निर्वाचन हेतु निर्वाचन संबंधित कार्यक्रम की घोषणा।

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निर्वाचन संबंधी अधिसूचना की तिथि 22 अक्टूबर को होगी जारी*

*20 नवंबर को मतदान तथा 23 नवंबर को होगी मतगणना*

*जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन के संबंध में प्रेस को दी जानकारी*

रुद्रप्रयाग।। जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने प्रेस को जानकारी देते हुए अवगत कराया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की जनपद रुद्रप्रयाग की 07- केदारनाथ विधानसभा उप निर्वाचन हेतु कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। जिसके तहत 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने की तिथि है तथा 29 अक्टूबर को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि है। 30 अक्टूबर को नाम निर्देशन पत्रों की जांच की जाएगी। 04 नवंबर को नाम वापसी की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा तथा मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि आयोग द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि उक्त उप निर्वाचन 01 जनवरी, 2024 की अर्हता तिथि के आधार पर 22 जनवरी, 2024 को प्रकाशित फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के आधार पर संपादित किया जाएगा। हालांकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि तक निर्वाचक नामावली की निरंतर अद्यतन प्रक्रिया के आधार पर जारी रहेगी। उक्त उप निर्वाचन में ईवीएम और वीवीपैट्स का प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा उल्लेखित किया गया है कि निर्वाचन के दौरान मतदाता की पहचान हेतु फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र मुख्य दस्तावेज होगा। निर्वाचक नामावली में दर्ज मतदाता को उसके मताधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा एवं उसकी पहचान के लिए आयोग द्वारा निम्नलिखित वैकल्पिक दस्तावेजों को प्रस्तुत किया जा सकता है। जिसमें आधार कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, बैंक/डाक घर द्वारा जारी पासबुक, श्रम मंत्रालय योजना के अंतर्गत जारी स्ववास्थ् बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाईसेंस, पेन कार्ड आदि दस्तावेजों के आधार पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। उप निर्वाचन में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के संबंध में आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनलों में जानकारी तीन बार निर्धारित प्रारूप/समय पर प्रकाशित-प्रसारित की जानी होगी।
उन्होंने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन में 173 मतदान स्थल हैं। जिसमें 90 हजार, 5 सौ 40 कुल मतदाता हैं जिसमें 44 हजार 7 सौ 65 पुरुष तथा 45 हजार 7 सौ 75 महिला मतदाता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधान सभा में 02 जोनल मजिस्ट्रेट तथा 07 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा के 24 घंटे के अंदर किसी भी शासकीय कार्यालय, परिसर, भवन आदि से सभी प्रकार के बैनर, पोस्टर, पम्पलेट, झंडे, होर्डिंग, वाल पेंटिंग हटवाए जाने होंगे। साथ ही 48 घंटे के अंदर विभिन्न जन संपत्तियों बस स्टेंड, रोडबैज, सरकारी बस, विद्युत टेलीफोन, नगर पालिका परिषद आदि से सभी प्रकार की अनाधिकृत राजनैतिक पोस्टर, बैनर आदि हटाने होंगे। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के 72 घंटे के अंदर विभिन्न निजी संपत्तियों से सभी प्रकार के अनाधिकृत राजनैतिक प्रचार सामग्री हटाई जानी होगी।

उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश।

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नई दिल्ली :-सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार के उस स्टे को खारिज कर दिया, जिसे सरकार ने बजट की कमी का हवाला देते हुए लगाया था।

हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी⤵️

2018 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उपनल कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया था कि सभी उपनल कर्मचारियों को एक वर्ष के भीतर चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए। लेकिन राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए स्टे हासिल करने में सफल रही थी। सरकार ने अदालत में यह तर्क दिया था कि कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए पर्याप्त बजट नहीं है। इस पर उपनल संघ ने सवाल उठाया कि जहां एक ओर सरकार महंगे वकीलों पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, वहीं अल्प वेतन पर काम कर रहे कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने न केवल उपनल कर्मचारियों के संघर्ष को मान्यता दी, बल्कि सरकार को आदेश दिया कि कर्मचारियों को अब चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए।

उत्तराखंड उपनल संविदा संघ ने इस जीत को सभी कर्मचारियों की सामूहिक एकजुटता का परिणाम बताया है। कुंदन सिंह बनाम उत्तराखंड सरकार मामले में संघ ने वर्षों से यह लड़ाई लड़ी है। संघ के जिला अध्यक्ष हरीश नग़ी ने कहा, “जिन कर्मचारियों ने इस संघर्ष के लिए आर्थिक सहयोग दिया, वे हमेशा आभारी रहेंगे।” वहीं, प्रदेश अध्यक्ष मनोज शर्मा ने इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिवक्ता का आभार व्यक्त किया।

