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Saturday, July 5, 2025
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देहरादून से चार जनपदों को शुरू होने वाली हेली सेवाओ का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया शुभारंभ।

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  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चार हेली सेवाओं का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया है। इन सेवाओं के जरिए जरिए देहरादून से नैनीताल, बागेश्वर और मसूरी और हल्द्वानी से बागेश्वर का हवाई सम्पर्क स्थापित हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “उड़ान“ योजना के अंतर्गत शुरू की जा रही इन चार हेली सेवाओं से राज्य में पर्यटन एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी से स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेंगे। बागेश्वर नैनीताल और मसूरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। इन क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वादियाँ, हरे-भरे पहाड़, ऐतिहासिक मंदिर और समृद्ध संस्कृति देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। नैनीताल अपनी मनोरम झीलों, नयना देवी शक्तिपीठ और कैंची धाम जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। सरयू और गोमती नदी के पावन संगम पर स्थित बागेश्वर का क्षेत्र, पवित्र बागनाथ मंदिर और प्रसिद्ध उत्तरायणी मेले के लिए जाना जाता है। हेली सेवा की शुरुआत से अब इन क्षेत्रों की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों का आनंद लेने वाले पर्यटक यहां और भी आसानी से पहुँच सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से इन स्थानों पर पहुंचने में सड़क मार्ग से लगभग 8 से 10 घंटे लगते हैं, इस सेवा के प्रारंभ होने से यह यात्रा करीब 1 घंटे की हो जाएगी। इमरजेंसी की स्थिति में इन क्षेत्रों में रहने वाले हमारे लोगों को बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी को भी हवाई यात्रा करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से उड़ान योजना प्रारंभ की थी। इस योजना ने प्रदेश में हवाई संपर्क को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जिसके अंतर्गत राज्य के कई हिस्सों में हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट्स का विकास किया गया है। राज्य में 18 हेलीपोर्ट्स से हेली सेवाओं के संचालन की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिनमें से अब तक 12 हेलीपोर्ट्स पर सेवाएं सफलतापूर्वक प्रारंभ की जा चुकी हैं। इन हेली सेवाओं से अब तक गौचर, श्रीनगर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, मुन्स्यारी, पिथौरागढ़, पंतनगर, चंपावत और अल्मोड़ा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सफलतापूर्वक जोड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हेली सेवाएं राज्य में न केवल आवागमन को सुगम बनाएंगी, बल्कि दैवीय आपदा के समय राज्य के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के लिए भी एक जीवनरेखा के रूप में भी कार्य करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में हवाई संपर्क को और अधिक सशक्त बनाने के लिए घरेलू उड़ानों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के विस्तार के लिए भी लगातार प्रयासरत है।

*सीएम ने यात्रियों से की वर्चुअल बातचीत*

मुख्यमंत्री ने इन हेली सेवाओं के शुभारंभ अवसर पर इनसे यात्रा करने वाले लोगों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की। सबंधित क्षेत्रों के विधायकगणों, अन्य जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों ने इन सेवाओं के शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, श्री बृज भूषण गैरोला, मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री सचिन कुर्वे, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी युकाडा श्रीमती सोनिका, वर्चुअल माध्यम से विधायक श्री सुरेश गड़िया, श्रीमती पार्वती दास, श्री राम सिंह कैड़ा एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

*सप्ताह में सात दिन संचालित होगी सेवा*

देहरादून से मसूरी की हेली सेवा उत्तराखंड हवाई सम्पर्क योजना के तहत संचालित की जा रही है, जबकि शेष तीन हेली सेवाएं केंद्र सरकार की क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के तहत संचालित की जा रही हैं। देहरादून – मसूरी के बीच पांच सीटर, जबकि शेष जगहों के लिए सात सीटर हेलीकॉप्टर सेवाएं देगा। देहरादून से बागेश्वर, नैनीताल और और हल्द्वानी से बागेश्वर की हेली सेवा सप्ताह में सातों दिन दिन में दो बार संचालित होगी। जबकि मसूरी देहरादून हेली सेवा पहले माह में प्रतिदिन एक उड़ान भरेगी।

