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Saturday, December 13, 2025


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मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में सभी जनपदों में तहसील दिवस पर आयोजित होगा ‘‘प्रशासन गांव की ओर’’ अभियान।

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*तहसील दिवस में प्रतिभाग करने वाले अधिकारी करेंगे आस-पास के गांवों का भ्रमण*

*आमजन की समस्याओं की लेंगे जानकारी, मौके पर होगा समस्याओं का समाधान*

*45 दिन के अंदर आम-जन को योजनाओं का लाभ दिया जाना किया जायेगा सुनिश्चित*

*मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को जारी किये दिशा-निर्देश*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में ‘‘प्रशासन गांव की ओर’’ अभियान संचालित किया जायेगा। इस अभियान के दौरान आम आदमी से जुडी योजनाओं का लाभ जन सामान्य तक उपलब्ध कराया जायेगा। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किये गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को प्रेषित पत्र में प्रदेश के जनपदों में तहसील दिवस के अवसर पर ‘‘प्रशासन गाँव की ओर अभियान’’ आरम्भ किये जाने के निर्देश दिये है।

मुख्य सचिव ने कहा है कि तहसील दिवस के अवसर पर क्षेत्र की आवश्यकता तथा इस क्षेत्र में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान हेतु अन्य विभागों को भी शामिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया तहसील दिवस के उपरान्त प्रतिभाग करने वाले समस्त अधिकारीगणों द्वारा अनिवार्य रूप से आस-पास के गांवों का भ्रमण किया जाय, इस हेतु पूर्व से ग्रामीणों को जानकारी प्रदान की जाय तथा गांव में आम लोगों की समस्यायें सुनते हुए उनका समुचित समाधान सुनिश्चित कराया जाय।

उन्होंने कहा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाले तहसील दिवस के अवसर पर चयनित तहसील के किन्ही 1 अथवा 2 गांवों को केन्द्र सरकार/राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से संतृप्त किये जाने हेतु रणनीति बनायी जाय तथा यथासंभव तहसील दिवस के दिन अथवा आगामी 03 दिवस के भीतर विभिन्न योजनाओं के पात्र अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र भरवाया/जमा कराया जाय। ग्राम स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों के माध्यम से इस बारे में पूर्व से ही लोगों को जागरूक कराया जाय तथा आवेदन पत्र भरे जाने के समय क्या-क्या औपचारिकताएं पूर्ण की जानी आवश्यक है, इस बारे में लोगों को अवगत कराया जाय, ताकि अधिकारियों/कर्मचारियों के गांव भ्रमण के अवसर पर शीघ्रतापूर्वक आवेदन पत्र जमा कराया जा सके।

उन्होंने निर्देश दिये है कि तहसील दिवस के 45 दिन के भीतर सभी गांव केन्द्र सरकार/राज्य सरकार की सभी योजनाओं से पूरी तरह संतृप्त हो जाये तथा किसी भी महत्वपूर्ण योजना से कोई भी व्यक्ति/परिवार वंचित न रहने पाये, इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले तहसील दिवसों में भी अन्य तहसीलों के 1 अथवा 2 गाँवों को योजनाओं से संतृप्त करने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को यह भी निर्देेश दिये है कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में संचालित किया जायेगा ‘‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’’ अभियान।

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*17 दिसम्बर 2025 से 45 दिनों तक संचालित होगा यह अभियान*

*प्रदेश की विभिन्न न्याय पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में कैम्प के माध्यम से जन सामान्य को प्रदान किया जायेगा जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ*

*इस अभियान में शामिल होंगे राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण सहित 23 विभाग*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 17 दिसम्बर 2025 से 45 दिनों तक ‘‘जन जन की सरकार-जन जन के द्वार’’ अभियान संचालित किया जायेगा। इस अभियान के दौरान विभिन्न न्याय पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में कैंम्प लगाकर आम आदमी से जुडी योजनाओं का लाभ जन सामान्य तक उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। इस अभियान में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण सहित 23 विभाग शामिल रहेंगे। इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किये गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में सचिव सामान्य प्रशासन श्री विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को प्रेषित पत्र में प्रदेश में केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार की योेजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने एवं जरूरतमंदों लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किये जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने बताया दिनांक 17 दिसम्बर, 2025 से आगामी 45 दिनों तक प्रदेश में ‘‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’’ अभियान के अन्तर्गत विभिन्न न्याय पंचायतों में कैम्प लगाये जाने तथा न्याय पंचायतों/ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किये जाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए जन सामान्य से आवेदन पत्र प्राप्त करते हुए उस पर कार्यवाही की जायेगी।

