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Saturday, December 13, 2025


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सेमी भैंसारी गांव के भूधंसाव का होगा ट्रीटमेंट,राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार से मिली स्वीकृति।

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वार्षिक ट्रीटमेंट-2022 प्लान में शामिल की गई योजना शासन से 99 करोड़ 33 लाख रुपये हुए मंजूर,

गुप्काशी- केदारनाथ आपदा के बाद से भूधंसाव से प्रभावित केदारघाटी के सेमी और भैंसारी गांव का भू-गर्भीय सर्वेक्षण के बाद ट्रीटमेंट किया जाएगा। साथ ही रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे का कुंड से गुप्तकाशी तक भी सुधारीकरण होगा। भारत सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने वार्षिक ट्रीटमेंट प्लान-2022 के तहत इस कार्य को स्वीकृति दी है। साथ ही इसके लिए 99 करोड़ 33 लाख रुपये भी मंजूर किए हैं।

16-़17 जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से सेमी-भैंसारी गांव भूधंसाव का दंश झेल रहे हैं। यहां घर, खेत-खिलयान, आवासीय मकान, गौशालाएं भूधंसाव से दरारों से पटी हैं। ग्रामीण प्रतिवर्ष अपने घरों की मरम्मत कर रहे हैं। लेकिन मंदाकिनी नदी के तेज बहाव से निरंतर हो रहे भूधंसाव से खतरा बढ़ रहा है। यहां हल्की बारिश में भी ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं। यहां रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे का भी पांच किमी हिस्सा बुरी तरह से बदहाल हो रखा है। भूधंसाव से सड़क उतार-चढ़ाव जैसी हो रखी है, जिस पर हल्की सी चूक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। लेकिन अब, इस समस्या का वैज्ञानिकों की राय से नई तकनीक के जरिए समाधान किया जाएगा। यहां पूरे प्रभावित क्षेत्र का चरणबद्घ भू-गर्भीय सर्वेक्षण कर तकनीकी के क्षेत्र में काम कर रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मदद से भूधंसाव का ट्रीटमेंट किया जाएगा। जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड-लोनिवि द्वारा इस पूरे क्षेत्र का प्रारंभिक सर्वेक्षण किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड लोनिवि रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि कुंड से गुप्तकाशी तक ट्रीटमेंट की स्वीकृति मिली है। योजना के तहत कई कार्य शामिल हैं, जिनका सर्वेक्षण कर चरणबद्घ तरीके से पूरा किया जाना है।

केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से कुंड से गुप्तकाशी तक भूधंसाव जोन के स्थायी ट्रीटमेंट की योजना बनाई गई है, जिसे वार्षिक प्लान-2022 में शामिल किया गया है। साथ ही इस कार्य के लिए 99 करोड़ 33 लाख रुपये भी मंजूर किए हैं। इस योजना के तहत सेमी व भैंसारी गांव का भी ट्रीटमेंट होना है। जल्द ही मंत्रालय के आला अधिकारी व विशेषज्ञों के द्वारा इस क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा।

बड़ी खबर- शहरी विकास विभाग में 74 अधिकारी कर्मियो की तबादला।

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शहरी विकास विभाग में 74 अधिकारी कर्मियो की तबादला लिस्ट जारी कराकर विदेश जर्मनी रवाना हुए मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को झटका सूत्र

मुख्यमंत्री धामी ने लगाया विटो तबादला लिस्ट स्थगित हुई,

विवाद बवाल की आशंका देखते हुए सीधा मुख्यमंत्री धामी ने सीधा लिस्ट रोक दी सूत्र,

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारदर्शिता पर एक बड़ा संदेश दिया।

जिला कांग्रेस कमेटी ने मनाया जनपद का 26वां स्थापना दिवस।

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(वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी की फेसबुक वाल से)

