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Thursday, June 26, 2025
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उत्तराखंड में आईएफएस अधिकारियों के हुए बम्पर तबादले,लिस्ट हुई जारी

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उत्तराखंड-उत्तराखंड शासन से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। आईएफएस अफसरों के बड़े स्तर पर ट्रांसफर ऑर्डर जारी किये गए है। वन विभाग में कई आईएफएस अफसरों के तबादले करने के साथ अतिरिक्त प्रभार दिए गए हैं। वहीं कई अफसरों के अतिरिक्त प्रभार को हटाए भी गए है।

समीर सिंन्हा को हटाया गया रंजन मिश्रा को वन्यजीव प्रतिपालक का चीफ बनाया गया है।

प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव की जिम्मेदारी रंजन मिश्रा को दी गई, जबकि समीर सिन्हा को कैंपा का सीईओ बनाया गया है। अपर प्रमुख वन संरक्षक परियोजना एवं सामुदायिक कपिल लाल को सीसीएफ पर्यावरण का अतिरिक्त प्रभार, विवेक पांडे को अपर प्रमुख वन संरक्षक वन अनुसंधान प्रबंधन एवं प्रशिक्षण, हल्द्वानी में नई तैनाती दी गई है।

अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा से मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक प्रबंधन का अतिरिक्त प्रभार हटाया गया है। मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार से मुख्य वन संरक्षक पारिस्थतिकीय पर्यटन, प्रचार एवं विस्तार व प्रबंध निदेशक, इको टूरिज्म विकास निगम का अतिरिक्त प्रभार हटाया गया है।

बांस रेशा विकास परिषद के सीईओ मनोज चंद्रन को नामिम गंगे परियोजना का निदेशक, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद मीनाक्षी जोशी मुख्य वन संरक्षक सतर्कता एवं विधि प्रकोष्ठ का कार्यभार संभालेंगी। जायका के परियोजना निदेशक प्रसन्न पात्रो को सीईओ बांस रेशा विकास परिषद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

मुख्य वन संरक्षक राहुल को सीसीएफ वन उपयोग एनटीएफपी और आजीविका का अतिरिक्त प्रभार, सीसीएफ कुमाऊं धीरज पांडे को वन संरक्षक उत्तरी वृत्त का अतिरिक्त प्रभार मिला है। वन संरक्षक उत्तरी वृत्त कोको रोसो को राजाजी नेशनल पार्क का निदेशक बनाया गया है।

डीएफओ रामनगर दिगांथ नायक से डिप्टी डायरेक्टर कार्बेट टाइगर रिजर्व का प्रभार हटाया गया है। आकाश गंगवार को उप वन संरक्षक लैंसडोन, नवीन पंत को डीएफओ कालागढ़ वन प्रभाग बनाया गया है।

परिवीक्षाधीन तरुण एस को उप वन संरक्षक केदारनाथ वन प्रभाग पर तैनात किया गया है। डीएफओ कल्याणी से उप वन संरक्षक केदारनाथ वन प्रभाग का अतिरिक्त प्रभार हटाया गया है। परिवीक्षाधीन राहुल मिश्रा को डिप्टी डायरेक्टर सीटीआर बनाया गया है

बरसिर रणधार बधाणी मोटर मार्ग की दुर्दशा को देख कर विकास की परिकल्पना को समझा जा सकता है।

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रुद्रप्रयाग।जनपद रुद्रप्रयाग के विकास खण्ड जखोली के अंतर्गत बरसिर रणधार badhani मोटरमाग की दुर्दशा किसी से छिपी नही है यह सड़क सिलगढ़ व बांगर पट्टी के लगभग 30 से 50 हजार की जनसंख्या की लाईफ लाइन मानी जाती है पिछले कई वर्षों से यह सड़क गड्डो व तालाबो में तब्दील हो रखी है इनकी इस सड़क की सुध लेने वाला कोई नही,,सरकारी कार्यकलाप में  सड़क की सुधारीकरण के लिए निविदाएं तो निकाली है लेकिन वो भी सरकारी सिस्टम में फंसी हुई है ।लेकिन इस क्षेत्र के लंबे कुर्ते धारियों को इस सड़क की सुध लेना उन लोगो के सफेद कपड़ो पर दाग लगना जैसे हो रखा है। मुख्यमंत्री के बगल में फोटो शूट करके व चंद शोशियल मीडिया वीरों की मुलाकत मुख्यमंत्री से करवाने पर क्षेत्र का विकास नहीं होगा। सोशियल मीडिया वीरों से हवा बनाने से चुनाव कैसे जीत जाएंगे ये देखने वाली बात होगी।कलफ लगे सफेद कपड़े पहनकर नेता बन जाना और सामाजिक चेतना के साथ राजनैतिक चेतना का आत्मसात होकर नेता बनना स्पष्ट रूप से अलग अलग प्रतिबिम्बित होते हैं। गढ़वाल में एक पखाणा है कोरु नेता अर उखड़ी नेता

