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Wednesday, June 25, 2025
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बदरीनाथ धाम में हिमालय बचाओ प्रतिज्ञा का लिया गया संकल्प।

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बद्रीनाथ ।बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों, कर्मचारियों और श्रद्धालुओं ने हिमालय बचाने के संकल्प को लेकर प्रतिज्ञा की। प्रतिज्ञा में सभी ने हिमालयी पर्यावरण, संस्कृति और जीवन पद्धति को सुदृढ कर बचाने का संकल्प लिया गया।हिमालय भारत देश के एक बड़े भू-भाग को ही आच्छादित नहीं करता बल्कि हिमालय भारत देश का ताज भी है। हिमालय भारत की सीमाओं को सुरक्षा भी प्रदान करता है और दुश्मन देशों के लिए चुनौती बनकर देश की सुरक्षा, जलवायु, जन-जीवन और विभिन्न गतिविधियों को प्रभावित कर जीवन जीने की स्थिति बनाता है। इसी माह 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाया जाता है। भारत देश के साथ ही एक बड़े भू-भाग पर हिमालयी पर्वत श्रृंखला जलवायु परिवर्तन के साथ ही जीवन पद्धति को निर्धारित करता है। बदरीनाथ धाम अपने आप मे उच्च हिमालयी क्षेत्र में आता है और हिमालय बचाने की प्रतिज्ञा धाम में लिया जाना विश्वभर के लिए एक बड़ा संदेश है। इस अवसर पर बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, रावल अमरनाथ नंबूरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, नगर पंचायत ईओ सुनील समेत मंदिर समिति के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरा सख्त नकलरोधी कानून।

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*युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरा सख्त नकलरोधी कानून*

*पीसीएस परीक्षा में सफल युवाओं ने जताया सीएम धामी का आभार*

*कहा, आज पात्र व योग्य युवाओं के सफल होने की है पक्की गारंटी*

*एक नहीं तीन से चार प्रतियोगी परीक्षाओं में मिल रही सफलता*

*सरकारी सेवा के मिल रहे बेहतर और मनचाहे मौके*

देहरादून। सख्त नकल विरोधी कानून राज्य के प्रतिभावान युवाओं की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरा है। हाल ही में जारी पीसीएस परीक्षा परिणाम में सफलता के झंडे गाड़ने वाले होनहारों ने देश में सबसे पहले इस कानून को लाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद प्रकट किया है। सफल अभ्यर्थियों ने कहा कि सख्त नकलरोधी कानून लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि इस गारंटी को भी पक्का किया है कि इन परीक्षाओं में केवल पात्र और योग्य अभ्यर्थी ही चुनकर आएंगे। अब प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवा के बेहतर और मनचाहे मौके मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार का सख्त नकलरोधी कानून देश के अनेक राज्यों के लिए ही नजीर नहीं बना है, बल्कि इसके कई प्रावधानों को केंद्र सरकार ने भी अंगीकार किया है। प्रदेश में नकल माफिया प्रतिभावान युवाओं के भविष्य के लिए वर्षों से ग्रहण बना हुआ था। आज नकल माफिया का नेटवर्क ध्वस्त होने से प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न हो रही हैं। होनहार अभ्यर्थी एक नहीं तीन से चार परीक्षाओं में सफल हो रहे हैं।

हाल ही में जारी पीसीएस परीक्षा परिणाम के माध्यम से 10 डिप्टी कलेक्टर और 10 पुलिस उपाधीक्षक समेत विभिन्न विभागों में कुल 289 अधिकारी प्रदेश को मिले हैं। इनमें 32 उप शिक्षा अधिकारी,
28 खंड विकास अधिकारी, 28 राज्य कर अधिकारी, 20 उद्यान विकास अधिकारी, 19 बाल विकास परियोजना अधिकारी, 18 वित्त अधिकारी, 17 सहायक निदेशक उद्योग, 16 सहायक आयुक्त राज्य कर, 11 जिला सूचना अधिकारी एवं 11 एआरटीओ मुख्य रूप से शामिल हैं। इससे पूर्व यूकेएसएसएससी परीक्षाओं में तमाम परीक्षार्थियों ने एक से अधिक परीक्षाओं में सफलता पाई है।

