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Thursday, July 3, 2025
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रेखा गुप्ता होगी दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री।

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दिल्ली में भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर श्रीमती रेखा गुप्ता जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!

मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के मार्गदर्शन में आपका नेतृत्व दिल्ली की प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और दिल्ली का सर्वस्पर्शी व सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।

वन स्टॉप सेंटर की मुहिम के द्वारा रुद्रप्रयाग जिले में 3 नाबालिक बालिकाओं के विवाह को रोका गया।

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रुद्रप्रयाग ।।अज्ञात सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जलई ग्राम सभा के अंतर्गत 3 नाबालिक बालिकाओं का विवाह रोका गया। ज्ञातव्य है कि पिछले कुछ समय से जखोली और ऊखीमठ क्षेत्रांतर्गत बाल विकास विभाग, रुद्रप्रयाग की टीम द्वारा 7 बाल विवाह रोके गए हैं।
इसी क्रम में जलई में 03 नाबालिग बालिकाओं के विवाह की सूचना मिलते ही वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, बाल संरक्षण अधिकारी रोशनी रावत एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के केस वर्कर अखिलेश सिंह द्वारा बिना देरी किए उन बालिकाओं के घर जाकर परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है जिसके लिए उनको 2 साल का सख्त कारावास तथा 1 लाख का आर्थिक दण्ड दोनों से दंडित किया जा सकता है। साथ ही घरवालों को चेतावनी दी गई कि यदि उनके द्वारा किसी बालिका का बाल विवाह किया जाता है तो उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

 

उत्तराखंड में सख़्त भू कानून लागू ये हैं अहम् प्रावधान ।

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उत्तराखंड में सख़्त भू कानून लागू ये हैं अहम् प्रावधान –

पुष्कर सिंह धामी  सरकार ने बुधवार को प्रदेश के लिए एक नया भू कानून लेकर आई है। इसके अंतर्गत

बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध

हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।

पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती

पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।

जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित

अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी।

ऑनलाइन पोर्टल से होगी भूमि खरीद की निगरानी

प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।

शपथ पत्र होगा अनिवार्य

राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।

नियमित रूप से भूमि खरीद की रिपोर्टिंग

सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

नगर निकाय सीमा के भीतर तय भू उपयोग

नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।

यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।

क्या होगा नए कानून का प्रभाव ?

इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।

पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।

भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।

सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी

भू कानून को लेकर आज होगी धामी मंत्रिमंडल की अहम बैठक,बजट सत्र के बीच मुख्यमंत्री धामी ने बुलाई कैबिनेट बैठक।

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भू कानून को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है धामी सरकार,विधानसभा के पटल पर रखा जा सकता है भू-कानून।

धामी कैबिनेट की बैठक थोड़ी देर में कैबिनेट मीटिंग में निम्न प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर।

संशोधित भू-कानून विधेयक को लेकर हो सकती है चर्चा।

उत्तराखण्ड सत्र की समयावधि बढ़ाने पर लिया जा सकता है निर्णय।

उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली पर चर्चा।

परिवहन विभाग की रोड सेफ्टी पॉलिसी पर हो सकता है निर्णय।

शिक्षा विभाग में बीआरपी-सीआरपी के साथ ही चतुर्थ श्रेणी के 4100 पदों पर भर्ती संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा।

प्रदेश के सभी नगर निकायों में एक समान टैक्स प्रणाली किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर होगी चर्चा।

उत्तराखंड के पुराने बाजरों को नए सिरे से विकसित करने के लिए री-डेवलपमेंट नीति संबंधित प्रस्ताव पर ले सकते है निर्णय।

उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर्स अगले दो साल तक उत्तराखण्ड में करनी होगी नौकरी संबंधी प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर।

एकल महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के प्रस्ताव पर भी हो सकता है निर्णय

केंद्र सरकार ने पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग का अनुदान किया जारी ।

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देहरादून

केंद्र सरकार ने पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग का अनुदान जारी किया

ग्रामीण शासन को मजबूत करने के लिए उत्तराखंड को 93 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिली

ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी किया है।

पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई)/ ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को प्रदान किए गए ये अनुदान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पंजाब के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 225.1707 करोड़ रुपये की अप्रतिबंधित अनुदान (स्थानीय निकायों को उनके क्षेत्र में विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दी जाने वाली धनराशि) की पहली किस्त जारी की गई है।

ये धनराशि राज्य की 13144 ग्राम पंचायतों, 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी 22 जिला पंचायतों के लिए है।

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान जारी पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रतिबंधित अनुदानों की 237.1393 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रतिबंधित अनुदानों की पहली किस्त की रोकी गई राशि 6.9714 करोड़ रुपए शामिल है।

ये धनराशि राज्य की 11548 ग्राम पंचायतों, सभी 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी 27 जिला पंचायतों के लिए है।

उत्तराखंड में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अप्रतिबंधित अनुदानों की 93.9643 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की गई है।

पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय ( पेयजल और स्वच्छता विभाग ) के माध्यम से भारत सरकार ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है , जिसे बाद में वित्त मंत्रालय जारी करता है। आवंटित अनुदानों की सिफारिश की जाती है जिसे एक वित्तीय वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है।

वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस ( 29 ) विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट में महसूस की जाने वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थान (पीआरआई) / ग्रामीण स्थानीय निकाय (आरएलबी) इस अनबंधित अनुदानों का उपयोग करता है।

इन अनुदानों का उपयोग (ए) स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, और इसमें विशेष रूप से घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, और मानव मल और मल कीचड़ प्रबंधन शामिल होना चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) का किया लोकापर्ण।

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देहरादून-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूडी भूषण की उपस्थिति में मंगलवार को ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) का लोकापर्ण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई- विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।

नगर पंचायत तिलवाडा के अंतर्गत संदिग्ध परिस्थियों में 32 वर्षीय युवक की मौत।

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तिलवाडा ।।तिलवाडा नगर क्षेत्र के अंतर्गत एक सनसनीखेज मौत का मामला सामने आया है जिसमे 32 वर्षीय युवक रस्सी के सहारे लटका हुआ मामला सामने आया है।बताया जा रहा है ग्राम मठियाणा निवासी सूरज सिंह रावत पुत्र बलवीर सिंह रावत के गले मे रस्सी टांक कर झूलता हुआ नजर आया है सुबह जैसे कि उक्त मृतक की पत्नी अपने मवेशियों को चारा देने गोशाला गई तो उन्होनें देखा कि उनका पति गोशाला के बाहर गाय को बांधने वाले रस्सी के सहारे लटका हुआ है उन्होंने आन फानन में दरांती से रस्सी को काट दिया लेकिन तब तक सूरज सिंह की मौत हो चुकी थी ।
मौत का मामला रहस्यमय बना हुआ है आत्महत्या है या किसी ने बारदात कर के उसे रस्सी के सहारे टांक दिया ।यह जांच का विषय बना हुआ है जैसे कि आसपास के लोगो व ग्रामीणों को मौत की घटना की सूचना मिली तो सभी लोग घटना स्थल पर पहुंच कर घटना की सूचना दूरभाष पर पुलिस को दी ।अगस्त्यमुनि थाना प्रभारी महेश रावत मय पुलिस फोर्स के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर जांच पड़ताल कर शव को अपने कब्जे मे लिया।मृतक शव पंचनामा भर कर पोस्टमार्डम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग को भेजा जा रहा है।

उत्तराखंड शासन ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बंसीधर तिवारी को सौंपी नई जिम्मेदारी।

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देहरादून-

उत्तराखंड शासन ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बंसीधर तिवारी को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं।

झरना कमठान की अनुपस्थिति में IAS बंशीधर तिवारी को अतिरिक्त प्रभार।

मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 17 फरवरी से 28 मार्च 2025 तक आयोजित 126वें इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम (ITP) में हिस्सा लेने के कारण डीजी विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान की अनुपस्थिति में आईएएस अधिकारी बंशीधर तिवारी को विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक (डीजी) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