डबल इंजन सरकार के संगठन के जिलाध्यक्ष के क्षेत्र बांगर की मोटर सड़क व्यवस्थाओं की मार झेल रही है। यह मोटरमार्ग राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते अधर में लटक रखी है या व्यवस्थाओं के मकड़जाल में उलझी है यह निर्णय लेना कठिन है। मयाली रणधार बधाणी मोटरमार्ग अंतिम साँस ले रही है इस मोटर सड़क पर चलना एवरेस्ट फतह करने जैसे हालत हो रखे हैं।आखिर इस क्षेत्र से पलायन भी न के बराबर है और लगभग 19 से 20 गावों की लाइफलाइन के साथ भगवान वासुदेव मंदिर व बधानीताल जैसे खूबसूरत पर्यटक स्थलों वाला क्षेत्र वर्तमान में व्यवस्थाओं ने क्षेत्र की दुर्दशा से पर्यटन के मानचित्र जगह नहीं बनाई है। यह क्षेत्र के विकास के लिए अपना अहम योगदान देते पर्यटकों के आने से क्षेत्र में स्वरोजगार की सम्भवनाएँ अधिक होती जो की शून्य हैं।मुख्यमंत्री के बगल में फोटो शूट करके व चंद शोशियल मीडिया वीरों की मुलाकत मुख्यमंत्री से करवाने पर क्षेत्र का विकास नहीं होगा। सोशियल मीडिया वीरों से हवा बनाने से चुनाव कैसे जीत जाएंगे ये देखने वाली बात होगी।

क्षेत्र में इस मोटरमार्ग के बारे में पूछने पर क्षेत्रीय लोगों का यही कहना था कि बरसिर रणधार बधानी मोटर मार्ग की दुर्दशा देख कर लगता है यह मोटर मार्ग नही बल्कि कोई घोड़े खच्चर चलने वाला मार्ग है। इस मोटर मार्ग पर लंबे-लंबे कुर्ते धारियों के गांव भी इसी मोटर मार्ग पर पड़ते हैं। कलफ लगे कुर्ते धारी नेता सीधे मुख्यमंत्री से बात करते है क्षेत्रीय विधायक से नही करते क्योंकि इनकी मजबूत पक्कड़ सीधे मुख्यमंत्री से है। अन्य बातों को जितनी करवा लो पर ये अपनी इस बारह गांवों को जोड़ने वाली सड़क के सम्बंध में कुछ नही बोलेंगे। बरसिर रणधार बधानी सड़क ठीक हो जाएगी तो लम्बे कुर्तेधारी राजनीति कहा से करेगे। ये तो गांवो जब जाते है इनको अपने पीछे घूमने वाले चाहिए, क्यो इस सड़क से एक परिवार नही जाता, इनके खुद के परिवार तो बाहर रहता हैं तो इनको क्या समस्या होनी इन्हें इस सड़क से क्या लेना। राजनैतिक मंचो पर बाते तो ये मुख्यमंत्री वाले बोलते है जैसे शासनादेश इनकी जेब मे रहता होगा। यदि इतने बड़े नेता हो तो इस सड़क को एक साल से क्यों लटकाया गया है। यह कटाक्ष जिसने भी किया वह ठेठ गावँ के व्यक्ति हैं उनका किसी भी राजनैतिक दल से कोई संबन्ध नहीं है मोदी ने बहुत अच्छा किया किसान को देखा पर राशन देना बंद करना होगा खेत बंजर और जो बचे भी हैं वो अल्प समय में बंजर हो जायेंगे जैसी चिंता करने वाले लोग इस तरह से व्यवस्था की मार से स्वयं को उपेक्षित समझ रहें हैं यह विचारणीय सवाल पर मंथन अवश्य होना चाहिए।

सभी सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढ़ा मुक्त की जाएं-सीएम

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*सभी सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढ़ा मुक्त की जाएं-सीएम*

*सचिव, विभागाध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी पुनर्निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करें।

*जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

*राज्य में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कुल 427.87 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है।

*नगर निकायों में आंतरिक मार्गों की मरम्मत एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान देने के दिये निर्देश

सभी सड़कें 15 अक्टूबर तक गड्ढ़ा मुक्त की जाएं। राज्य में अतिवृष्टि से प्रभावित सभी क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किये जाएं। सचिव, विभागाध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी पुनर्निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करें। जो कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, उनका भौतिक सत्यापन किया जाए। जो सड़कें अभी बंद हैं, उन्हें यथाशीघ्र सुचारू किया जाए। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर सड़कों के स्थाई ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश मंगलवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में सभी स्थितियां सामान्य बनाई जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि जन सामान्य को किसी भी प्रकार से परेशानी न हो। इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य कर समस्याओं का समाधान करें। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन कर मानकों के अनुसार क्षतिपूर्ति की जाए। सभी जिलाधिकारी अपने जिलों को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में कार्य करें। जिन गांवों से लोगों को विस्थापित करना है, विस्थापन की कार्यवाही भी जल्द की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे नियमित जनपदों की विभिन्न व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा काल के बाद होने वाली जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। जल जनित रोगों से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने नियमित जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अस्पतालों में सफाई व्यवस्था के साथ ही मरीजों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में आंतरिक मार्गों की मरम्मत एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।

प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए कुल 427.87 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। इसमें राज्य आपदा मोचन निधि से 386.87 करोड़ रूपये, राज्य सेक्टर न्यूनीकरण मद से 15 करोड़ और राज्य सेक्टर नॉन एसडीआरएफ मद से 26 करोड़ रूपये अवमुक्त किये गये हैं। राज्य आपदा मोचन निधि के पुर्स्थापना और पुनर्वास मद के लिए विभागों को 95 करोड़ की धनराशि और दी जा रही है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को 50 करोड़, पीएमजीएसवाई को 15 करोड़, पेयजल निगम को 20 करोड़ एवं यूपीसीएल को 10 करोड़ रूपये की धनराशि दी जा रही है।

बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय रोहिला, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलैश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय, आर.सी श्री अजय मिश्रा, संबंधित विभागों के अपर सचिव, विभागध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।

DIET रुद्रप्रयाग में Inspiring India In Research Innovation In STEM Education कार्यक्रम के अंतर्गत 372शिक्षकों दिया जा चुका है 3 दिवशीय प्रशिक्षण।

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भारतीय विज्ञान एवं शिक्षा अनुसंधान संस्थान पुणे (IISER Pune) द्वारा STEM के तकनीकों एवं नवीनतम शैक्षणिक उपकरणों का उपयोग कर विद्यार्थियों में गणित एवं विज्ञान की अभिरुचि विकसित करने के उद्देश्य से राज्य के विज्ञान एवं गणित शिक्षकों को iRISE (Inspiring India In Research Innovation In STEM Education) कार्यक्रम अंतर्ग 372 शिक्षको को 03 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण उपरान्त चयनित शिक्षको द्वारा कक्षा में की गई गतिविधियों के आधार पर Phase II के 10 दिवसीय प्रशिक्षण IISER पुणे और IIT रूड़की में दिया गया था। Phase II के प्रशिक्षित रुद्रप्रयाग जिला के 4 Innovation Champions (ICs) पीयूष शर्मा, सुलेखा सेमवाल, शंकर भट्ट और अंकिश डिमरी ने जिलास्तरीय प्रशिक्षण संचालित कर रहे है
इसी क्रम में DIET रुद्रप्रयाग, में जिले के 3 ब्लॉक से 57 शिक्षकों का प्रशिक्षण 23-25 सितम्बर 2024 की अवधि में संचालित किया जा रहा है जिसका उद्घाटन DIET रुद्रप्रयाग के प्रभारी प्राचार्य श्री हरी बल्लभ डिमरी, द्वारा किया गया इस कार्यकर्म में डाइट कोऑर्डिनेटर डॉ विनोद यादव, प्रदीप चमोली और iRISE IISER पुणे के मोहम्मद तकी, नजीला, उपस्थित थे।इस तीन दिवसीय कार्यशाला में विज्ञान और गणित के कई रोचक गतिविधियाँ कराई जाएगी l जिसके माध्यम से विज्ञान और गणित को बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाया जा सकता है l उक्त प्रशिक्षण में रटने की जगह समझने की प्रवृति को प्राथमिकता दी गई है l

