पौड़ी-जिला पंचायत पौड़ी में सेवारत तदर्थ कनिष्ठ अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने निलंबन आदेश जारी कर, तदर्थ कनिष्ठ अभियंता को पंचायतीराज निदेशालय संबंद्ध किया है। निलंबित तदर्थ कनिष्ठ अभियंता पर विकास कार्यों में अनियमितता सहित कई आरोप हैं। गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में जिला पंचायत के विकास कार्यों में 1.61 करोड़ की वित्तीय अनियमितता पहले ही सामने आ चुकी है। आय से अधिक संपत्ति की विजिलेंस जांच में जुटी है। निलंबित तदर्थ कनिष्ठ अभियंता से बीते माह जिला पंचायत पौड़ी के अभियंता का प्रभार भी छीन लिया गया था।

जिला पंचायत पौड़ी में कनिष्ठ अभियंता के पद पर संविदा के तहत वर्ष 2008 में सुदर्शन रावत की नियुक्ति हुई थी। इस बीच जिला पंचायत में नियमित अभियंता की तैनाती नहीं होने पर उन्हें अभियंता का प्रभार भी सौंपा गया। वर्ष 2018-19 में विभाग में नियमित कनिष्ठ अभियंता के पद पर तदर्थ तैनाती दी गई, लेकिन लगातार उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए स्थानीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता, जिला पंचायत सदस्यों ने डीएम पौड़ी, गढ़वाल मंडल आयुक्त, पंचायतीराज निदेशक, सचिव, विधायक, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायतें की गई।

कुछ दिनों पहले तदर्थ कनिष्ठ अभियंता पर कांवड यात्रा में सेक्टर मजिस्ट्रेट की अहम जिम्मेदारी के बावजूद बिना शासन की अनुमति के बीते 15 से 20 जुलाई तक विदेश यात्रा पर जाने, जिला पंचायत प्रशासन द्वारा जनवरी 2012 से दिसंबर 2018 के बीच 20 करोड़, 20 लाख 57 हजार से अधिक की नकद दी गई धनराशि में 84.27 लाख की धनराशि स्वयं व पत्नी के खाते में जमा करना, विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता सहित अनेक आरोप हैं। आय से अधिक संपत्ति को लेकर विजीलेंस जांच गतिमान है। गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में जिला पंचायत पौड़ी में विकास कार्यों में 1 करोड़ 61 लाख की वित्तीय अनियमतता की पुष्टि भी हो चुकी है।

सचिव उत्तराखंड शासन चंद्रेश कुमार यादव ने कहा कि जिला पंचायत पौड़ी में सेवारत तदर्थ कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन रावत को वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गा है। साथ ही निलंबित कनिष्ठ अभियंता को पंचायतीराज निदेशालय संबंद्ध किया गया है। प्रकरण की विभागीय जांच के लिए जल्द ही एक कमेटी गठित की जाएगी।

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