*तीन साल में 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी*
राज्य सरकारी विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने का अभियान जोरों पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने तीन साल के कार्यकाल में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 16 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का रिकॉर्ड बनाया है। यही नहीं नियुक्ति समय पर देने का कीर्तिमान भी धामी सरकार के नाम है। रोजगार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में रहा है। निजी क्षेत्र में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित करने के साथ ही सरकारी पदों को भरने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

*80 से अधिक आरोपी सलाखों के पीछे*
राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर धामी सरकार ने नकल माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त किया है। कानून के तहत 80 से अधिक आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। इसमें बड़े से बड़े अधिकारी और राजनीतिक पहुंच वालों को भी बख्शा नहीं गया है।

*कड़ी से कड़ी सजा का है प्रावधान*
बता दें कि इस कानून के तहत नकल माफिया को उम्र कैद या फिर 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले नकल माफिया के खिलाफ 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। एक्ट में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई छात्र भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करते हुए पकड़ा जाता है या फिर नकल के जरिए परीक्षा पास करता है तो उस पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

*पीसीएस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के कोट—-*

मैं वर्तमान में अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं।मेरा वित्त अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। मैं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनकी पहल पर नकल विरोधी कानून लाया गया। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ी है। अभ्यर्थियों में चयन प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ने के साथ ही आगे परिश्रम करने के लिए उनके मनोबल में वृद्धि हुई है।
*-आयुषी जोशी, अल्मोड़ा*

मेरा चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। मैं बीटेक की छात्रा रही हूं। मैं मुख्यमंत्री जी और उनकी पूरी टीम का धन्यवाद करना चाहूंगी, जो सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आए। इस कानून के लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। परीक्षा की तैयारी में जुटे सभी अभ्यर्थियों को निश्चिंत होकर मेहनत के साथ पढ़ाई में जुट जाना चाहिए।
*-दीप्ति कैड़ा, देहरादून*

मैं वर्तमान में जिला अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं। पीसीएस परीक्षा में मेरा चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। मैं कहना चाहूंगा कि विगत कुछ समय से जो प्रतियोगी परीक्षाएं हो रही हैं, वह त्वरित और निष्पक्ष रूप से हो रही हैं। और इसमें सबसे अहम रहा है सख्त नकल विरोधी कानून। इस कानून को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार का हृदय से आभार और अभिनन्दन। इस कानून से परीक्षाओं में न केवल पारदर्शिता आई है बल्कि परीक्षा की सुचिता और सरकार की कल्याणकारी मंशा के प्रति अभ्यर्थियों का विश्वास भी मजबूत हुआ है। यही नहीं इस कानून ने इस गारंटी को भी पक्का किया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में केवल पात्र और योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन हो, चाहे वह किसी भी जाति या वर्ग का हो या गरीब व अमीर वर्ग का हो।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों ने मुलाकात कर नैनीताल में पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारों पर किये जा रहे उत्पीड़न को लेकर ज्ञापन सौंपा।

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देहरादून । आज राजधानी देहरादून के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारों ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। राजधानी के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री का नैनीताल जनपद के पत्रकारों के मामले में त्वरित कार्रवाई करने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।

नैनीताल जनपद के SSP प्रहलाद नारायण मीणा द्वारा जिस तरह पत्रकारों को नोटिस भेजे गए थे उक्त मामले में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कार्रवाई करते हुए उचित निर्देश दिए हैं। सभी पत्रकारों के नोटिस वापस किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी ने राजधानी के पत्रकारों से वार्ता की और कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा मजबूत स्तंभ है। मीडिया के द्वारा आम व्यक्ति की आवाज सरकारों तक भी पहुंचती है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं की मीडिया के साथ बराबर संवाद किया जाए। जब संवाद टूटता है तभी दिक्कतें पैदा होती हैं। इसलिए जरूरी है कि सभी अधिकारी मीडिया के साथ बराबर संवाद रखें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने सभी पत्रकारों को आश्वासन दिया कि कहीं भी अधिकारियों के द्वारा इस तरह के कार्यों की पुनरावृत्ति नहीं होगी। इस दौरान महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी भी मौजूद रहे।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि मंडल में सुरेंद्र डसीला, अवधेश नौटियाल, मनीष डंगवाल, ध्रुव मिश्रा, सुदीप जैन, पंकज पंवार, अभय कैंतुरा, सौरभ भाटिया, अंकित शर्मा , हर्ष उनियाल, संदीप बडोला और अन्य शामिल रहे

