रुद्रप्रयाग ।उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से आये ग्रामीण डाक सेवको के द्वारा उत्तराखण्ड ग्रामीण डाक सेवक संघ का जनपद रुद्रप्रयाग के तिलवाडा में सम्मेलन का आयोजन किया गया ।जिसमें उत्तराखण्ड के सभी जनपदों से डाक सेवको द्वारा प्रतिभाग किया गया ।
सम्मेलन में डाक सेवको के द्वारा अपने अपने क्षेत्रों की समस्याओं को इस सम्मेलन में रखा गया । सभी जनपदों से आए प्रांतीय सदस्यों के सामने डाक सेवको ने कहा कि हम लोग 80 प्रतिशत जनता की सेवा 24घण्टे करते रहते हैं उसके बाद भी केंद्रीय सरकार द्वारा अलप वेतन दिया जाता है ।भरतीय डाक विभाग को चाहिय की वे2लाख 70 हजार डाक सेवको के लिये जगदीश चन्द्र कमेटी की सिफारिशों को लागू करे ।ताकि ग्रामीण डाक सेवको भी विभागीय सुविधा मिल सके । अखिल भरतीय ग्रामीण डाक सेवक के प्रदेशस्तरीय सम्मेलन में ग्रामीण डाक सेवको की विभिन्न मांगे रही है जिन में ग्रामीण डाक सेवको को सरकारी कर्मचारी का दर्जा व ग्रा0डा0सेवको को पेंशन,डाक मित्र,सी0एस0सी0 और वीएलई एजेंशि योजनाओ को वापस लिया जाय,ग्रामीण डाक सेवको को 12,24 और36 साल में समयबद्ध लाभ दिया जाय,ग्रामीण डाक सेवको को एसडीबीएस के योगदान को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करके ग्रमीण डाक सेवको को पेंशन दी जाए, विभागीय कर्मचारियों के समान ग्रामीण डाक सेवको को भी वार्षिक वृद्वि के भेदभाव को समान किया जाय ,समहू बीमा की राशि 5 लाख की जाए ,180 दिनों का सवैतनिक अवकाश जमा करने की अनुमति दी जाए,ग्रामीण डाक सेवको के परिवार के सदस्यों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाए,एवीपीएम और ग्रामीण डाक सेवको को मकान भत्ता जगदीश चन्द्र कमेटी की सिफारिशों के आधार पर दिया जाए और बेहतर और त्वरित सेवाओं के लिये देश के सभी शाखा डाकघरों को आरआईसीटी डिवाइस वापस लेना व सभी शाखा डाकघरों को लैपटॉप ,पिंटर और ब्राडबैंड सेवा प्रदान करने की मांगे डाक सचिव भारत सरकार से की गयी है । अखिल भरतीय ग्रामीण डाक सेवक सम्मेलन में उत्तराखण्ड के सभी जनपदों की कार्यकारिणी ने सम्मेलन में प्रतिभाग किया है और ग्रामीण डाक सेवको की मांगों को हमेशा उठाते रहेंगे ।