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Tuesday, June 24, 2025
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उत्तराखंड की 4000 महिला अभ्यर्थियों को टाटा में नौकरी का अवसर* *-राज्य सरकार के नियोजन विभाग को देश की नामी टाटा कंपनी ने पत्र भेजकर कराया अवगत।

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*उत्तराखंड की 4000 महिला अभ्यर्थियों को टाटा में नौकरी का अवसर*

*-राज्य सरकार के नियोजन विभाग को देश की नामी टाटा कंपनी ने पत्र भेजकर कराया अवगत*

*-तमिलनाडु के होसुर एवं कर्नाटक के कोलार स्थित टाटा प्लांट्स के लिए होनी है नियुक्ति*

*मुख्यमंत्री का लगातार रोज़गार सृजन पर है ज़ोर, उनके प्रयासों का दिख रहा असर*

उत्तराखंड के युवाओं को सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में, राज्य के नियोजन विभाग को देश की नामी कंपनी टाटा ग्रुप से पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें टाटा ने अपने कर्नाटका स्थित प्लांट में उत्तराखंड की 4000 महिला अभ्यर्थियों को एनपीएस एवं एनएटीएस कार्यक्रम के अंतर्गत जॉब वेकैंसी निकाने जाने की जानकारी दी है। जल्द ही टाटा समूह इन कार्यक्रमों के अंतर्गत राज्य में नियुक्त प्रक्रिया प्रारंभ करेगा।
राज्य की पुष्कर धामी सरकार निरंतर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। राज्य के विभिन्न सरकारी विभागों के अलावा निजी क्षेत्र व स्वरोजगार के क्षेत्र में युवाओं को अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। युवाओं को देश-विदेश में भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
अब टाटा समूह की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तराखंड से 4000 महिला अभ्यर्थियों की भर्ती की विज्ञप्ति निकाली है। टाटा समूह के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर रंजन बंदोपाध्याय की ओर से इस सिलसिले में राज्य के नियोजन विभाग के स्टेट पीपीपी एक्सपर्ट एवं नोडल फॉर ईएपी श्री सुमंता शर्मा को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि एनपीएस एवं एनएटीएस कार्यक्रम के अंतर्गत टाटा के होसुर, तमिलनाडु एवं कोलार कर्नाटक स्थित कंपनी के प्लांट्स के लिए यह रीक्रूटमेंट किया जाना है। एमपीएस के लिए अहर्ता कक्षा 10 उत्तीर्ण अथवा 12 रखी गई है जबकि एनएटीएस के लिए कक्षा 10, कक्षा 12 व आईटीआई डिप्लोमा रखी गई है। नियुक्ति के लिए युवाओं को नॉलेज टेस्ट, बीड टेस्ट, पीडीटी(साइको डाइग्नोस्टिक टेस्ट) से गुजरना होगा। टाटा कंपनी की ओर से अवगत कराया गया है कि चयन के बाद इन युवाओं को शॉप फ्लोर टेक्नीशियन के रूप में नियुक्ति दी जाएगी। युवाओं को निर्धारित वेतन के साथ ही रहने, खाने एवं आने जाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा भी कंपनी पालिसी के अंतर्गत तमाम अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

आपदा के 26 दिनों के बाद घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के लिए खुला केदारनाथ मार्ग।

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घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के लिए खुला केदारनाथ मार्ग*

  1. *आपदा के 26 दिनों के भीतर खुला मार्ग*

*घोड़े- खच्चरों से शुरू हुई राशन एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति*

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते बंद हुए पैदल मार्ग घोड़े- खच्चरों के लिए 26 दिनों के भीतर ही खुल गए हैं। यात्रा मार्ग पर घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के साथ ही घोड़े- खच्चरों से राशन एवं अन्य अनिवार्य सामग्री की आपूर्ति भी शुरू हो गई है।

केदारनाथ पैदल मार्ग को जिला प्रशासन एवं मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद दुरुस्त कर लिया गया गया। 25 दिन बाद ही घोड़े खच्चर केदारनाथ पहुंचना शुरू हो गए हैं।
बता दें कि 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण जगह-जगह ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद सबसे पहली प्राथमिकता के तहत पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और डीएम सौरभ गहरवार के नेतृत्व में चले रेस्क्यू अभियान में हजारों श्रद्धालुओं एवं स्थानीय जनता को हेली सेवा के साथ पैदल आवाजाही से उनकी जान को बचाया गया। इसके बाद प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने की चुनौती थी। इस चुनौती को भी जिला प्रशासन ने पार पा लिया जिसके बाद मार्ग को घोड़ा खच्चर संचालन के लिए भी दुरुस्त कर लिया गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन एवं निगरानी में तेजी से काम होने के चलते पैदल मार्ग के बाद घोड़े खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।