श्री सुमन ने बताया यह कार्यक्रम न्याय पंचायत के स्तर पर संचालित किया जायेगा तथा वहां पर बहुउद्देशीय शिविर/कैम्प का आयोजन किया जायेगा, यदि कोई न्याय पंचायत बहुत बड़ी हो तो उस न्याय पंचायत में दो भागों में गांव को विभक्त करते हुए कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।

उन्होंने बताया इस अभियान के दौरान बहुउद्देशीय शिविर/कैम्प में उपस्थित लोगों को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी प्रदान की जायेगी तथा कैम्प में उपस्थित पात्र व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने बताया कैम्प के उपरान्त निकट के किसी गांव में सभी अधिकारियों द्वारा भ्रमण किया जायेगा तथा उस गांव के सभी पात्र व्यक्तियों को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किये जाने हेतु आवेदन पत्र भराये जायेंगे। उस ग्राम पंचायत के सभी निवासीगण केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार की सभी प्रकार की योजनाओं से पूरी तरह से लाभान्वित हो सके तथा कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रह सके, इस पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि कैम्प लगाये जाने से पूर्व मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाने, जनपद में अधिकारियों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सप्ताह में कम से कम 02 से 03 कार्य दिवसों में प्रत्येक तहसील की न्याय पंचायतों में यह कैम्प लगाया जाना सुनिश्चित किया जाय। प्रयास किया जाय कि प्रत्येक सप्ताह जनपद में जितनी तहसील है उनकी कम से कम एक-एक न्याय पंचायतों में यह आयोजन किया जायें। यह कार्यक्रम न्यूनतम 45 दिन तक अनिवार्य रूप से सभी न्याय पंचायतों में चलाया जाना है। यदि इस अभियान के दौरान सभी न्याय पंचायतें आच्छादित नहीं हो पाते है तो कार्यकम को तद्नुसार जनपद द्वारा आवश्यकतानुसार इसे आगे भी विस्तारित किया जा सकता है।

उन्होंने निर्देश दिये है कि ग्राम स्तर पर केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभ से संबंधित क्षेत्र/ग्राम पंचायत में कौन-कौन से लोग वंचित है, इसका पूर्व से ही विभिन्न विभागों के माध्यम से सर्वेक्षण करा लिया जाय तथा भ्रमण के दौरान इन कमियों को दूर किये जाने की कार्यवाही की जाय तथा सभी सम्बन्धित से आवेदन पत्र भराये जाएं।

पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक कैम्प में अनिवार्य रूप से जिलाधिकारी स्वयं उपस्थित रहें। अन्य कैम्पों कमशः मुख्य विकास अधिकारी अथवा अपर जिलाधिकारी अथवा उपजिलाधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। आयोजित होने वाले कैम्पों में नामित विभागों के अधिकारीगण कैम्पों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे तथा कैम्प के दौरान यह प्रयास किया जाय कि आम जन मानस की समस्याओं का मौके पर ही समाधान सम्भव हो सके।

उन्होंने बताया कि कैम्प लगाये जाने के दो से तीन दिन पूर्व सभी प्रकार के आवेदन पत्र ग्राम स्तर पर उपलब्ध रहें, ताकि आवेदन पत्र भरे जाने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने जनपद स्तर पर न्याय पंचायतों में लगाये जाने वाले कैम्पों की रूप-रेखा/कार्य योजना एक सप्ताह में तैयार करते हुए शासन को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये है ताकि शासन स्तर के अधिकारियों द्वारा संचालित कैम्पों का औचक निरीक्षण किया जा सकें।

उन्हांेने कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम के उपरान्त कार्यक्रम की सफलता/किये गये कार्यों का विवरण मीडिया को साझा किया जाय तथा प्रत्येक सप्ताह आयोजित होने वाले कार्यकमों की प्रगति आख्या अनिवार्य रूप से मा० मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय तथा सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराया जाए।

उत्तराखण्ड में अधिकारियों को अपनी और परिवार की चल, अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश।

