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Friday, July 4, 2025
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नई आबकारी नीति 2025 – निवेश, रोजगार और राजस्व के नए आयाम।

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देहरादून

*नई आबकारी नीति 2025 – निवेश, रोजगार और राजस्व के नए आयाम।*

*राज्य के धार्मिक क्षेत्रों के निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का लिया गया निर्णय ।*

*वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य*

*ओवररेटिंग की शिकायत सही पाए जाने पर दुकान का लाइसेंस होगा रद्द*

*नई आबकारी नीति 2025 को कैबिनेट ने दी मंजूरी।*

राज्य की नई आबकारी नीति 2025 में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।

जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए, शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जायेगा। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त किया गया है।

नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी mrp लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

*वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य*

पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में राज्य में काफी वृद्धि हुई है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को निर्धारित किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

*पर्वतीय क्षेत्रों में से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में दी जाएगी छूट ।*

नई आबकारी नीति के तहत स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

थोक मदिरा अनुज्ञापन केवल उत्तराखंड निवासियों को जारी किए जाएंगे, जिससे राज्य में आर्थिक अवसर बढ़ेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इससे कृषकों और बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वालों को आर्थिक लाभ मिलेगा।

मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती की गई है। माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।

*स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी द्वारा प्रयोग करने के लिए किया जा रहा है प्रोत्साहित ।*

आबकारी नीति के तहत नवीनीकरण, लॉटरी और अधिकतम ऑफर जैसी पारदर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से दुकानें आवंटित की जाएंगी।

आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है। स्थानीय कृषि उत्पादों को डिस्टिलरी (आसवनी इकाइयों) द्वारा प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें नए बाजार उपलब्ध होंगे।

आबकारी नीति-2025 में जनसाधारण को मदिरा के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनाने के विशेष अभियान चलाने का प्राविधान किया गया है।

नई आबकारी नीति प्रदेश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता और सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

आज की धामी कैबिनेट में आए 17 बिंदुओं पर हुआ मंथन ।

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कैबिनेट की ब्रीफिंग शुरू,

सचिव गृह शैलेश बगौली कर रहे ब्रीफिंग,

कैबिनेट में आए 17 बिंदुओं पर मंथन हुआ,

शिक्षा –
सीएम की घोषणा , राज्य का इतिहास पाठ्य पुस्तक में शामिल होगा,

क्लास 6 से क्लास 8 तक सहायक पुस्तिका के रूप में शामिल होगी ,

शिक्षा –
कक्षा 10 के बाद तीन वर्षीय पॉलिटेक्टिंग की डिग्री 12 वीं के समकक्ष होगी,

 

गन्ना विभाग

गन्ना मूल्य घोषित,

अगेती 375 प्रति कुंतल
सामान्य के लिए 365 रु प्रति कुंतल

अधिक्षक कारागार की सेवा नियमावली में संशोधन हुआ

 

 

कार्मिक विभाग

कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में 50 प्रतिशत की छूट दी गई,
1 बार मिलेगा शिथिलीकरण का लाभ,

अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी ले पाएंगे लाभ,

महिला सशक्तिकरण विभाग

एकल महिला या निराश्रित महिलाओं को 2 लाख रु तक ऋण मिल पाएगा

डेढ़ लाख तक की सब्सिडी मिलेगी,

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना नाम दिया ,

मिनिस्टीरियल सेवा में 13 पद कनिष्ठ सहायक के सृजित किए गए,

स्टांप एवं निबंधन विभाग में 213 से 240 पद किए गए सृजित,

अपर पुलिस अधीक्षक के वेतनमान सेवा नियमावली को मंजूरी,

ट्राउड मछली योजना के लिए दो सो करोड़ की राशि मंजूर हुई,

2.3 करोड़ की राशि ग्राम्य विकास को दी गई,

विभाग के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम होंगे आयोजित,

आबकारी नीति की मिली मंजूरी,

प्रदेश की नई आबकारीनीति मंजूरी,

पूर्व में जहां प्रतिबंध था वहां प्रतिबंध रहेगा,

अब नई नीति में उप दुकानें खोलने का नहीं होगा प्रावधान,

माणा हिमस्खलन: सर्च और रेस्क्यू अभियान पूरा इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

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चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान पूरा हो चुका है।

इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया,

जबकि दुर्भाग्यवश 8 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया।

विपरीत परिस्थितियों में सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाकर 46 जिंदगियां बचाई गईं।

दुर्भाग्यवश 8 लोगों को नहीं बचा पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार पूरे ऑपरेशन की जानकारी लेते रहे।

मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू अभियान में सेना, आई.टी.बी.पी., बी०आर०ओ०., राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, एन०डी०आर०एफ, एस०डी०आर०एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, बी०एस०एन०एल०, ऊर्जा, अग्निशमन विभाग द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए उनके योगदान की सराहना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायल श्रमिकों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

मृतक श्रमिकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने भविष्य में इस तरह के घटनाओं में नुकसान कम से कम हो इसके लिए हिमस्खलनों के निगरानी का तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं।

*घटनाक्रम*

दिनांक 28.02.2025 को समय प्रातः 8:30 बजे लगभग तहसील- जोशीमठ के अंतर्गत माणा गेट बी०आर०ओ० कैम्प के समीप बी०आर०ओ० के गजदूर कार्य कर रहे थे, इस दौरान हिमस्खलन होने से मजदूर फंस गये थे।

पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। दूरभाष पर संपर्क करने पर ज्ञात हुआ है कि पूर्व से ही एक श्रमिक बिना बताये अपने घर चला गया था।

इस प्रकार प्रभावित/फंसे श्रमिकों की कुल वास्तवित संख्या 54 है। क्षति का विवरण निम्नवत् है-

हिमस्खलन में फंसे कुल मजदूर (सिविलियन) -54

सुरक्षित 46

मृतक श्रमिक 08

जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक -44 • एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक-02

*युद्धस्तर पर संचालित किये गये राहत एवं बचाव कार्य*

• आज दिनांक 02.03.2025 को खोज एवं बचाव दलों द्वारा वृहद स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया गया। इस दौरान 04 श्रमिकों के शव बरामद हुए।04 श्रमिकों के शव विगत् दिवस बरामद हुए थे। इस प्रकार कुल 08 श्रमिकों के शव बरामद किये जा चुके हैं।

बदरीनाथ/माणा से सुरक्षित रेस्क्यू किये गए 46 श्रमिकों में से 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी स्थिति सामान्य बतायी गयी है।

उनके उपचार की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

02 श्रमिकों का उपचार एम्स ऋषिकेश में किया जा रहा है। एम्स प्रशासन के अनुसार उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है।

07 मृतक श्रमिकों का रविवार को पोस्टमार्टम कर उनके पार्थिव शरीर को उनके घर रवाना कर दिया है।

*अभियान में प्रयुक्त तकनीक और संसाधन*
रेस्क्यू अभियान को गति देने के लिए आज दिनांक 02.03.2025 को GPR (Ground Penetrating radar) जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एम०आई०-17 हैलीकाप्टर द्वारा घटना स्थल के लिए भेजा गया ।

एन०डी०आर०एफ० द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, RRSAW (ROTARY RESCUE SAW), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा गया तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रैस्क्यू अभियान संचालित किया गया।

एस०डी०आर०एफ० तथा यू०एस०डी०एम०ए० द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी मौके पर भेजे गए तथा इनके द्वारा भी लापता श्रमिकों की खोज की गयी।

वायु सेवा का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग किया गया।

*प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने रखी नजर*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी।

उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर सारी जानकारी ली और केंद्र से हर प्रकार की सहायता के प्रति आश्वस्त किया।

पीएमओ और गृह मंत्रालय का राज्य सरकार से लगातार समन्वय रहा।

*सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद गए ग्राउंड जीरो पर, आपदा कंट्रोल रूम से लगातार की मॉनिटरिंग*

पूरे सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लगातार नजर बनाए रखी।

मुख्यमंत्री द्वारा इस रेस्क्यू अभियान के दौरान चार बार एस०ई०ओ०सी० पहुंचकर खोज एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गयी।

वे ज्योर्तिमठ भी गए और सर्च और रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण भी किया।

उन्होंने पूरे क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया गया, लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम की निगरानी की गई तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया गया।गंभीर रूप से घायल श्रनिकों के उपचार का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

माणा हिमस्खलन -चमोली के माणा में तीसरे दिन हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, यूपी के 4, हिमाचल के 1, उत्तराखंड के दो श्रमिकों की मौत, कुल 8 की हुई मौत।

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  • माणा।।माणा रेस्क्यू अभियान के तहत रविवार को चलाए गए सर्च अभियान में लापता चल रहे 4 लोगों के शवों को सर्च टीम ने बरामद कर लिया है। सभी शवों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ज्योतिर्मठ में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। रेस्क्यू टीम द्वारा माणा में आई एवलांच में 54 लोगों मे 46 लोगों को शक कुशल बरामद और आठ लोगों की के शव बरामद किए हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया की तीन दिनों तक चले इस रेस्क्यू अभियान में प्रभावित 54 लोगों में से 46 लोगों को जीवित और आठ लोगों के सब बरामद किए है। वही आर्मी हॉस्पिटल जोशीमठ में रेस्क्यू किए गए लोगों का इलाज चल रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार का आभार जताया। फिलहाल सभी की स्थिति सामान्य है।