अयोध्या में श्रीराम को समर्पित उत्तराखंड के शुभवस्त्रम् ने बढ़ाई प्रदेश की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा।

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*अयोध्या में श्रीराम को समर्पित उत्तराखंड के शुभवस्त्रम् ने बढ़ाई प्रदेश की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा*
*सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेश की संस्कृति और कला को मिल रही नई पहचान

उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कलाओं को न केवल एक नई पहचान मिल रही है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियाँ भी इससे प्रेरित होकर जुड़ रही हैं। सोमवार का दिन उत्तराखंडवासियों के लिए गौरव का दिन था, जब अयोध्या में विराजमान भगवान श्रीरामलाल का दिव्य विग्रह देवभूमि की विश्वविख्यात ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम में सुशोभित हुए। यह शुभवस्त्रम न केवल उत्तराखंड की पारंपरिक कला और समर्पण का प्रतीक था, बल्कि इसने राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को राष्ट्रीय पटल पर एक नया गौरवशाली अध्याय जोड़ा।

इन शुभवस्त्रों को उत्तराखंड के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया, और स्वयं मुख्यमंत्री ने इसे अयोध्या पहुँचाकर श्रीराम मंदिर में भेंट किया। यह शुभवस्त्रम् में न केवल प्रदेश की ऐपण कला नजर आती है बल्कि इसमें निहित भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी है, जिसने उत्तराखंड की सांस्कृतिक छवि को और अधिक प्रखर बना दिया।

मुख्यमंत्री धामी के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश की लोक कला, संगीत, नृत्य और शिल्पों के संवर्धन की दिशा में भी अनेक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी न केवल राज्य के स्थानीय हस्तशिल्प और कारीगरों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि राज्य के युवाओं को भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने और इसे संजोने की प्रेरणा दे रहे हैं।

सीएम धामी के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला और संस्कृति की गूंज अब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई देने लगी है। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में उत्तराखंड की लोक कलाओं को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे राज्य को वैश्विक पहचान और सम्मान मिल रहा है। धामी का मानना है कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और संवर्धन आधुनिक संसाधनों और तकनीकों के साथ होना चाहिए ताकि यह अमूल्य विरासत आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे।

मुख्यमंत्री धामी का यह दृढ़ विश्वास है कि राज्य का समग्र विकास तभी संभव है जब उसकी सांस्कृतिक जड़ें मजबूत हों। इसलिए, उनके नेतृत्व में युवाओं को डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया के ज़रिए संस्कृति से जोड़ा जा रहा है। सांस्कृतिक संस्थानों और कला संगठनों के सहयोग से युवाओं को पारंपरिक कलाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपनी संस्कृति पर गर्व करें और इसे और आगे बढ़ा सकें।

केदारनाथ विधान सभा सीट के उप चुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा लगी दाव पर,पांच मंडलो में पांच कैबिनेट मंत्री किये तैनात।

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रुद्रप्रयाग – उत्तराखंड विधानसभा की केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने राज्य सरकार के पांच मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मंडल का जिम्मा सौंपा है। इन मंत्रियों को अपने-अपने मंडलों में पार्टीजनों के साथ निरंतर बैठकें करने और जनता दरबार लगाने को कहा गया है। भाजपा की कोशिश है कि उपचुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाया जाए। राज्य सरकार के पांच मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मंडल का जिम्मा दिया गया है। जाहिर है उपचुनाव में इनके कौशल की भी परीक्षा होनी है। वे इसमें कितना सफल हो पाते हैं, इस पर सबकी नजर रहेगी। बदरीनाथ सीट के उपचुनाव से सबक लेते हुए पार्टी अब केदारनाथ सीट के उपचुनाव को लेकर मैदान में उतर चुकी है, जबकि अभी उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित भी नहीं हुआ है। भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण यह सीट रिक्त हुई है। भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पांच मंडलों में एक-एक कैबिनेट मंत्री को जिम्मेदारी दी है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा को गुप्तकाशी, सतपाल महाराज को ऊखीमठ, रेखा आर्या को अगस्त्यमुनि, सुबोध उनियाल को अगस्त्यमुनि ग्रामीण और गणेश जोशी को सतेराखाल मंडल का जिम्मा दिया गया है। मंत्रियों को अपने-अपने मंडलों में पार्टीजनों के साथ निरंतर बैठकें करने व जनता दरबार लगाने को कहा गया है। मंत्री एक बार अपने क्षेत्र का दौरा भी कर चुके हैं। मंत्रियों को मोर्चे पर उतारने के पीछे पार्टी की मंशा यही है कि उपचुनाव से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाया जाए। साथ ही जनसमस्याओं का निराकरण भी सुनिश्चित कराया जाए। अब देखना होगा कि मंत्रियों का कौशल कितना रंग जमा पाता है।