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: उत्तराखंड के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को अपनी और परिवार की सभी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा देना होगा। 15 दिसंबर तक सभी विभागाध्यक्षों, सचिवों को अपने अधीन अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराना होगा। गुरुवार को सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने इसके आदेश जारी किए।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने यह आदेश जारी किया है। बगौली के अनुसार नियुक्ति के समय की और मौजूदा संपत्ति का ब्योरा देना होगा। नियमित रूप से पांच साल के भीतर संपत्ति में हुई बढ़ोत्तरी की भी जानकारी देनी होगी। कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी संपत्ति के साथ ही पति, पत्नी, आश्रित तमां, मां, पिता, पिता, बेटा बेटा, बेटी या अन्य आश्रित रिश्तेदारों की संपत्ति का ब्योरा देना होगा। सचिव कार्मिक ने सभी विभागाध्यक्षों, सचिवों को हर हाल में तय समय के भीतर ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आदेश न मानने पर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

आईपीएस अधिकारियों के बम्पर स्थानांतरण।

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देहरादून

IPS विमी सचदेवा से पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय का चर्चा हटाया गया,

IPS नीरू गर्ग को पुलिस महानिरीक्षक फायर सर्विस दिया गया,

IPS के के वी के से महानिरीक्षक सी आई डी का चार्ज हटाया गया ,

IPS मुख्तार मोहसिन को पुलिस महानिरीक्षक जी आर पी बनाया गया,

IPS के एस नंगयाल को आईजी कारागार बनाया गया,

IPS अरुण मोहन जोशी को आई जी सी आई डी बनाया गया,

IPS नीलेश आनंद भरने को आई जी पीएसी बनाया गया,

IPS सुशील कुमार मीणा से आईजी जी आर पी हटाया गया,

IPS योगेंद्र सिंह रावत को आइजी पुलिस मुख्यालय बनाया गया,

IPS निवेदिता कुकरेती को पुलिस उप महानिरीक्षक SDRF बनाया गया,

आईपीएस यशवंत सिंह को सेनानायक आईआरबी प्रथम रामनगर बनाया गया,

आईपीएस तृप्ति भट्ट को पुलिस अधीक्षक फायर सर्विस बनाया गया,

आईपीएस रामचंद्र राजगुरु को पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय बनाया गया,

आईपीएस सरिता डोभाल को पुलिस अधीक्षक एटीएस बनाया गया,

आईपीएस हरीश वर्मा को सेनानायक 40 वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार बनाया गया,

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुयी रोप-विकास समिति की बैठक आयोजित।

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*प्रदेश में सभी रोप-वे प्रस्तावों को इस समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्यः मुख्य सचिव*

*काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर प्रोजेक्ट में कैंचीधाम को भी शामिल*

मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश में रोप-वे विकास के लिए गठित संचालन समिति की आयोजित हुयी। बैठक के दौरान प्रदेश में रोप-वे निर्माण को लेकर महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मुख्य सचिव ने कहा कि रोप-वे विकास समिति की प्रथम बोर्ड बैठक इस माह के अंत तक अनिवार्य रूप से आयोजित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि इस समिति के लिए सचिव पर्यटन, सदस्य सचिव होंगे। उन्होंने एनएचएलएमएल को एसपीवी का सीईओ एक सप्ताह के भीतर नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए, ताकि दिसम्बर माह के अंत तक प्रथम बोर्ड बैठक आयोजित की जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में बनने वाले सभी रोप-वे प्रस्तावों को इस समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा, ताकि अलग-अलग एजेन्सियों द्वारा तैयार किए जा रहे प्रोजेक्ट्स में डुप्लीकेसी न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि रोप-वे के सभी बड़े प्रोजेक्ट्स बनने से अगले 5-10 सालों में स्थानीय स्तर पर जिन नए पर्यटक स्थलों का विकास, मार्गों का विस्तारीकरण किए जाने की आवश्यकता है, उनके लिए अभी से रोडमैप तैयार कर लिया जाए। उन्होंने उत्तराखण्ड रोप-वे विकास लिमिटेड के रोड मैप पर भी चर्चा की।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर से 50 रोप-वे प्रस्तावित किए गए हैं। जिनमें से कुल 6 प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर चयनित किया गया है। इसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविन्दघाट से हेमकुण्ट साहिब प्रोजेक्ट्स का कार्य आबंटन कर दिया गया है। काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर (नैनीताल) अनुमोदन के चरण में है। बताया गया कि कनकचौरी से कार्तिक स्वामी तक रोप-वे की डीपीआर तैयार की जा रही है। रैथल बारसू से बरनाला (उत्तरकाशी) और जोशीमठ-औली-गौरसों रोप-वे की डीपीआर के लिए निविदा प्रक्रिया गतिमान है।