आज जनपद रुद्रप्रयाग का 26वां स्थापना दिवस जिला कांग्रेस कमेटी ने उत्साहपूर्वक मनाया। इस अवसर पर नगर पालिका परिषद के सभागार में वक्ताओं ने जिला निर्माण के आंदोलन पर विस्तृत प्रकाश डाला और आंदोलन के कर्णधारों को नमन किया।

रुद्रप्रयाग जिला 18 सितंबर 1997 को बना था। रुद्रप्रयाग जिले के लोगों के 8 वर्ष के एकजुट संघर्ष और कुशल रणनीति के चलते उ. प्र. सरकार Oके राजस्व अनुभाग-5 द्वारा जारी अधिसूचना सं. 2867/1-5-97-323-97- रा.-5/दिनांक 18 सितंबर 1997 द्वारा इसका गठन किया गया।
इस अवसर पर तहसील और जिला आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे लेकिन दिवंगत हो चुके इंद्र सिंह रावत जी, श्रीधर प्रसाद खाली जी, पुष्कर सिंह कंडारी जी, प्रताप सिंह पुष्पवाण जी, लीला नन्द भट्ट जी, नारायण दत्त गैरोला वैद्य जी, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट जी और जिला निर्माण समिति के प्रथम संयोजक वंशीधर डोभाल जी सहित सभी दिवंगत विभूतियों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धाञ्जलि अर्पित करना उपयुक्त होगा।
जिला आंदोलन संघर्ष समिति के महामंत्री देवेंद्र झिंक्वाण यदि इस आंदोलन में डॉ. हरकसिंह रावत को शामिल नहीं करते तो जिला बनना सम्भव नहीं था। इसलिए इन दोनों नेताओं को धन्यवाद दिया गया और समारोह में उपस्थित श्री देवेंद्र सिंह झिंक्वाण का शाल व माला से सम्मान किया गया। वक्ताओं ने सभी आंदोलनकारियों, युवाओं, बहनों और भाइयों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और संकल्प लिया की हम सब मिलकर जिले के बहुमुखी विकास के लिए निष्ठापूर्वक कार्य करेंगे। तभी इस प्रकार के आयोजनों की सार्थकता होगी।
आयोजन के उपरान्त जिलाध्यक्ष श्री ईश्वर सिंह बिष्ट और महामंत्री श्री शैलेन्द्र भारती ने मेरे घर पहुँच कर जिला निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का उल्लेख कर शाल और माला पहनाकर सम्मान जताया।

बदरीनाथ धाम में उमड़ा भक्तो का सैलाब 

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रिपोर्ट- सोनू उनियाल


बद्रीनाथ- तीन दिनों के मौसम विभाग के अलर्ट के बाद आज बदरीनाथ धाम में मौसम खुशगवार हो चला है, हल्की खिली धूप में भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने के लिए मंदिर सिंह द्वार पर सुबह तड़के 4 बजे से तीर्थ यात्रियों की कतार लगी हुई है, दर्शनार्थियों की लम्बी लाईन नाग नागिन छेत्र तक देखी जा रही है, धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है

श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि  8 मई  से 18 सितंबर शाम तक  12 लाख 74हजार 481 श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल भगवान के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया,

वहीं 17 सितंबर  शाम तक  श्री बदरीनाथ-केदारनाथ  दोनों धामों में पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का आंकड़ा 24 लाख 61 हजार 77 यात्री तक पहुंच गया है

इस तरह 18 सितंबर  शायंकाल तक उत्तराखंड के  चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या का योग भी बड़ कर 34 लाख 34 हजार 679

( चौतीस लाख तैतीस हजार छ: सौ उनासी ) तक पहुंच गया है,

चलती गाड़ी के ऊपर गिरा बोल्डर हुआ बड़ा हादसा ।

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नैनीताल- पहाडों में पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने कहर ढाया हुआ है। ऐसा ही एक मामला नैनीताल में देखने को मिला जब चलती कार के उपर बोल्डर/पत्थर गिरने से कार चक्कनाचूर हो गयी ।  उत्तराखंड के नैनीताल से एक दुखद खबर सामने आई है दरअसल हल्द्वानी-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में कैची धाम के पास चलती कार के ऊपर बोल्डर गिरने से 1 व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 3 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं।
जानकारी के मुताबिक ये सभी लोग मुरादाबाद के रहने वाले हैं और पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के चलते इनकी गाड़ी के ऊपर पहाड़ी से बोल्डर आया जो सीधे इनकी गाड़ी के ऊपर गिरा और ये दुखद हादसा हो गया।

पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालय क्षेत्र में हिमपात।

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पिथौरागढ़।मौसम विभाग के अलर्ट करने के बाद पिथौरागढ़ जिले में तीन दिन से बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही थी। पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालय पर्वतीय क्षेत्र में कल रात तीन मिलम दुंग ITBP पोस्ट में वर्ष का पहला हिमपात हुआ है ।

कभी केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाई जाती थी खाडू घास ।

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  • कभी केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाई जाती थी खाडू घास
    समय के साथ मंदिर की सजावट में होते रहे परिवर्तन
    पत्थर, टिन, चांदी के अब लगेंगी सोने ।
    रुद्रप्रयाग। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति एक दानी-दाता की मदद से केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत लगाने जा रही है। इससे पूर्व मंदिर के गर्भगृह में साज-सज्जा को लेकर समय-समय पर परिवर्तन
    होते रहे हैं। दशकों पूर्व मंदिर की गर्भगृह की दीवारों पर खाडू घास लगाई जाती थी, जिसकी केदारघाटी के चिह्नित स्थानों पर इस घास को उगाया जाता था।
    समुद्रतल से 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवकालीन बताया जाता है। मान्यता है कि केदारनाथ मंदिर चार सौ वर्षों तक बर्फ के नीचे ढका रहा। बाद में धीरे-धीरे बर्फ पिघली और मंदिर का ढांचा नजर आया। नौंवी सदी में आदिगुरू शंकराचार्य ने केदारनाथ मंदिर का पुनरोद्घार किया। इसके बाद संभवतः यात्रा का शुभारंभ हुुुआ होगा। केदारनाथ की पहली कैमरा फोटो वर्ष 1880 के करीब मिली है, जिसमें दिखाई देता है कि मंदिर के चारों तरफ खाली स्थान है। समय के साथ केदारनाथ में परिवर्तन देखने को मिले। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी बताते हैं कि दशकों पूर्व केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को खाडू घास से सजाया जाता था। खाडू घास उगाने के लिए कुछ खेत थे, जो ढालनुमा होते थे और उन्हें स्थानीय भाषा में खड़वान कहते थे। बाद में घास के स्थान पर पत्थरों ने लिया। गर्भगृह की फर्श और दीवारों को कटवा पत्थरों से तैयार किया गया, जिससे उनकी भव्यता बढ़ गई। इसके बाद दीवारों पर टिन लगाई गई, जो कई वर्षों तक रही। उसके बाद उसे भी हटा दिया गया। आपदा के बाद वर्ष 2017 में मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर चांदी की परत लगाई गई। अब, सोने की परत लगाने के लिए कवायद चल रही है, जिसके तहत ट्रायल के तौर पर इन दिनों तांबे की प्लेट लगाई जा रही हैं। अक्तूबर में गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत स्वर्णमंडित हो जाएंगी।
    1960 तक केदारनाथ में थी सिर्फ एक दुकान
    रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में भवन निर्माण को लेकर वर्ष 1980 में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने एक सर्वेक्षण किया था, जिसके अनुसार 1960 तक केदारनाथ में सिर्फ एक दुकान थी। उसके दस वर्षों में यहां तीन दुकानें और खुल गईं थी। जबकि सरकारी व स्वायत्त संस्थाओं के 47 भवन भी बन चुके थे। इसके बाद यहां निर्माण की रफ्तार इस कदर बढ़ी कि वर्ष 1980 तक यहां 146 भवन बनकर तैयार हो गए थे। जून 2013 की आपदा से पूर्व केदारनाथ में 350 से अधिक भवन बन चुके थे। आपदा में लगभग डेढ़ सौ भवन सैलाब में बह गए थे। जबकि अन्य में कई बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे।