एम्स के लिए रैफर

1- अशोक पुत्र जीवन राम, बेरीनाग, पिथौरागढ़, उत्तराखंड (28)- (शनिवार को)

2- पवन पुत्र महेंद्र सिंह, ईशानपुर जिला संभल उत्तर प्रदेश (23) – (रविवार को)

चमोली माणा एवलॉन्च मृतकों की सूची

1- मोहिंदर पाल (42 वर्षीय) पुत्र देशराज निवासी कांगड़ा हिमाचल प्रदेश.

2- आलोक यादव निवासी कानपुर, उत्तर प्रदेश.

3- मंजीत यादव पुत्र शंभू निवासी सरवन, उत्तर प्रदेश.

4- जितेंद्र सिंह (26 वर्षीय) पुत्र कुलवंत सिंह, बिलासपुर, उत्तर प्रदेश.

5- हरमेश चंद (31 वर्षीय) पुत्र ज्ञान चंद निवासी ऊना हिमाचल प्रदेश.

6- अनिल (21 वर्षीय) पुत्र इश्वरी दत्त निवासी रुद्रपुर उधम सिंह नगर उत्तराखंड.

7- अशोक (28 वर्षीय) पुत्र रामपाल निवासी फतेहपुर उत्तर प्रदेश.

8- अरविंद, देहरादून, उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर आपदा प्रबंधन के कार्यों का लिया अपडेट।

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50 श्रमिकों को अब तक किया जा चुका है रिकवर*

*46 सलामत लोगों को समुचित उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर करने तथा आपदा में मृतक 4 लोगों को सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए उनके परिजनों को सुपुर्द के दिए निर्देश*

*मिसिंग 4 लोगों के सर्च अभियान में लाई जा रही है तेजी, रडार और थर्मल इमेजिंग कैमरे जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की ली जा रही है मदद*

*आपदा से 5 ब्लॉक की बाधित हो चुकी विद्युत आपूर्ति को किया जा चुका है बहाल*

*आगामी 3 मार्च को मौसम के हायर अलर्ट को देखते हुए ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने वाले लोगों को सूचित करने तथा जिला प्रशासन को आवश्यकतानुसार पूर्व तैयारी के दिए निर्देश*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज प्रातः राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और चमोली में हुई आपदा के सर्च एवं रेस्क्यू अभियान का अपडेट लिया

उन्होंने घटनास्थल पर सर्च और रेस्क्यू अभियान में लगे हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेस्क्यू किए गए सलामत 46 लोगों को समुचित चिकित्सा के लिए हायर सेंटर रेफर करें। मृतकों को समुचित औपचारिकता पूर्ण करते हुए उनके परिजनों को सुपुर्द करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने अब तक मिसिंग चार लोगों के सर्च और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। रेस्क्यू अभियान में रडार और थर्मल इमेजिंग जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की भी मदद ली जा रही है। सेना, ITBP, वायु सेना, SDRF, BRO, आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, पूर्ति विभाग इत्यादि सभी विभाग बेहतर समन्वय से अपना सहयोग दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जहां – जहां सड़क और संचार कनेक्टिविटी बाधित हो चुकी है उसको तत्काल बहाल किया जाए। आगामी 3 मार्च को मौसम विभाग के हायर अलर्ट को देखते हुए ऊंचाई वाले स्थानों पर रहने वाले लोगों को इसकी पहले से ही जानकारी देने तथा स्थानीय स्तर पर सभी तरह की पूर्व तैयारी करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पांच ब्लॉक में विद्युत सप्लाई बाधित हो गई थी वहां पर विधुत आपूर्ति को पुनः बहाल किया जा चुका है। लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि जहां पर भी सड़क कनेक्टिविटी बाधित हैं उसको तत्काल बहाल करें। पूर्ति विभाग को निर्देशित किया गया कि जो गांव सड़क एक्टिविटी से अभी तक जुड़ नहीं पाए हैं वहां पर पर्याप्त मात्रा में रसद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

उत्तराखण्ड में भारतीय जनता पार्टी जल्द करेगी नये प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा।

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देहरादून-उत्तराखंड में भाजपा को मार्च के पहले सप्ताह में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. निकाय चुनावों के कारण स्थगित हुई सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया को एक बार फिर गति मिल गई है. पार्टी ने मंडल और जिला स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू कर दी है। इसके बाद एक हफ्ते के भीतर पार्टी नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर सकती है. भाजपा के भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि महेंद्र भट्ट दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं या फिर किसी नए चेहरे को यह जिम्मेदारी दी जाएगी. पार्टी नेतृत्व जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर फैसला ले सकता है.

