केदारनाथ धाम जैसे पवित्र स्थान पर किसी महिला के साथ दुराचार का प्रयास करना ,महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार पर भी कई सवालिया निशान उठते है ,जो भरतीय जनता पार्टी चाल चरित्र की बाते करती है वही पार्टी अपने जिला कार्यकारणी के महिला पदाधिकारी के साथ क्यों समय पर खड़ी नही हुई,जो पार्टी बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देकर वाहवाही लुटती है क्यों उनकी पीड़ित जिले पदाधिकारी को अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए  डीजी पुलिस उत्तराखण्ड को पत्र भेजने की जरूरत पड़ी। क्यों 5 दिनों के  इंतजार के बाद  सोनप्रयाग थाने को  मुकदमा दर्ज करना पड़ता ये सवाल सभी के जेहन में जरूर उठ रहे होंगे क्या किसी सफेदपोश का इसमें हस्तक्षेप हो रहा था। ये सब
महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास ÷ कुछ सुलगते सवाल।

) करोड़ों लोगों के आस्था के केन्द्र बाबा के धाम में ऐसा कुकृत्य घोर निन्दनीय व अक्षम्य है।
बाबा के सभी भक्तों को मुखर होकर विरोध करना होगा।
२) आरोपी ऐसे समाज से है,यदि इस समाज का कोई व्यक्ति देश के किसी भी कोने में चला जाय तो हर श्रद्धालू बाबा के धाम को याद कर व बाबा का उपासक मानकर सम्मान देता है।
इस समाज को भी मुखर होकर ऐसे व्यक्ति का विरोध करना चाहिए।
3) आश्चर्य की बात तो यह है कि पीड़िता बीजेपी की जिला पदाधिकारी है और बीजेपी के नेताओं के मुँह में दई जमीं हुई है।
कहाँ गया बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का नारा।
४) कांग्रेस की चुप्पी भी दुष्कर्म की मौन स्वीकृति है।
५) दुष्कर्म का प्रयास किसी दूसरे समुदाय के व्यक्ति द्वारा किया होता तो अबतक बीजेपी के छूट भैया से लेकर बड़े भैया तक सभी खुद ही पुलिस व जज बनकर फैसला कर देते।
६) सुना है बीजेपी ने जिसे जिले में चाल, चरित्र का पहरेदार बना रखा है वही पीड़िता पर शिकायत न करने का दबाव बना रहा है।
७) घटनास्थल से मात्र 100 मीटर की दूरी पर पुलिस की रिपोर्टिंग चौकी है,पीड़िता के शिकायत करने के बावजूद भी कुछ मीडियाकर्मियों के आगे आने व डीजीपी के कहने पर 4 दिन बात एफआईआर दर्ज हो सकी,यह देरी किसके दबाव में हुई यह सबसे बड़ा जॉच का विषय है।
८) पीड़िता ने अपनी शिकायत में लिखा है कि मेरी ही पार्टी के कुछ बड़े नेता मुझ पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं, जॉच में ऐसे चेहरों को जनता के सामने बेनकाब करना चाहिए।

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