*किराया विवरण*
01 – देहरादून – नैनीताल
किराया – 4500 प्रति यात्री
देहरादून से उड़ान- सुबह 8.15, दोपहर- 02.25 बजे
नैनीताल से उड़ान- सुबह 9.10, दोपहर- 03.20 बजे

02 – देहरादून – बागेश्वर
किराया – 4000 प्रति यात्री
देहरादून से उड़ान- सुबह 10.20, दोपहर- 12.30 बजे
बागेश्वर से उड़ान- सुबह 11.10, दोपहर- 01.20 बजे

03 – हल्द्वानी – बागेश्वर
किराया – 3500 प्रति यात्री
हल्द्वानी से उड़ान- सुबह 08.30, दोपहर- 02.45 बजे
बागेश्वर से उड़ान- सुबह 09.00, दोपहर- 03.00 बजे

04 – देहरादून – मसूरी
किराया – 2578 प्रति यात्री

उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की तैयारी ,त्रियुगी नारायण में हेलीपैड और सड़क कनेक्टिविटी को मिलेगा सुधार।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने त्रियुगी नारायण में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही वहां हेलीपैड के निर्माण का आदेश दिया।

*राज्य में नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान*

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए नए स्थानों की पहचान की जाए और उनके विकास पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखण्ड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।

*राज्य की आर्थिकी को मिलेगा बढ़ावा*

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाएं इसे एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने में सहायक होंगी। उन्होंने पर्यटन विभाग को “डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड” के लिए शीघ्र गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए।

*बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद*

इस बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक श्री वी. मुरूगेशन, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पाण्डेय और आईजी गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप उपस्थित रहे।

चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाएं जल्द पूर्ण की जाएं-सीएम

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ग्रीन चारधाम यात्रा अभियान शुरू किया जाए।*

*यात्रा शुरू होने से पहले अधिकारी यात्रा की व्यवस्थाओं का करें स्थलीय निरीक्षण।*

*हेली टिकटों की कालाबाजारी रोकी जाए*

*शीतकाल यात्रा के स्थलों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए।*

*नौकरी की शुरूआत करने वाले स्थानों को गोद लें अधिकारी ।*

चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा से सबंधित सभी व्यवस्थाएं पूर्ण की जाएं। यात्रा के दृष्टिगत सड़क, पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्राकाल के दौरान यातायात प्रबंधन और यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाए। ग्रीन चारधाम यात्रा का अभियान शुरू किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर देश और दुनिया की नजर रहती है। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर स्तर पर कार्य किये जाएं। यह यात्रा राज्य की लाइफलाइन है और आर्थिकी का बड़ा माध्यम है। पिछले साल की यात्रा में आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना पर कार्य किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से परेशानी न हो। चारधाम यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग टैस्ट की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग समय पर घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करे। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त संख्या में गर्म पानी और चारे की व्यवस्था उपलब्ध रहे। यात्रा शुरू होने से पहले संकरे मार्गों का चौड़ीकरण और जिन स्थानों पर सड़क निर्माण से सबंधित कार्य चल रहे हैं, उन्हें पूर्ण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं को अनावश्यक रूप से रूकना न पड़े। यातायात प्रबंधन की दृष्टि से रोकना भी पड़े, तो उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विजिलेंस द्वारा हेलिकाप्टर टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए सतर्क होकर निगरानी की जाय और संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यात्रा मार्गों पर शौचालयों की पूर्ण व्यवस्था के साथ पिंक टॉयलेट की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मार्च माह में विभागीय सचिव और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें। उन्होंने राज्य में ग्रीन चारधाम यात्रा की शुरूआत करने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का चारधाम यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये। चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्गों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा मार्ग पर मोबाइल कनेक्टिविटी, संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक संसाधनों और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मौसम के रियल टाइम अपडेट सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। इस अवसर पर सीएम ने यात्रा मार्ग से जुड़े जिलों के डीएम से यात्रा मार्ग से जुड़ी विभिन्न तैयारियों की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के शीतकाल यात्रा के स्थलों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। इनके आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए। गंगोत्री और यमुनोत्री के मास्टर प्लान पर भी कार्य किया जाए। 2026 में होने वाली नंदा राजजात और 2027 के कुंभ के लिए भी अभी से तैयारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारियों से कहा कि उन्होंने राज्य के जिस तहसील, पुलिस थाने, ब्लॉक या अन्य क्षेत्रों से नौकरी की शुरूआत की है, उन्हें गोद लेकर उनके विकास में योगदान दें। अपनी नौकरी के शुरूआत के इन क्षेत्रों में रात्रि प्रवास कर जन समस्याओं का समाधान करें, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी करें।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, दर्जाधारी मंत्री श्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जिलाधिकारी उपस्थित थे।