शिक्षकों को लेकर जा रहा वाहन हुआ हादसे का शिकार,हादसे में घायल हुए वाहन सवार सभी शिक्षक।

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उत्तरकाशी-शिक्षकों को लेकर जा रहा वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया.बताया जा रहा है कि वाहन में लगभग 10 से 12 शिक्षक सवार थे। वाहन चिन्यालीसौड से गढ़वाल गाड़ जा रहा था। जोकि नागथली छोटी मणि के पास गढ़वाल गाड़ सड़क पर पलट गया। हादसे में सभी शिक्षकों के घायल होने की सूचना है।सोमवार सुबह तहसील चिन्यालीसौड़ के अंतर्गत बड़ी मणि जोगत मोटर मार्ग पर वाहन गिरने की सूचना पर राजस्व टीम, थाना चिन्यालीसौड़ से पुलिस टीम, 108 एम्बुलेंस, एसडीआरएफ रावाना हुई।ग्राम छोटी मणी नैल के पास चालक देवेंद्र सिंह चौहान स्कूल टीचरों को लेकर जा रहा था। तभी अचानक वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया।जिसमें एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं अन्य वाहन सवार सामान्य बताए जा रहे हैं। उक्त वाहन में लगभग 10 से 12 टीचर सवार बताये जा रहे हैं,जिनमें से एक शिक्षक की हालत गंभीर बताई गयी है।

रुद्रप्रयाग के विकास भवन में तैनात वाहन यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ।

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रुद्रप्रयाग के विकासभवन में तैनात वाहन यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ।

जब जिले में बैठे उच्च अधिकारी ही नियमो को ताक पर रख रहे है तो अन्य को ये लोग क्या शिक्षा दे पाएंगे।

क्या नियम सिर्फ आम आदमी के लिए हैं, या ख़ास के लिए भी कुछ हैं।

मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग के द्वारा प्रयुक्त वाहन की नम्बर प्लेट पर आखिर न परिवहन विभाग देखता न दैनिक वाहनों की चेकिंग करने वाली यातायात पुलिस।

जब बात यातायात के नियमों के पालन की आती है तो अक्सर देखा जाता है की बिना हेलमेट या प्रदूषण या इंश्योरेंश, लाइसेंस की कमी के चलते अक्सर दो पहिया वाहनों को यातायात के नियमों को पालन करवाने के लिए रोका जाता है जो की अच्छा भी है। वाहन से संबंधित सभी कागजातों को अद्यतन करके रखें सभी का कर्तव्य के साथ साथ जबाबदारी भी है।

अब बात आती है जब किसी बड़े अधिकारी के द्वारा प्रयोग की जा रही गाडी जो की पीले नंबर प्लेट अर्थात टेक्सी नंबर में रजिस्टर्ड गाडी है। इस गाडी की पीली पट्टी कागज से ढककर उसके ऊपर अपनी धौंस जमाने के लिए सफेद पट्टी करके नंबर को कागज पर प्रिंट करके लिखा गया हो तो यातायात के नियमों धज्जियां उड़नी स्वभाविक हैं। ऐसे भी नहीं है की यह वाहन परिवहन विभाग के जिम्मेदार की नजरों में न आया हो। क्योंकि अमूमन बैठकों में परिवहन विभाग के जनपद मुखिया भी विकासभवन के सभागार में जाते होंगे और जब नियमों की धज्जियां उड़ाते यह वाहन उनका मुँह चिढ़ाता होगा तो मजबूरी है की साहब की गाडी है वाला ध्यान आकर मन को समझाबुझाकर आगे बढ़ना मजबूरी हो जाता है।

इस वाहन का पंजीकरण देहरादून आरटीओ कार्यालय में परमिट संख्या 111/22601/STA/TAXI/AI/17 है। स्पष्ट है कि यह वाहन टेक्सी नम्बर में पंजीकृत है और परिवहन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है क्या इस वाहन स्वामी के विरुद्ध कोई कार्यवाही होती है या नही देखने वाली बात होगी। वाहन पर कार्यवाही न होने को लेकर संशय इसलिए है कि कार्यवाही होनी होती तो कब की हो जाती।