उत्तराखंड में फिर टले निकाय चुनाव,ओबीसी सर्वे पूर्ण न होने की वजह से टाले गए निकाय चुनाव,निकायों में बोर्ड के गठन तक रहेंगे प्रशासक तैनात।

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उत्तराखंड- उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर के अटकलों को एक बार फिर से विराम लग गया है. शुक्रवार को 30 अगस्त को सचिव शहरी विकास नितेश झा ने इस संबंध में आदेश पारित किया है. आपको बता दें कि 1 दिसंबर 2023 को सभी निकायों का कार्यकाल पूरा हो गया था. इसके बाद कोर्ट में मामला होने की वजह से 6 महीने के लिए सभी निकायों में प्रशासक तैनात कर दिए गए थे।

निकाय में तैनात किए गए 6 महीने के लिए प्रशासकों की अवधि 2 जून 2024 को समाप्त हुई. लेकिन इस समय प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता प्रभावी थी. जिसके चलते संवैधानिक बाध्यता का हवाला देते हुए सरकार ने निकाय चुनाव अगले 3 महीने के लिए टाल दिए थे. वहीं प्रदेश में विधानसभा के मानसून सत्र और लगातार आपदाओं घटनाओं के बाद उम्मीद की जा रही थी कि मानसून सीजन निपटने के बाद कोर्ट में अगली तारीख 25 अक्टूबर से पहले प्रदेश में निकाय चुनाव करवा लिए जाएंगे। लेकिन एक बार फिर उत्तराखंड शासन ने निकाय चुनाव टाल दिए हैं।

शासन द्वारा जारी किए गए आदेश में ओबीसी का सर्वे समय से पूर्ण न होने की वजह से निकाय चुनाव में देरी की वजह बताई गई है। आपको बता दें कि निकाय चुनाव के लिए कई तकनीकी पेंच आड़े रहे हैं सरकार द्वारा भले ही ओबीसी सर्वे का हवाला दिया गया, लेकिन इसके अलावा निकायों में आरक्षण को लेकर के भी सरकार की तैयारी पूरी नहीं है।

सुधार को लाया जा रहा खराब हेली हुआ क्रैश ,वायु सेना के एमआई 17 से हैंग कर गौचर हवाई पट्टी ले जाया जा रहा था खराब हेली

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*सुधार को लाया जा रहा खराब हेली हुआ क्रैश*

*वायु सेना के एमआई 17 से हैंग कर गौचर हवाई पट्टी ले जाया जा रहा था खराब हेली*

*24 मई 2024 को लैंडिंग के दौरान आई थी तकनीकी खराबी*

केदारनाथ।।
24 मई 2024 को लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी आने से जिस हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी वो आज सुबह क्रैश हो गया। हेली को ठीक करने के उद्देश से वायु सेना के एमआई 17 हेलिकॉप्टर की मदद से हैंग करके गौचर हवाई पट्टी पहुंचाया जा रहा था। इस दौरान एमआई 17 डिसबैलेंस होने लगा। खतरे को भांपते हुए पायलट ने खाली स्थान देखते हुए हेली को घाटी में ड्रॉप कर दिया।

जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि 24 मई 2024 को क्रिस्टल एविएशन कंपनी में तकनीकी खराबी आने के कारण पायलट की सूझबूझ से हेली को केदारनाथ हेलीपैड से कुछ दूरी पहले ही आपात स्थिति में लैंडिंग कराई गई थी। पायलट की सूझबूझ से हेली में सवार सभी यात्रियों की सुरक्षित लैंडिंग हुई थी।
पर्यटन अधिकारी ने बताया कि शनिवार को हेली को ठीक करवाने के लिए गौचर हवाई पट्टी ले जाने की योजना थी, जिसके अनुसार सुबह सात बजे करीब वायु सेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर से क्रिस्टल एविएशन के हेली को हैंग कर गौचर पहुंचाया जाना था। थोड़ा दूरी पर आते ही हेली के भार एवं हवा के प्रभाव से एमआई 17 का बैलेंस बिगड़ने लगा, जिसके चलते थारू कैंप के नजदीक पहुंचने पर एमआई 17 से हेलीकॉप्टर को ड्रॉप करना पड़ा। हेली में कोई यात्री या समान नहीं था। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। टीम स्थिति का मुआयना कर रही है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि हेली क्रैश में किसी के हताहत होने संबंधित अफवाह न फैलाई जाए।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी स्थित कांगुड़ा नागराज मंदिर परिसर पहुंचकर श्री कांगुड़ा नागराज मंदिर पुनर्स्थापना जागरण समारोह में प्रतिभाग किया