मुख्य सचिव ने कहा कि शुरूआत में इन 6 प्रोजेक्ट्स पर ही फोकस किया जाए। उन्होंने सोनप्रयाग से केदारनाथ एवं गोविन्दघाट से हेमकुण्ट साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स की प्रत्येक स्टेज की टाईमलाईन और पर्ट चार्ट तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वन एवं वन्यजीव स्वीकृतियों की प्रक्रिया में तेजी जाए लाने की बात भी कही। कहा कि रोप-वे निर्माण के लिए हैवी मशीनरी निर्माण स्थल तक पहुंचाना चुनौतिपूर्ण होगा। इसके लिए सड़कों का टर्निंग रेडियस बढ़ाए जाने एवं पुलों का मजबूतीकरण के लिए आवश्यक कदम अभी से उठा लिए जाएं। मुख्य सचिव ने काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर प्रोजेक्ट में कैंचीधाम को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कैंचीधाम के लिए लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए वहां रोप-वे प्रोजेक्ट की सम्भावनाओं को तलाशा जाए।

इस अवसर पर सचिव श्री दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल एवं अपर सचिव श्री अभिषेक रूहेला एवं एनएचएलएमएल से प्रशांत जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जखोली भीरी गुप्तकाशी मोटर मार्ग से डोभा मोटर मार्ग के डामरीकरण की मिली स्वीकृति।

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राज्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग में विकासखंड जखोली के में जखोली भीरी गुप्तकाशी मोटर मार्ग से डोभा (3.00 किमी-लागत- ₹2.55 करोड़) मोटर मार्ग के डामरीकरण की वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। सड़क डामरीकरण की स्वीकृति प्रदान होने पर विधायक भरत सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी एवं लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज का धन्यवाद ज्ञापित किया। विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल में 2021 में सड़क का कटिंग का कार्य पूर्ण किया गया था।

क्षेत्र की जनता को आवागमन की बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए निरंतर प्रयास जारी थे। जनता की मांग पर सड़क डामरीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-4 के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र में 58 से अधिक सड़कें स्वीकृत हुई है।इस। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पहले चरण में ₹1700 करोड़ राज्य सरकार को मिले है। उन्होंने कहा कि ₹90 करोड़ से अधिक धनराशि के विधानसभा रुद्रप्रयाग के सड़कों के डीपीआर शासन में भेजी गई है। जिनके लिए शीघ्र धनराशि आवंटित होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार के सहयोग से क्षेत्र विकास के कार्य संचालित हो रहे है। जिनका लाभ जनता को मिल रहा है। आगे भी क्षेत्र के विकास के लिये महत्वपूर्ण कार्य है, उनको पूरा किया जाएगा।

चमोली जनपद में वाहन दुघर्टना होने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत।

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चमोली: वाहन दुर्घटना में तीन की मौत। दो घायल। शादी में आए थे शामिल होने।
जानकारी के अनुसार चौड़ से कुछ लोग मोपाटा स्थित शादी समारोह में आए थे। वाहन स्वामी नारायण सिंह पुत्र गोविन्द सिंह, निवासी चौड़, आयु 52 वर्ष द्वारा अपनी वाहन इकोस्पोर्ट फोर्ड (UP15-BF-9963), सफेद रंग को ढलान पर न्यूट्रल में खड़ा कर हेंडब्रेक लगाया गया था। प्रारंभिक जाँच में प्रतीत होता है कि किसी व्यक्ति द्वारा वाहन का हेंडब्रेक डाउन कर दिया गया, जिसके कारण वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया।