जिला प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग को और अधिक दुरुस्त किया जाए, जिससे ज्यादा संख्या में भक्त बाबा केदारनाथ के धाम पहुंच सके। पैदल मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में लोनिवि गुप्तकाशी के मजदूर मार्ग का ट्रीटमेंट करने में लगे हुए हैं। इसके अलावा सोनप्रयाग – गौरीकुण्ड राजमार्ग को भी दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। यहां भी जल्द ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। एनएच विभाग की मशीने और मजदूर रात दिन राजमार्ग को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।

पारंपरिक गीतों के साथ हरियाली देवी मेले का हुआ आगाज

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जिला पंचायत सदस्य शीला रावत ने किया मेले का उद्घाटन*

मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती बोले क्षेत्र की संस्कृति को आगे बढ़ा रहे मेले

हरियाली महोत्सव एवं पौराणिक मेले का आगाज पारंपरिक हरियाली देवी के गीतों के साथ रविवार को हो गया है तीन दिवसीय महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा
पौराणिक मिले के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि रही जिला पंचायत सदस्य रतूड़ा शीला रावत ने कहा कि हरियाली देवी का पौराणिक मिला उनके क्षेत्र की पहचान है जिसे भव्य स्वरूप देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। कहा कि यह मेला पूरे क्षेत्र की एकता को दर्शाता है कि हम अपनी संस्कृति और विकास के लिए कितने जागरुक है।
मेले में विशिष्ट अतिथि रहे मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती ने मेले के उद्धाटन के अवसर पर कहा कि मेले क्षेत्र की सांस्कृतिक परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। साथ ही मेला समिति का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने ही पारंपरिक मेलों को जिन्दा रखा है। उन्होंने विभिन्न स्कूलों से मेले में प्रतिभाग करने पहुंचे छात्र छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी सराहना की।
मुख्य विकास अधिकारी एवं विकास अधिकारी अगस्त्यमुनि प्रवीण भट्ट ने मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का भी अवलोकन किया।
इससे पहले मेला समिति के अध्यक्ष गौरव चौधरी, उपाध्यक्ष धर्म सिंह नेगी, सचिव बल्लभ प्रसाद जसोला, कोषाध्यक्ष संजय चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत फूलमाला एवं बैच अलंकृत कर किया।
इस अवसर पर प्रधान अर्चना चमोली, जयकृत सिंह चौधरी, संजय चौधरी, सुमन देवी, अजय चौधरी, उषा रावत सहित अन्य स्थानीय लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने सालम क्रांति के शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि।

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*सलाम क्रांति के नायको का है स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान।*

*मुख्यमंत्री ने सालम शहीद समारक के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिये की कुल 50 लाख की घोषणा।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को जनपद अल्मोडा की तहसील जैंती के धामदेव में सालम क्रांति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद नर सिंह एवं टीका सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वतंत्रता सेनानी नर सिंह और टीका सिंह ने अग्रेजो से लड़ते हुए 25 अगस्त 1942 को इस स्थान पर अपना बलिदान दिया था। उनकी बरसी पर हर साल धामदेव में सालम क्रांति दिवस मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सालम क्रांति का देश में विशेष महत्व है। देश की आजादी में जैंती क्षेत्र का अहम योगदान रहा है। शहीद टीका सिंह धामदेव, अल्मोड़ा जनपद के लमगड़ा क्षेत्र में रहने वाले एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह में हिस्सा लिया और देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। टीका सिंह का नाम उन गिने-चुने स्थानीय नायकों में आता है जिन्होंने अपने साहस और बलिदान से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय गोपाल नाथ की पत्नी श्रीमती सरोली देवी को भी शॉल भेट कर सम्मानित किया।

*इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सालम शहीद समारक के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिये कुल 50 लाख की घोषणा की इसमें पूर्व में शिक्षा मंत्री द्वारा की गई 25 लाख की घोषणा भी इसमें शामिल है। मुख्यमंत्री ने मोरनौल जैंती से चौकुना दन्योला मोटर मार्ग का नाम अमर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री नरसिंह धानक जी के नाम पर किये जाने तथा उनकी स्मृति में उनके पैतृक गांव में स्मारक बनाये जाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सालम शहीद स्मारक स्थल का पर्यटन विभाग एवं संस्कृति विभाग द्वारा मास्टर प्लान बनाकर विकसित किये जाने, जैंती से मोर नौला तक मोटर मार्ग में हाटमिक्स एवं चौड़ीकरण का कार्य किये जाने, पनार नदी के सैमदेव नामक स्थान से धामदेव व कुटोली के टाबिसै तक पंपिंग योजना का निर्माण किये जाने, कुसैल बैंड, जैंती, छाना, खरकुटा से थुवा सिमल तक लिंक मोटर मार्ग का निर्माण किये जाने, ग्राम पंचायत पीतना में बहुउद्देशीय भवन का निर्माण किये जाने, भनोली के महाविद्यालय में सुविधाओं के विकास हेतु उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से परीक्षण कराये जाने, गांधी इंटर कालेज में 4 कक्षा-कक्षों का निर्माण किये जाने, ध्याडी खोला एवं छाना धारकोटा में खेल मैदानों के लिए 25-25 लाख रुपए, की धनराशि प्रदान किये जाने, सिल्दिया मल्ला में शिव मंदिर का सौंदर्यीकरण किये जाने के साथ ही राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के उच्चीकरण किये जाने पर विचार किये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 अगस्त का दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण दिवस है हमारे वीर नरसिंह एवं टीका सिंह ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों से लड़ते हुए आज के दिन ही अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनके इस बलिदान ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान क्षेत्र में आंदोलन की एक नई अलख जगाई थी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत ही आज हम स्वतंत्र एवं खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शहीदों के सपनों के अनुरूप विकसित भारत बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लिया है। आज देश के सैनिकों एवं भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं। शहीद स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत बनने का सपना साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विकसित राष्ट्र का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इस संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार भी इस दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है। आज भारत का मान व सम्मान विश्व में बढा है भारत की बात को विश्व के देश सुनते हैं एवं विश्व पटल पर यदि भारत कोई बात करता है तो उस पर ध्यान दिया जाता है। बदलते भारत की नई तस्वीर हम सबको दिखाई दे रही है। हमारी सरकार द्वारा जन कल्याण के लिये चलाई जा रही योजनाये प्रदेश के आमजन जीवन को आसन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भ्रष्टाचार पर हमारी सरकार ने कड़ा शिकंजा कसा है। डीबीटी के माध्यम से गरीबों का पैसा उनके खाते में पहुंच रहा है। प्रदेश के समग्र विकास का हमारा संकल्प है।

*मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में हवालबाग स्थित रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर (आरबीआई) का भी किया उल्लेख।*

मुख्यमंत्री धामी ने आरबीआई हवालबाग का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संस्थान आज ग्रामीण अंचल के व्यवसायियों एवं नवयुवकों एवं रोजगार के लिये प्रशिक्षित कर रहा है। अपने उत्पादों एवं सेवाओं की विपणन व ब्रांडिंग आदि के बारे में प्रशिक्षण प्रदान कर युवओ के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है। जागेश्वर के विधायक मोहन सिंह मेहरा ने भी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, एसएसपी देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, जिलाध्यक्ष बीजेपी रमेश बहुगुणा, महामंत्री धर्मेंद्र बिष्ट,शहीद स्मारक सालम समिति अध्यक्ष दीवान सिंह बोरा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय जनता एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना हमारा लक्ष्य-मुख्यमंत्री

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देहरादून।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी मंच के पदाधिकारियों ने भेंट की। राज्य आन्दोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिये जाने की व्यवस्था के प्रति सभी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड़ बनाना हमारा लक्ष्य है। इस दिशा में हम विकल्प रहित संकल्प के साथ तत्परता से कार्य करे रहे है। राज्य निर्माण में राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष को प्रदेशवासी सदैव याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलन के वे भी साक्षी रहे है, खटीमा के जन आन्दोलन को उन्होने स्वयं देखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देने के साथ उनके सपने के अनुरूप राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों को राज्य सरकार ने राज्य आन्दोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था, तमाम कठिनाईयों के बावजूद क्षेतिज आरक्षण को अब लागू कर दिया गया है। इससे राज्य आन्दोलनकारियों की एक बड़ी लम्बित मांग की भी पूर्ति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। हम शहीद राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान को भूल नही सकते है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश विकास की दिशा में निरन्तर आगे बढ़ता जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी विकास के सूचकांक में प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। लगभग 2 लाख करोड की केन्द्रीय योजनाओं पर राज्य में कार्य हो रहे है। सड़क निर्माण हो स्कूल निर्माण हो या हॉस्पिटल या फिर कोई भी प्रदेश हित का कार्य हो, इसके लिए किसी भी प्रकार की धन की कमी नही होने दी जायेगी। उन्होेंने कहा कि हम प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है इसके लिए सिर्फ सरकार ही नही बल्कि सभी को सहयोग करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। गत वर्ष आयोजित इन्वेस्टर सम्मिट में बडी संख्या मंे उद्योगपति निवेश के लिए राज्य में आ रहे है। इससे हमारे युवाओं को राज्य में ही रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे तथा पलायन पर भी रोक लगेगी। उन्होने कहा प्रदेश में अवैध अतिक्रमण की समस्या का निदान करते हुए लगभग 5000 एकड़ जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। मुख्यमंत्री ने सभी से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की।