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को जनपद टिहरी स्थित कांगुड़ा नागराज मंदिर परिसर पहुंचकर श्री कांगुड़ा नागराज मंदिर पुनर्स्थापना जागरण समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर की परिक्रमा कर भगवान कांगुड़ा नागराज मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में एक पेड मां के नाम अभियान के तहत पौधा रोपण भी किया।

मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित मंदिर में भगवान कांगुड़ा नागराज के प्राण प्रतिष्ठा की बधाई देते हुए समस्त प्रदेशवासियों की मनोकामना पूर्ण होने की कामना की। उन्होंने कहा कि इस पूज्य धरती पर दूसरी बार आने का उन्हें सौभाग्य मिला है। कांगुड़ा को पर्यटन एवं धार्मिक रूप में विकसित करने हेतु की गई घोषणा जल्द ही पूरी होगी। इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराएगी लगभग 2 करोड़ की डीपीआर को जल्द स्वीकृति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र का विकास मास्टर प्लान बनाकर किया जाएगा। मंदिर परिसर में आधुनिक गेस्ट हाउस, 30 हजार लीटर क्षमता का पेयजल स्टोरेज टैंक, मंदिर परिसर पहुंच मार्ग में टीन शेड, हाई मास्क आदि अन्य कार्य किए जायेंगे। राज्य सरकार देवभूमि के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जन हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि योजना, जनधन योजना, लखपति दीदी जैसी योजनाएं अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। राज्य में एक लाख से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। 2025 तक डेढ़ लाख बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य है। राज्य सरकार प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार द्वारा धनोल्टी क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं में वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस मौके पर क्षेत्र के लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को क्षेत्र के विकास से संबंधित मांग पत्र सौंपा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने परीक्षण कर सकारात्मक कार्यवाही किए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छाम-बल्डोगी झूला पुल की मांग सहित कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। छाम-बल्डोगी झूला पुल हेतु रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

धनौल्टी विधायक श्री प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य आन्दोलन कारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। राज्य सरकार द्वारा सांकरी-बरनोली मोटरमार्ग की स्वीकृति दी, जिसमें कार्य भी शुरू हो चुका है साथ ही ज्वारना-बंगियाल मोटरमार्ग पर चौड़ीकरण की स्वीकृति दी और अन्य सड़कों को लेकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री से गंगाड़ी व फिग्वाल समुदाय को ओ.बी.सी. केन्द्रीय आरक्षण सूचि में शामिल करने की मांग प्रस्ताव रखा ।

इस अवसर पर विधायक राजपुर श्री खजान दास, प्रदेश महामंत्री भाजपा श्री आदित्य कोठारी, जिला अध्यक्ष भाजपा श्री राजेश नौटियाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा श्रीमती नेहा जोशी, ब्लॉक प्रमुख थौलधार श्रीमती प्रभा बिष्ट, पूर्व प्रमुख थौलधार श्री जोत सिंह बिष्ट, श्री खेम सिंह चौहान, ओबीसी अध्यक्ष श्री संजय नेगी एवं उपाध्यक्ष श्री राजेश नौटियाल, मंडल अध्यक्ष श्री रामचंद्र खंडूरी, मंदिर समिति अध्यक्ष श्री दिलबर सिंह रावत, जिलाधिकारी टिहरी श्री मयूर दिक्षित एस.एस.पी. श्री नवनीत सिंह भुल्लर उपस्थित थे।

खोये हुए मोबाइल फोन लौटाकर जनपद पुलिस ने दी खुशियों की सौगात।

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*खोये हुए मोबाइल फोन लौटाकर जनपद पुलिस ने दी खुशियों की सौगात*

