गोपेश्वर। पंचकेदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। भगवान रुद्रनाथ की जयकारों के साथ उत्सव डोली गोपीनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई। बीते दो दिनों से हुई बर्फबारी के बाद आज धूप खिली है जिससे धाम में मौसम सुहाना बना हुआ है। वहीं श्रद्धालुओं को भी मौसम की दुश्वारियों का सामना नहीं करना पड़ा।
शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी
बुधवार को उच्च हिमालय में स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट विधि विधान से सुबह 8:00 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए। सुबह कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव डोली यात्रा ने रात्रि विश्राम के लिए मोली खर्क के लिए प्रस्थान किया। 19 अक्टूबर को डोली सगर गांव होते हुए गंगोल गांव और 20 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर पहुंचेगी।
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम की यात्रा सबसे दुर्गम मानी जाती है
चमोली जिले में समुद्रतल से 11,808 फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम की यात्रा सबसे दुर्गम मानी जाती है। यहां पहुंचने के लिए सगर गांव से 19 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। सगर जिला मुख्यालय गोपेश्वर से तीन किमी की दूरी पर है।
अगले माह बंद हो जाएंगे चारों धामों के कपाट
वहींं 24 अक्तूबर को दशहरा के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी। जबकि 15 नवंबर को भैया दूज के दिन केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। गंगोत्री मंदिर समिति ने 14 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने की तिथि तय कर दी है।