दुर्घटना में निम्न व्यक्तियों की मृत्यु हो गई—
1️⃣ मोहिनी देवी पत्नी मानसिंह, निवासी कोटेरी चौड़, आयु 42 वर्ष
2️⃣ बसंती देवी पत्नी कुंवर सिंह, निवासी चौड़, आयु 35 वर्ष
3️⃣ भजन सिंह पुत्र बादर सिंह, निवासी चौड़, आयु 62 वर्ष

घायल व्यक्ति—
4️⃣ ज्योति पुत्री गंगा सिंह, निवासी कोटेड़ा, आयु 23 वर्ष
5️⃣ खिलाफ सिंह पुत्र स्व. नारायण सिंह, निवासी चौड़, आयु 65 वर्ष

दोनों घायलों का उपचार पीएचसी देवाल में चल रहा है। पुलिस द्वारा घटनास्थल पर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है तथा दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच जारी है।

26 साल का अंकित कंडारी बन गया देवराड़ी गांव का हीरो – कंचन को गुलदार के जबड़े से निकाल लाया।

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एक ग्राम प्रहरी ऐसा भी

सभार: गुणानंद जखमोला

कंचन को गुलदार के जबड़े से निकाल लाया अंकित
– 26 साल का अंकित कंडारी बन गया देवराड़ी गांव का हीरो

10 दिसम्बर। पौड़ी के पोखड़ा ब्लाक का देवराड़ी गांव। सुबह के लगभग सवा 11 बज रहे थे। गांव का युवक अंकित कंडारी अपने दो साथियों के साथ संगलाकोटी बाजार जा रहा था। उसका एक साथी मोटरसाइकिल में तेल भरवाने गया तो वह रुक गया। अचानक ही महिलाओं का शोर हुआ। महिलाएं बुरी तरह से चिल्ला रही थी। बाघ-बाघ। इस बीच एक महिला की चीत्कार सुनाई दी। अंकित गांव के जंगल की ओर दौड़ा। देखा कि गुलदार ने 36 वर्षीय कंचन की गर्दन को अपने जबड़े में दबाया हुआ है। अंकित तेजी से उस ओर गया। पहले उसने दो-तीन पत्थर गुलदार पर मारे, लेकिन गुलदार कंचन की गर्दन मुंह में दबाए रहा। गांव का जंगल गांव से महज 250 मीटर की दूरी पर है।अंकित के अनुसार उसे कुछ और नहीं सूझा और वह तेजी से गुलदार की ओर दौड़ा। गुलदार पर झपटा मार कर कंचन को पकड़ा। यह देख गुलदार डर गया और उसकी पकड़ कंचन पर ढीली पड़ गयी। ग्रामीणों के शोर और अकित के साहस को देख गुलदार वहां से भाग गया। अंकित ने बताया कि उसने तुरंत कंचन की गर्दन से बह रहे खून को रोकने की कोशिश की। तब तक ग्रामीण भी आ गये थे। इसके बाद कंचन को 108 के माध्यम से प्राथमिक अस्पताल और फिर सतपुली ले जाया गया। इसके बाद उसे पोखड़ा के पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेंद्र रावत सूरी और राजपाल बिष्ट की मदद से एयर एम्बुलेंस से एम्स ऋषिकेश पहंुचाया गया।