*अनुमानित मूल्य रुपये चौबीस लाख के खोये हुए कुल 92 मोबाइल फोन किये गये हैं बरामद*

*जनपद के स्थानीय निवासियों सहित जनपद में कार्य कर रहे कुल 27 व्यक्तियों को आज एसपी रुद्रप्रयाग ने उनके मोबाइल फोन किये वितरित*

● जनपद रुद्रप्रयाग में निवासरत आम जनमानस व चारधाम यात्रा में आये श्रद्धालु व रोजगार के सिलसिले में रुद्रप्रयाग में रह रहे व्यक्ति जिनके मोबाइल फोन किसी कारणवश खो गये थे और उनके स्तर से काफी ढूंढखोज करने पर भी न मिलने पर उनके द्वारा इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने व चौकियों पर की गयी थी। इन खोये हुए मोबाइल फोनों की ढूंढखोज हेतु जनपद की साइबर सैल व थाना पुलिस के अथक प्रयासों से इस वर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 92 मोबाइल फोन बरामद हुये हैं। जनपद पुलिस के स्तर से ऐसे भाग्यशाली लोगों को इनके फोन के बरामद होने की सूचना देकर अपना फोन वापस ले जाने हेतु आ पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग में बुलाया गया था।
● आज पुलिस कार्यालय रुद्रप्रयाग में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने इन लोगों को उनके खोये हुए मोबाइल फोन वापस किये गये हैं। अपने मोबाइल फोन वापस पाकर लोगों ने रुद्रप्रयाग पुलिस का आभार प्रकट किया गया है। आज कुल 27 व्यक्ति अपना फोन प्राप्त करने हेतु उपस्थित रहे, जनपद के निवासी कुछ व्यक्ति किन्हीं कारणों से नहीं आ पाये हैं, वे किसी भी कार्यदिवस में साइबर सैल में आकर अपना फोन वापस ले जा सकते हैं।
● कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं, जो कि केदारनाथ यात्रा में आये थे या रोजगार के सिलसिले में इस जिले में थे और उनके फोन खो गये थे, और अब पुलिस के स्तर से बरामद हो चुके हैं, इन लोगों के यहॉं आने में असमर्थ होने पर पुलिस के स्तर से इनके द्वारा दिये गये पते पर कोरियर द्वारा भिजवाये जा रहे हैं।
● रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा कुल अनुमानित मूल्य 24 लाख रुपये के 92 खोये हुए फोन सकुशल बरामद कर लोगों को वापस करते हुए इनकी मुस्कुराहट लौटाने का कार्य किया गया है। अपने फोन वापस पाकर इन लोगों के चेहरों की मुस्कुराहट देखते ही बन रही थी।
● पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने इन मोबाइल फोनों की बरामदगी करने वाली सर्विलांस सैल टीम को नगद पारितोषिक प्रदान किये जाने की घोषणा की गयी है।
● इसके अतिरिक्त यह भी अवगत कराना है कि यदि किसी भी व्यक्ति का मोबाइल फोन खो जाता है तो वे अपने खोये हुए मोबाइल फोन के सम्बन्ध में CEIR पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं

अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (SARRA), उत्तराखण्ड की 11वी जनपद एवं अर्न्तविभागीय समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया।