बद्रीनाथ में ऊंचाई वाली चोटियां पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है।

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जनपद चमोली में पिछले 2 दिनों से लगातार बारिश जारी है मौसम विभाग की चेतावनी सटीक साबित हुई जिससे तापमान में भी भारी गिरावट आई है बद्रीनाथ के साथ हेमकुंड साहिब रुद्रनाथ की ऊंची चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई है जिला प्रशासन की ओर से भी बारिश के अलर्ट को देखते हुए समय-समय पर लोगों से अपील की जा रही है और सभी थाना व तहसीलों को भी अलर्ट पर रखा गया है।

Uksssc की परीधि में शामिल रही 23 परीक्षाएं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जायेगी।

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उत्तराखंड-अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीधि में शामिल रही 23 परीक्षाएं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जायेगी। इस सम्बन्ध आज सचिव कार्मिक एवं सतर्कता शैलेश बगोली की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में बताया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परिधि में संशोधन करते हुए समूह ‘ग’ की 23 परीक्षाओं की जिम्मेदारी उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को दे दी गई है।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक प्रकरण का खुलासा होने के बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से लगातार युवाओं के हित में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की गतिमान परीक्षाओं को मंत्रिमंडल ने उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग से कराने का फैसला लिया था। अब इसी क्रम में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परीधि में बदलाव करते हुए 23 परीक्षाओ का जिम्मा भी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को दिया गया है। इन परीक्षाओं में राजस्व उपनिरीक्षक/लेखपाल, बंदी रक्षक, पर्यावरण पर्यवेक्षक/प्रयोगशाला सहायक(समस्त विभाग), राज्य सरकार द्वारा स्थापित या नियंत्रित निगम, निकाय संस्थान, मानचित्रकार/सर्वेयर(समस्त विभाग/राज्य सरकार द्वारा स्थापित या नियंत्रित निगम/निकाय/संस्थान, वन आरक्षी, अवर अभियंता, अनवेक्षक कम संगणक, पुलिस आरक्षी-पीएससी/आईआरबी/अग्निशामक, उपनिरीक्षक पुलिस/अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, कृषि/पशुपालन, उद्यान(स्नातक), सहकारिता पर्यवेक्षक, गन्ना पर्यवेक्षक/दुग्ध पर्यवेक्षक, सहायक लेखाकार/लेखा निरीक्षक, कनिष्ठ सहायक, वैयक्तिक सहायक, सहायक लेखाकार, व्यवस्थापक/व्यावस्थाधिकारी, पुलिस रैंकर्स, वाहन चालक, अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी/दूरसंचार पुलिस, स्केलर(वन विभाग) शामिल हैं।

जांच के दायरे में है विधानसभा में हुई सभी नियुक्तियां।

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देहरादून- जांच के दायरे में है विधानसभा में हुई सभी नियुक्तियां।

राज्य गठन के बाद से साल 2022 के भीतर हुई नियुक्तियों की हो रही जांच।

विशेषज्ञ समिति भर्तियों से संबंधित फाइलों और पत्रावलियों की जांच पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार करने में जुटी।

समिति ने एक-एक नियुक्तियों की फाइल वाह पत्रावली ओं विधानसभा अधिष्ठान अनुभाग से मांग कर कर रहा है जांच।

अंतिम चरण में चल रही है समिति की जांच।

फाइलों का पत्रा बनियों की जांच के बाद अब रिपोर्ट तैयार कर रही है समिति।

अगले कुछ ही दिनों के भीतर विशेषज्ञ समिति विधानसभा अध्यक्ष को सौंप सकती है रिपोर्ट।

विधानसभा में बैक डोर नियुक्तियां विभाग पर विधानसभा अध्यक्ष ने बनाई थी विशेषज्ञ समिति।

तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति को गठित कर सौपी गयी की थी जांच।