बता दूं कि 26 वर्षीय अंकित ने 12वीं पास की है। वह ग्राम प्रहरी है। वेतन महज दो हजार महीना मिलता है। यह वेतन भी आठ-दस महीने में एक बार आता है। अंकित का कहना है कि यदि कंचन की जगह कोई और होता तो भी वह ऐसा ही करता। अंकित की बहादुरी को ग्रामीण खूब सराह रहे हैं। सूरी के अनुसार यदि अंकित नहीं होता तो कंचन की जान बचनी मुश्किल थी। अंकित की बहादुरी को सलाम।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 19 प्रस्ताव पारित हुए।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 19 प्रस्ताव पारित हुए। बिजली लाइन के मुआवजे में बढ़ोतरी करते हुए टावर और उसकी एक मीटर परिधि पर 200% सर्किल रेट लागू किया गया और दरों के अंतर के लिए समिति बनाई जाएगी। जन विश्वास एक्ट लाकर 52 एक्ट चिन्हित किए गए तथा छोटे अपराधों में जेल की जगह भारी जुर्माना लगाया जाएगा। आवास विभाग के चार प्रस्तावों में ग्रीन बिल्डिंग को अतिरिक्त FAR, ग्राउंड कवरेज में राहत, मोटल श्रेणी हटाने, इको व सामान्य रिसॉर्ट को समान अनुमति, और लैंड पुलिंग व टाउन प्लानिंग स्कीम को मंजूरी शामिल है। वित्त विभाग ने माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी। तकनीकी विश्वविद्यालय में फैकल्टी भर्ती अब विश्वविद्यालय स्तर से होगी। लोनिवि में 10 साल की सेवा पर समूह–ग कर्मचारी सीधे JE बन सकेंगे। नैनी सैणी हवाई अड्डा अब AAI संचालित करेगा और कल्याणपुर पट्टा भूमि 2004 सर्किल रेट से नियमित होगी। घसियारी व साइलेज योजना में सब्सिडी 75% से घटाकर 60% की गई। रिस्पना–बिंदाल एलिवेटेड रोड को GST छूट मिलेगी। सगंध पौधा केंद्र का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ परफ्यूम किया गया। 15 साल पुराने वाहनों के स्क्रैप पर नए वाहन की खरीद में टैक्स छूट मिलेगी। मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना के तहत UPSC, NET, GATE आदि की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग शुरू होगी। अभियोजन निदेशालय देहरादून व जिला स्तर पर स्थापित होगा और सात वर्ष से कम सजा वाले मामलों की अपील जिला स्तर पर निपटेगी।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेरी योजना पोर्टल उत्तराखण्ड (myscheme.gov.in) का किया लोकार्पण ।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आई.आर.डी.टी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा तैयार की गई ‘मेरी योजना’ पुस्तकों पर विचार गोष्ठी में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने मेरी योजना पोर्टल उत्तराखण्ड (myscheme.gov.in) का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना मार्गदर्शिका पुस्तक के “मेरी योजना”, “मेरी योजना- राज्य सरकार” तथा “मेरी योजना – केंद्र सरकार” तीनों संस्करणों के माध्यम से राज्य का प्रत्येक नागरिक केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं की संपूर्ण जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है और उनका लाभ उठा सकता है। जिस उद्देश्य से इन पुस्तकों का प्रकाशन कराया गया है, उस दिशा में हमारे प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन के साथ ही उसका लाभ राज्य के प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक समयबद्ध रूप से पहुंचाना है। ये पुस्तकें लाभार्थियों को योजनाओं की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने के साथ – साथ आवेदकों को आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज व पात्रता संबंधी जानकारी भी प्रदान करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक नई कार्य संस्कृति की स्थापना करते हुए पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकेंद्रित नीतियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज जनता से जुड़ी योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाया जाता है। राज्य सरकार भी सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के मंत्र के साथ जनता की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाने वाली विभिन्न पेंशन योजनाओं की धनराशि लोगों के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक पात्र व्यक्ति के खाते में आ जाए, इसकी व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखकर बनाई गई योजनाएं प्रभावी ढंग से संचालित की जा रही है। जहां एक ओर राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं, वहीं, ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। सरकार राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसर बढ़ रहे हैं। ’हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से हमारे पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान मिल रही है। ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखंड’ और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी पहल के माध्यम से प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की कि राज्य के स्थानीय उत्पादों और लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में प्रदान किये जाने वाले स्मृति चिन्ह राज्य में निर्मित उत्पादों के ही हों। इस प्रकार के छोटे-छोटे प्रयासों से हमारे कारीगरों, मातृ शक्ति, हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे जब भी किसी कार्यक्रम में जाते हैं या देशभर में महानुभावों से भेंट के दौरान भी उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही भेंट करते हैं।

कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से यह एक सराहनीय प्रयास है। एकीकृत पोर्टल के माध्यम से पात्र लोगों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल पायेगा। यह अंत्योदय की भावना का बड़ा उदाहरण है।

सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री दीपक कुमार ने कहा कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग का मुख्य उद्देश्य योजनाओं और सेवाओं का सरल तरीके से लाभार्थियों तक पहुंचाना है। मेरी योजना के तीन संस्करणों के माध्यम से राज्य और केन्द्र सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। योजनाओं के लिए पात्रता और प्रक्रिया पर विशेष फोकस किया गया है।

इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी, जनप्रतिनिधिगण एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।