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देहरादून।अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राकृतिक जल स्रोतों, नौलों – धारो और नदियों के संरक्षण एवं उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बेहतर एवं प्रभावी कार्य योजनाएं बनाकर शासन को भेजें। सभी जिले एवं विभाग बेस्ट प्रैक्टिस अपनाते हुए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण हेतु लघु एवं दीर्घ कालीन नीतियों पर कार्य करें। उन्होंने कहा संबंधित क्षेत्र के अत्यधिक महत्वपूर्ण, जल स्रोतों का संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए कार्य किए जाएं।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि चिन्हित किए गए जल स्रोतों एवं नदियों का जिओ – हइड्रोलॉजिकल अध्ययन करवा कर उसकी नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को जिलों के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अमृत सरोवर के ग्राउंड वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा सारा से संबंधित कार्य योजनाओं में किसी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत शासन में संबंधित विभाग को अवगत करवाया जाए। सभी संबंधित विभाग आपसी सहयोग से जल संरक्षण के कार्य को करें।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सारा के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जियो – टैगिंग अनिवार्य रूप की जाए। उन्होंने कहा सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज के दृष्टिगत प्रस्तावित कार्यों को तेज़ी से अमल में लाया जाए । वर्षा आधारित सहायक नदियों / धाराओं की उपचार योजनाओं का निरूपण वैज्ञानिक विधि से किया जाए। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित जल स्रोतों का सतत् रूप से अनुरक्षण सामुदायिक सहभागिता से सुनिश्चित किया जाए।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (SARRA) श्रीमती नीना ग्रेवाल ने बैठक में बताया कि राज्य में ग्राम स्तर पर 5421 जल स्रोतों, विकासखण्ड स्तर पर 929 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोत, एवं जनपद स्तर पर 292 सहायक नदियों / धाराओं की उपचार गतिविधियां संचालित हैं। इस प्रकार कुल 6350 चिन्हित जल स्रोत का उपचार कार्य गतिमान है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण अभियान 2024 के अंतर्गत 2.51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष लगभग 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी को रिचार्ज कर लिया गया है।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि जिला समिति द्वारा निरूपित योजनाओं में 50 प्रतिशत SARRA द्वारा प्रदत अंश के रूप में दिया जायेगा व शेष 50 प्रतिशत सम्बन्धित कार्यदायी संस्था / विभागों द्वारा कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्त पोषण से किया जायेगा। क्रिटिकल जल स्रोतों का रिचार्ज जोन / क्षेत्र, जियो- हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन उपरांत ही निर्धारित किया जायेगा। उन्होने बताया कि क्रिटिकल जल स्रोतों के चिन्नीकरण एवं उसके उपचार हेतु सारा द्वारा पेयजल निगम, जल संस्थान, सिंचाई , लघु सिंचाई, वन विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा पेयजल आपूर्ति हेतु मह्त्वपूर्ण चिन्हित लगभग 500 जल स्रोतों, जिनमे विगत वर्षों में जल प्रवाह 50 प्रतिशत से भी कम हो चुका है, ऐसे जल स्रोतों के उपचार हेतु स्प्रिंगशेड विकास के कार्य, वैज्ञानिक अवधारणा के अनुरूप किए जाने हेतु जल निगम, जल संस्थान एवं वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं। इस हेतु SARRA द्वारा भी convergence हेतु आवश्यक धनराशि विभागों को उपलब्ध करायी जायेगी.

इस अवसर पर अपर सचिव नमामि बंसल, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखंड में महिला सुरक्षा का तंत्र और होगा मजबूत ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पांच सदस्यीय कमेटी गठित: आशा नौटियाल

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रदेश महिला मोर्चा ने जताया आभार

अपराधियों के खिलाफ होगी सख्त से सख्त कार्रवाई

29 अगस्त देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं के सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की दिशा में गंभीरता पूर्वक काम कर रहे हैं। उनके निर्देश पर डीआईजी कानून व्यवस्था पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है ।

भाजपा महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कमेटी गठित करने के निर्देश देने पर आभार जताया है उनका कहना है कि प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए संजीदगी के साथ में काम कर रही है। महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए और प्रभावी कदम क्या उठाये जा सकते हैं इसके लिए डीआईजी कानून व्यवस्था की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है इससे साफ है कि कमेटी महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को सिफारिश देगी और उसके आधार पर महिलाओं की सुरक्षा को और सशक्त किया जाएगा।

भाजपा महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल का कहना है कि इससे सरकार की संवेदनशीलता प्रदर्शित होती है सरकार महिलाओं को सुरक्षा को लेकर कितनी गंभौर है । प्रदेश में महिला सुरक्षा के तंत्र को और सशक्त बनाया जा सके। इस दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है । उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ना सिर्फ महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस कर रही है बल्कि महिला अपराध को रोकने की दिशा में और कठोर कदम उठाने का प्लान तैयार कर रहीं है।

उनका कहना है कि इसके लिए कमेटी का गठन किया है यह एक सराहनीय कदम है क्योंकि सरकार महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करना चाहती है साथ ही महिला अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कठोर कार्रवाई करना चाहती है उसे दिशा में सरकार ने डीआईजी कानून व्यवस्था की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है।