जिला महामंत्री अनिल कोठियाल ने उन सभी कर्मचारियों और समर्थकों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस संघर्ष पर विश्वास बनाए रखा। उन्होंने कहा, “हम उन आलोचकों का भी धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमें मजबूत बनाने में योगदान दिया।”

अब सरकार के सामने चुनौती⤵️

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार के सामने अब कर्मचारियों को नियमित करने की चुनौती खड़ी हो गई है। सरकार को जल्द ही चरणबद्ध योजना तैयार कर सभी उपनल कर्मचारियों को नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यह फैसला न केवल उपनल कर्मचारियों के अधिकारों की जीत है बल्कि राज्य सरकार के लिए एक बड़ा सबक भी है कि कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करना अब संभव नहीं है।

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना में उत्तराखंड को मिल सकती हैं 150 इलेक्ट्रिक बस।

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देहरादून

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना में उत्तराखंड को मिल सकती हैं 150 इलेक्ट्रिक बस,,,

सरकार ने भुगतान प्रबंधन तंत्र (पीएसएस) को मंजूरी देते हुए रोडवेज के देहरादून और हरिद्वार में इंटरसिटी बस सेवा के प्रस्ताव को दी हरी झंडी,,,

सौ बसें देहरादून और 50 बसें हरिद्वार डिपो के लिए प्रस्तावित,,,

इलेक्ट्रिक बसों के मिलने से यात्रियों को मिलेगी सुविधा,,,

दून से ऋषिकेश, हरिद्वार, मसूरी, विकासनगर के लिए शुरू होंगी इंटरसिटी सेवाएं

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव तिथि हुई तय,20 नवम्बर को बोटिंग व 23 नवम्बर को होगी मतगणना।

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। विधानसभा में उप चुनाव 20 नवम्बर को होगा। जबकि मतगणना 23 नवम्बर को होगी। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तिथि की घोषित करते हुए केदारघाटी में राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। केदारनाथ विधानसभा में कुल 90518 वोटर हैं जिनमें से पुरुष- 44676 और महिला 45822 मतदाता है।

केदारनाथ उप चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता

22 अक्टूबर से शुरू होगी उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया

29 अक्टूबर को नामांकन की आँखिरी तारीख़

4 नवंबर को नामांकन वापसी का आँखिरी दिन

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को होगा मतदान

23 नवंबर को होगी मतगणना

 

केदारनाथ उप चुनाव की घोषणा होते ही केदारघाटी में चुनावी माहौल गर्मा गया है। हालांकि अभी भी भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है किंतु संभावित दावेदारों ने पहले ही क्षेत्र में अपना जन सम्पर्क शुरू कर दिया है। बताते चलें कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी। बदरीनाथ और मंगलौर उप चुनाव हार के बाद भाजपा इस सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।

23 नवम्बर को होगी मतों की गिनती

प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा क्षेत्रीय विकास के लिए पूर्व में कई घोषणाएं की है जबकि कई वरिष्ठ मंत्रियों ने केदारघाटी का भ्रमण कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की दिशा में पहल की। उम्मीद जताई जा रही है कि इस सीट पर भी मुकाबला रोचक हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि भाजपा से टिकट न मिलने की स्थिति में कुलदीप रावत निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। जबकि भाजपा-कांग्रेस के अलावा निर्दलीय, माकपा, यूकेडी और आप प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।

यह है प्रमुख दावेदार-
भाजपा से आशा नौटियाल, कुलदीप रावत, , ऐश्वर्या रावत, 
कांग्रेस से मनोज रावत, डॉ हरक सिंह रावत, 
निर्दलीय- त्रिभुवन चौहान।

रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों चिकित्सा निदेशालय का वरिष्ठ सहायक हुआ गिरफ्तार।

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  • देहरादून- विजिलेंस की राजधानी देहरादून में बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। विजिलेंस की टीम ने चिकित्सा निदेशालय काे वरिष्ठ सहायक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद से हड़कंप मच गया है।विजिलेंस की टीम ने चिकित्सा निदेशालय के वरिष्ठ सहायक को छह हज़ार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

बीते दिनों विजिलेंस ने लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई करके रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ एक्शन जारी रखा है। वही विजिलेंस की टीम द्वारा आज एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड के वरिष्ठ सहायक मुकेश कोटियाल को 6 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

शिकायतकर्ता की ओर से पहले ही सतर्कता अधिष्ठान में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि कोटियाल ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल पास करने के एवज में 8,500 रुपये की मांग की थी, जिसमें से 2,500 रुपये पहले ही दिए जा चुके थे। सतर्कता विभाग के एसपी धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि आरोपी को आज रिश्वत की शेष राशि लेते हुए टीम ने पकड़ा। आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विजिलेंस की टीम द्वारा आरोपी से पूछताछ और अग्रिम कार्रवाई जारी है।