मुलाकात के दौरान उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रवींद्र जुगरान, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती सहित बडी संख्या में मंच के पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।

ऐतिहासिक लोक जात यात्रा पड़ावो और रास्तों को दुरस्त करने की मांग।

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थराली (चमोली)-
बधाण की इष्ट देवी श्री नंदा देवी राज राजेश्वरी की हर वर्ष होने वाली लोक जात यात्रा का आगाज हो गया है लेकिन अभी तक बहे पुलो का निर्माण न होने तथा रास्तों, पडावो की स्थिति दयनीय बनी हुई है. जिस कारण श्री नंदा देवी राजजात समिति देवराडा के अध्यक्ष भुवन चंद्र हटवाल के नेतृत्व में एक शिष्ट मंडल ने उप जिला अधिकारी थराली अबरार अहमद के माध्यम से जिला अधिकारी चमोली को ज्ञापन भेज कर यात्रा पडावो तथा रास्तों को दुरुस्त करने की मांग की है.

कहा कि श्री नंदादेवी लोग जात यात्रा का शुभारंभ परंपरा अनुसार सिद्ध पीठ कुरुड नंदानगर से शुक्रवार 23 अगस्त से प्रारंभ हो गई है और यात्रा 31 अगस्त को बधाण पट्टी थराली के कोलपुडी गोपीटयारा होते हुए बुँगा पड़ाव एक 1 सितंबर को डुगरी पड़ाव पहुंचेगी 2 सितंबर को डुगरी से होते हुए सुना 3 सितंबर को सुना से थराली होते हुए चेपड़ो पहुंचेगी किंतु इन पड़ावो और रास्तों की स्थिति बदहाल बनी हुई है जहां प्राणमती नदी में पुल न होने के कारण डोली तथा यात्रियों को आवागमन मैं दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जिस कारण उन्होंने प्राणमती नदी में अस्थाई पुलिया लगाने टूटे हुए रास्तों को सही करने तथा पड़ावो में बिजली पानी शौचालय की व्यवस्था करने की मांग की है ताकि लोक जात यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके ज्ञापन में सरपंच लाल सिंह गुसाई, दिगपाल सिंह, मोहन प्रसाद देवराडी, सुरपाल सिंह रावत, एडवोकेट हरेंद्र सिंह नेगी,देवी दत्त कुनियाल,राकेश जोशी, महिपाल सिंह नेगी, गबर सिंह,, पूरन सिंह पिमोली, हरपाल सिंह फर्शवाण आदि के हस्ताक्षर हैं।

स्वास्थ्य विभाग से बड़ी खबर, डॉक्टरो के किए गए बंपर तबादले।

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(देहरादून)-उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 के प्रावधानानुसार तथा कार्मिक विभाग, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या-221278,223526,229265/XXX (2)/2024/ E-33080, दिनांक 28.06.2024, 08.07.2024 व दिनांक 31.07.2024 के क्रम में स्थानान्तरण समिति की संस्तुति के आधार पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत पी०एम०एच०एस० संवर्ग में अपर निदेशक/संयुक्त निदेशक/ वरिष्ठ चिकित्साधिकारी/चिकित्साधिकारी ग्रेड-1 के चिकित्सकों को उनके नाम के सम्मुख अंकित तालिका के कॉलम सं० 3 से कॉलम सं० 4 में अंकित तैनाती स्थान पर स्थानान्तरित किया जाता है:

गुप्तकाशी में उप जिला अस्पताल निर्माण को कवायद तेज

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उप जिला अस्पताल निर्माण को कवायद तेज

जिलाधिकारी ने किया प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण

गुप्तकाशी ।।

गुप्तकाशी क्षेत्र में उप जिला चिकित्सालय निर्माण की कवायद तेज हो गई है। जिलाधिकारी ने शुक्रवार को स्वास्थ एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ चिकित्सालय के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को जल्द सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर अस्पताल निर्माण शुरू करवाने के निर्देश दिए।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमल गुसाईं ने बताया कि गुप्तकाशी क्षेत्र में उप जिला अस्पताल प्रस्तावित है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है। करीब 03 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जानी है। शुक्रवार को जिलाधिकारी के नेतृत्व में गुप्तकाशी, नाला एवं ल्वारा में तीन जगहों पर भूमि का निरीक्षण किया गया। तीनों जगहों का जियोलॉजिकल एवं अन्य मानकों पर सर्वे करने के पश्चात जो स्थानों सबसे अधिक उपयुक्त होगा वहीं अस्पताल बनाया जाएगा।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग का भी जायजा लिया। कुंड में निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने के निर्देश राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को दिए। साथ ही यात्रा मार्ग पर क्षतिग्रस्त सभी स्थानों का पुनर्स्थापन तेजी से करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, खंड विकास अधिकारी सूर्य प्रकाश शाह, तहसीलदार प्रदीप नेगी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