यदि यह वाहन यातायात के नियमों की अवेहलना कर रहा है तो इस वाहन स्वामी पर क्या कार्यवाही की जाएगी । यह एक मामूली वाहन चालक के द्वारा पूरे सिस्टम को ताक पर रखकर इस तरह का कृत्य किया जाना कहीं न कहीं अपनी भी चलती है का दम्भ भरा है जो कि चुनोती है उस जिम्मेदार के लिए जो यातायात की व्यवस्था है उसको लेकर ये लोग भी मौन बैठे हुए है इनकी नजर इन पर नही बल्कि बाइक पर सवार पर होती हैं हेलमेट पहना है या नही ,चालान जो काटना है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणः आयुष्मान में फ्राड करने वाले अस्पतालों पर नकेल

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चेयरमैन के सख्त निर्देशों पर स्टेट एंटी फ्राड यूनिट ने बढ़ाई सक्रियता, धोखाधड़ी करने वालों पर रहेगी कड़ी नजर
– अस्पताल में इलाज से पूर्व व इलाज के बाद मरीज से भी लिया जाएगा फीडबैक, फ्रॉड व लापरवाही पर भुगतने होंगे परिणाम

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना में फ्राड करने वाले अस्पतालों पर अब नकेल पड़ जाएगी। इस मसले पर प्राधिकरण के चेयरमैन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी ने स्टेट एंटी फ्राड यूनिट को सक्रिय रहने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।गत दिवस हुई समीक्षा बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने स्टेट एंटी फ्राड यूनिट को सतर्क रहने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने ऑडिट को और अधिक सावधानीपूर्वक व गुणवत्ता के साथ करने के निर्देश दिए। विशेष आडिट में आयुष्मान के अंतर्गत इलाज लेने के पूर्व और बाद में लाभार्थी ऑडिट आयोजित करने के निर्देश दिए।
जो दावे टीम द्वारा अस्वीकृत किए गए हैं विशेष रूप से अस्पताल की मौद्रिक मांगों के संबंध में लाभार्थियों से फीडबैक एकत्र करेगी। अस्पतालों में लाभार्थियों को कैशलेस व बेहतर उपचार मिल रहा है इसकी भी समय समय पर जांच की जाएगी।

अस्पतालों को अब लाभार्थियों के विवरण में आने वाली विसंगतियों से बचने के लिए सभी अस्पतालों को घोषणा पत्र पर लाभार्थी की विस्तृत जानकारी सही-सही भर कर देने होगी। उन्होंने कॉल सेंटर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत पर बल दिया। कहा कि इससे त्वरित जांच में आसानी होगी। जांच में यदि धोखाधड़ी का पता चलता है, तो संबंधित अस्तपाल के खिलाफ राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निदेशक मेडिकल क्वालिटी डा विनोद टोलिया ने बताया कि जारी निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जांच टीमों को और अधिक सर्तक व सक्रियता को कहा गया है।

केदारनाथ पैदल आवागमन के लिए जंगलचट्टी के पास क्षतिग्रस्त हुआ पैदल मार्ग हुआ सुचारु

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श्री केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम की ओर छोड़ा गया*

*फिलहाल पैदल यात्री ही कर सकेंगे आवागमन, घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही में लगेगा कुछ और समय*

20 सितम्बर की रात्रि को गौरीकुण्ड से केदारनाथ धाम तक जाने वाला पैदल मार्ग स्थान जंगल चट्टी के पास भू-धंसाव के चलते तकरीबन 10 से 15 मीटर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। गत दिवस यहां पर वैकल्पिक मार्ग तैयार कर व देर सांयकाल मुख्य पैदल मार्ग को कुछ हद तक ठीक करते हुए केदारनाथ की ओर से वापस आ रहे सभी यात्रियों को गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग की ओर रवाना कर दिया गया था। आज प्रातःकाल केदारनाथ की ओर से वापस आने वाले यात्रियों के साथ ही केदारनाथ धाम की तरफ जाने वाले यात्रियों को गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग से ऊपर की ओर भेजा गया है। इस स्थान पर दोनो ओर से होने वाली आवाजाही को सुरक्षित तरीके से संचालित किए जाने हेतु सुरक्षाबल (स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ) तैनात है। केवल पैदल चलने वाले यात्रियों को ही यहां से जाने दिया जा रहा है। घोड़ा-खच्चरों का संचालन यहां पर मार्ग के पूरी तरह से तैयार होने पर किया जाएगा।