अजय नौडियाल को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक का प्रभार

इसी क्रम में, अपर शिक्षा निदेशक और सीमैट के अधिकारी अजय कुमार नौडियाल को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक का प्रभार दिया गया है। उन्हें यह जिम्मेदारी तत्काल प्रभाव से सौंपी गयी है।

रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू किया जाए-सीएम

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*निर्माण कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश।*

*आबादी और वाहनों की वृद्धि के दृष्टिगत राज्य के अन्य शहरों के लिए भी सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए*।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू किया जाए। देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर को एक्सप्रेसवे से जोड़ते हुए केन्द्र से सहयोग का अनुरोध करने और स्टेट सेक्टर से शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये हैं। देहरादून में आबादी और वाहनों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि, पर्यटकों की संख्या में हो रही वृद्धि और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यातायात में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दिये हैं।

रिस्पना नदी के तल पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी के तल पर 15 किलोमीटर लंबे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य होना है। इन नदियों के अन्दर स्थित जन सेवाओं विद्युत लाइन, हाई टेंशन लाइन, सीवर लाइन का नदी से बाहर विस्थापन होना है। एलिवेटेड रोड के साथ नदी के दोनों किनारों पर रिटेनिंग वाल और निर्माण और बाढ़ सुरक्षा का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सभी रेखीय विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आबादी और वाहनों की वृद्धि के दृष्टिगत राज्य के अन्य शहरों के लिए भी सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि राज्य में जो भी विकास के कार्य किये जा रहे हैं, उनका आउटपुट धरातल पर दिखे। कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा आगामी राजजात यात्रा के लिए भी तैयारी शुरू की जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि यूआईआईडीबी, देहरादून एलिवेटेड रोड, गढ़वाल और कुमांऊ की कनेटिविटी के कार्यों, मानसखखण्ड मंदिर माला मिशन, आगामी नंदा राजजात की तैयारियों नियमित समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री भी समय-समय पर इनकी समीक्षा करेंगे।

बैठक में राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री धनंजय मोहन, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री वी. षणमुगम, श्री एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री रणवीर सिंह चौहान, जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी, एसएसपी देहरादून श्री अजय सिंह,नगर आयुक्त श्रीमती नमामि बंसल एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

नवयुक्त जिला सूचना अधिकारी वीरेश्वर तोमर ने रुद्रप्रयाग में सम्भाला कार्यभार।

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रुद्रप्रयाग।जिला सूचना कार्यालय में आज नवनियुक्त जिला सूचना अधिकारी वीरेश्वर तोमर ने विधिवत रूप से अपना कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत किया गया, जिसमें अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह सहित सभी कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में सूचना विभाग के कार्यों में नई ऊर्जा एवं सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई।
अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह ने वीरेश्वर तोमर को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि उनके अनुभव और कुशल नेतृत्व से सूचना विभाग को मजबूती मिलेगी और कार्यों में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि तोमर के मार्गदर्शन में सूचना विभाग जनसंपर्क और मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। इस मौके पर जिला सूचना अधिकारी वीरेश्वर तोमर ने सभी कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे सूचना विभाग में पारदर्शिता, त्वरित सूचना प्रवाह और जनहित से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि मीडिया और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा। वीरेश्वर तोमर ने जोर देकर कहा कि सूचना विभाग की भूमिका केवल सरकारी योजनाओं और नीतियों की जानकारी जनता तक पहुँचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि जनसमस्याओं को प्रशासन तक प्रभावी रूप से पहुँचाने में भी अहम योगदान देता है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि सरकारी योजनाओं और नीतियों की सटीक और स्पष्ट जानकारी आम जनता तक पहुंचाई जाए, ताकि लोग इनका पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने कार्यालय के सभी कर्मचारियों से सहयोग और समर्पण की अपेक्षा रखते हुए कहा कि सूचना विभाग को और अधिक प्रभावी एवं गतिशील बनाने के लिए टीम वर्क बेहद जरूरी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि विभागीय कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे और सरकार की विकास योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने के लिए संचार माध्यमों का अधिकतम उपयोग करेंगे।