 

आपदा प्रबंधन में मानकों की अहम भूमिका भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से कार्यशाला का आयोजन।

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देहरादून। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से गुरुवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ ही कंट्रोल रूम में तैनात विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के लिए एक व्यापक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के जरिये आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन के लिए भारतीय मानकों की जानकारी प्रदान की गई।
इस दौरान वक्ताओं ने बताया कि आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन तकनीकों में भारतीय मानकों को किस प्रकार शामिल शामिल किया जा सकता है ताकि आपदाओं की घटना को कम किया जा सके। कार्यक्रम का उद्घाटन श्री सौरभ तिवारी, निदेशक और प्रमुख, देहरादून शाखा कार्यालय, बीआईएस और श्री डीडी डालाकोटी, निर्माण विशेषज्ञ, यूएसडीएमए ने किया। कार्यक्रम में यूएसडीएमए और अन्य संबंधित विभागों जैसे सिंचाई, स्वास्थ्य, अग्निशमन, पीडब्ल्यूडी आदि के विशेषज्ञों सहित 50 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। श्री सौरभ तिवारी ने कहा कि बीआईएस विभिन्न क्षेत्रों में मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए सभी स्तरों पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
श्रीमती मधुरिमा माधव, निदेशक, राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान (एनआईटीएस), बीआईएस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुईं और उन्होंने विशेष रूप से भूकंप संभावित क्षेत्रों में भवनों के निर्माण पर प्रकाशित विभिन्न भारतीय मानकों, उत्तराखंड राज्य के लिए मानकीकृत विकास और भवन विनियम, पहाड़ी क्षेत्रों की विकासात्मक गतिविधियों जैसे भूस्खलन विश्लेषण, मानव बस्ती के लिए साइट मूल्यांकन, सुरक्षित डिजाइन, भवन सामग्री का चयन और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त निर्माण के तरीके आदि पर प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा कि क्योंकि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है इसलिए समस्त निर्माण कार्य भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुसार किए जाने जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने किस जमीन पर कैसा भवन बनाया जाना चाहिए तथा कौन से सामग्री प्रयोग में लाई जानी चाहिए, इन सबके मानक बनाए हैं। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के तहत वस्तुओं का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 700 से अधिक वस्तुओं के मानक तय किए हैं। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में कैसे भवन बनाए जाने चाहिए, भवन तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए किस प्रकार स्लोप कटिंग की जानी चाहिए, इनके भी मानक बनाए गए हैं।
श्री श्याम कुमार, संयुक्त निदेशक, बीआईएस, देहरादून ने बीआईएस के विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों के बारे में जानकारी दी, जिसमें बीआईएस केयर ऐप, डाउनलोड करने की प्रक्रिया और भारतीय मानकों पर टिप्पणी करना शामिल है।

फाटा में भारी बारिश के कारण चार नेपाली मजदूरों की मलवे में दबने से मौत।

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जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि रात्रि लगभग 1:20 am पर अत्यधिक बारिश के कारण फाटा हेलीपैड के समीप खाट गदेरे के पास 4 लोगों की मालवे में दबे होने की सूचना प्राप्त हुई है सूचना प्राप्त होते ही घटना स्थल के लिए राहत एवं बचाव कार्य हेतु रेस्क्यू टीम को भेज दिया गया है जो मौके पर दबे हुए लोगों को निकालने के लिए कार्य कर रही है। रात्रि से हो रही भारी वारिस के चलते अलकनंदा मंदाकिनी सहित जनपद मे कई जगहों पर गाड गदेरे उफान पर है।

घटना में मृतक नेपालियों के नाम निम्न प्रकार से हैं

1-तुल बहादुरS/o हरका बहादुर ग्राम सीतलपुर पोस्ट बुरवा बाजार थाना बुरवा बाजार जिला चित्तोन आंचल नारायणी
2-पूरन नेपाली
3-किशना परिहार पता उपरोक्त
4-दीपक बुरा जिला दहले आंचल करनाली नेपाल