संगठन महामंत्री आदित्य कोठारी ने जानकारी देते हुए बताया कि‌ हमारा बूथ कमेटी अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन होने के बाद वर्तमान समय में जिला अध्यक्षों के चुनाव के प्रक्रिया चल रही है इसके लिए अपने केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सभी जिलों के लिए पर्यवेक्षकों की टीम नियुक की है। सभी पर्यर्वेक्षक जिलों में जाकर के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से परामर्श करने के बाद कल 2 तारीख को प्रदेश नेतृत्व के समक्ष अपने-अपने जिलों का रिपोर्ट कार्ड रखेंगे और एक हफ्ते के भीतर जिलाध्यक्षों को लेकर संगठन निर्णय ले लेगा। जानकारी देते हुए आदित्य कोठारी ने बताया कि जिला अध्यक्षों को निर्वाचन के बाद प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

माणा एवलांच : 50 मजदूर बचाए गए,04 लोगों की मौत,सर्च ऑपरेशन जारी।

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जोतिर्मठ (चमोली)-भारतीय सेना और IBEX ब्रिगेड की बचाव टीम द्वारा माणा क्षेत्र में हिमस्खलन से प्रभावित इलाके में बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन दुर्भाग्य से 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शेष 5 लापता मजदूरों को बचाने के लिए तलाशी और बचाव अभियान जारी है।

सेना के पीआरओ ले. कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने चार मजदूरों के मरने की जानकारी दी है।उन्होंने बताया कि पांच मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पीआरओ ले. कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 6 हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं।इसमें भारतीय सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर, वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर और भारतीय सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल हैं।

सड़कें अवरुद्ध होने के कारण सेना ने 06 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, जिनमें भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर और एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल हैं। घायलों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जा रहा है। वरिष्ठ सेना अधिकारी व्यक्तिगत रूप से दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में युद्धस्तर पर जारी है, सेना और बचाव दल अपने प्रयासों में जुटे हुए हैं।

अपडेट न्यूज ::माणा एवलांच में अब तक 47 व्यक्तियों का किया गया रेस्क्यू।

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माणा एवलांच रेस्क्यू ऑपरेशन अपडेट।

चमोली-01 मार्च

दिनांकः 28.02.2025 को श्रीबद्रीनाथ के निकट माणा में बर्फ में 55 बीआरओ के कार्यरत मजदूरों के फंसे होने के उपरान्त रेस्क्यू जारी किया गया जिसमें दिनांकः 01.03.2025 की प्रातः 9.00 बजे तक कुल-47 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। शेष 08 व्यक्तियों की खोजबीन हेतु रेस्क्यू जारी है।

माणा एवलांच रेस्क्यू ऑपरेशन की अभी की अच्छी खबर, हेली रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू, जोशीमठ हेलीपेड से सेना के दो हेली चीता के साथ दो अन्य निजी कंपनी के हेली कर रहे हैं हेली रेस्क्यू, अबतक इवलांच प्वाइंट से करीब 6 घायल मजदूरों को हेली के जरिए जोशीमठ रेस्क्यू बेस कैम्प पहुंचाया गया है, जहां से इन्हे सीएचसी सेंटर में ले जाया गया है,जोशीमठ हेलीपेड में सेना आईटीबीपी और प्रशासन की पूरी टीम मोजूद, एंबुलेंस, सहित तमाम मेडिकल साजो सामान के साथ बचाव दल जोशीमठ हेली पेड़ पर तैयार, हेली रेस्क्यू ऑपरेशन टीम भी अपने उपकरणों के साथ जोशीमठ में मोजूद घायलों को हेली के माध्यम से जोशीमठ लाया जा रहा है, सीएम धामी भी पहुचने वाले है,जोशीमठ के सीएचसी सेंटर और आर्मी हॉस्पिटल के पूरी तरह तैयार किया गया है, घायलों को यही लाया जा रहा है, साथ ही एम्स अस्पताल ऋषिकेश को भी अलर्ट मोड़ पर रखा गया है।

जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 55 में से 33 लोग सकुशल मिल गए थे कहा कि तीन जो गंभीर घायल थे उनका इलाज माणा आइटीबीपी अस्पताल में चल रहा था। जिन्हें आज हेली के माध्यम से जोशीमठ लाया गया है अब उनका उपचार जोशीमठ आर्मी अस्पताल में किया जा रहा है। कहा कि अभी तीनों घायल मजदूरों की स्थिति स्थिर है। बताया कि NDRF की टीम भी जोतिर्मठ में मौजूद है जिसमें 28 लोग शामिल है। कहां की आज मौसम साफ है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आएगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा के पास हुए हिमस्खलन की ली जानकारी

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राज्य आपात परिचालन केंद्र से व्यवस्थाओं का लिया जायजा*

*अधिकारियों को दिए रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आई.टी पार्क देहरादून पहुंचकर जनपद चमोली के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हिमस्खलन की स्थिति के बारे में भी पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अति शीघ्र घटनास्थल में पहुंचने के निर्देश देते हुए कहा कि घटनास्थल के सबसे समीप स्थित हेलीपैड को अति शीघ्र खोल जाए। जिससे रेस्क्यू अभियान में तेजी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद लेकर रेस्क्यू में तेजी लाई जाए। उन्होंने सभी घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से जरूरत पड़ने पर एम्स ऋषिकेश लाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय संपर्क कर उन्हें हर संभव मदद करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि जनपद चमोली में हिमस्खलन के बाद लगातार राहत बचाव का कार्य जारी है। आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायु सेना, सभी लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सभी से निरंतर वार्ता जारी है। विजिबिलिटी ना होने के कारण वर्तमान में हेलीकॉप्टर का जाना संभव नहीं है। इस संबंध में स्नो एक्सपर्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी के लोग घटना स्थल में विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी पहली प्राथमिकता श्रमिकों को सुरक्षित निकलना है। सभी लोग अलग अलग स्थानों से हैं, जिसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा रेस्क्यू अभियान में किसी भी एजेंसी की आवश्कता होने पर उनकी मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल पहुंचाया गया है। बर्फबारी जारी है, कई जगहों पर मार्ग अवरुद्ध हो रहा है। कल मौसम खुलने की संभावना है, जिससे रेस्क्यू अभियान में भी तेजी आएगी। सभी रेस्क्यू दल आपस में समन्वय के साथ कार्य कर रहें हैं। उन्होंने कहा माणा हेलीपैड को भी एक्टिव किया जा रहा है। इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल गोपेश्वर में भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि माणा गांव और माणा पास के मध्य सीमा सड़क संगठन के समीप हिमस्खलन की सूचना मिली थी। यहां सेना की आवाजाही के लिए सड़क मार्ग से बर्फ हटाने वाले मजदूरों के घटना स्थल के समीप होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद सेना के साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरफ, एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री विनय शंकर पांडे, एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

चमोली में भारी बर्फबारी के बाद टूटा ग्लेशियर,57 मजदूरों के बर्फ में दबने की आशंका,राहत व बचाव कार्य गतिमान

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चमोली-

चमोली जनपद से बड़ी खबर सामने आ रही है। भारी बर्फबारी के कारण चमोली के बद्रीनाथ धाम क्षेत्र में ग्लेशियर टूट गया है। यह घटना माणा और घस्तौली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर हुई। बताया जा रहा है हादसे के दौरान सड़क निर्माण में लगे ठेकेदार के कई मजदूर बर्फ में दब गए। प्रशासन और BRO की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि 57 मजदूरों के बर्फ में दबे होने की खबर है।

ऊंचाई वाले इलाकों में जारी भारी बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास एवलांच हुआ है। इस घटना के दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि तीन लोगों को आईटीबीपी और सेना की मदद से सेना अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। अन्य लोगों की तलाश जारी है।

क्षेत्र में खराब मौसम के कारण संचार सेवाएं ठप पड़ी हैं, जिससे राहत और बचाव कार्य में बाधा आ रही है। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि माणा और माणा पास के बीच हिमस्खलन होने से मजदूरों के दबने की सूचना मिली है। एयर फोर्स से मदद मांगी जा रही है, जबकि सेना और आईटीबीपी की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर भेज दिया गया है।

हालांकि, बदरीनाथ हाईवे के हनुमान चट्टी से आगे बर्फबारी के कारण सड़क अवरुद्ध होने से एनडीआरएफ की टीम अभी तक माणा कैंप तक नहीं पहुंच पाई है। प्रशासन और रेस्क्यू टीमें मौसम की चुनौतियों के बीच बचाव कार्य को तेज करने की कोशिश कर रही हैं।