भाजपा ने जारी की जिला अध्यक्षों की सूची।

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देहरादून-1

देहरादून महानगर अध्यक्ष पद पर रिपीट हुए सिद्धार्थ अग्रवाल।

मीता सिंह बनाई गई पछवादून जिला अध्यक्ष।

नैनीताल में प्रताप सिंह बिष्ट को मिली जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी।

चंपावत में गोविंद सामंत को बनाया गया जिला अध्यक्ष।

परवादून जिलाध्यक्ष राजेंद्र तड़ियाल बनाए गए।

कोटद्वार में राज गौरव नौटियाल बने जिलाध्यक्ष।

उत्तरकाशी में नागेंद्र चौहान बने जिला अध्यक्ष, पहले जिला महामंत्री की संभाल रहे थे जिम्मेदारी।

पिथौरागढ़ में गिरीश जोशी को बनाया गया जिला अध्यक्ष।

अल्मोड़ा में महेश नयाल को बनाया गया जिला अध्यक्ष।

बागेश्वर में बसंती देव बनी जिलाध्यक्ष।

टिहरी जिले के अध्यक्ष बने उदय रावत।

पौड़ी में कमल किशोर रावत बने जिला अध्यक्ष।

रुद्रप्रयाग में भारत भूषण भट्ट बने जिला अध्यक्ष।

चमोली में बनाए गए गजपाल बर्थवाल अध्यक्ष।

रुद्रपुर में कमल जिंदल को बनाया गया जिला अध्यक्ष।

रुड़की में डॉक्टर मधु के नाम पर लगाई संगठन ने मुहर।

काशीपुर में मनोज पाल बने जिलाध्यक्ष।

हरिद्वार और रानीखेत को छोड़कर सभी जिलों के अध्यक्षों की घोषणा।

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में भी देते है अपना योगदान।

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जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बिलेश्वर में किए 82 अल्ट्रासाउंड*

*जन सेवा के उद्देश्य से जिलाधिकारी सौरभ गहरवार अब तक बिलेश्वर में कर चुके हैं 1300 से अधिक अल्ट्रासाउंड*

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार जनपद रुद्रप्रयाग में प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाने के साथ ही अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी सजकता के साथ निभा रहे हैं। जिलाधिकारी लगातार बिलेश्वर सीएचसी में भी अल्ट्रासाउंड की सेवाएं दे रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र में लगातार अल्ट्रासाउंड की डिमांड आने के चलते जिलाधिकारी आज (द्वितीय शनिवार को अवकाश के दिन) बिलेश्वर सीएचसी (टिहरी) पहुंचे यहां उन्होंने विभिन्न महिलाओं समेत कुल 82 व्यक्तियों का अल्ट्रासाउंड किया।
जनपद रुद्रप्रयाग की जिम्मेदारी संभालने से पूर्व डॉ. सौरभ गहरवार जनपद टिहरी में बतौर जिलाधिकारी एक साल तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसी दौरान उन्हें टिहरी के सीएचसी बिलेश्वर में अल्ट्रासाउंड डॉक्टर की कमी की जानकारी मिली। स्थानीय महिलाओं की समस्या को समझते हुए उन्होंने सीएचसी बिलेश्वर में अल्ट्रासाउंड करना शुरू किया। बता दें कि जिलाधिकारी सौरभ गहरवार सिविल सेवाओं में आने से पहले बतौर रेडियोलॉजिस्ट अपनी सेवाएं दे चुके हैं। टिहरी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने लगातार सीएचसी बिलेश्वर में अपनी सेवाएं दी।
बीते वर्ष रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी की जिम्मेदारी संभालने के बाद भी बिलेश्वर के लोगों की जरूरत एवं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए रुद्रप्रयाग से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित बिलेश्वर सीएचसी में डॉ. सौरभ गहरवार लगातार अल्ट्रासाउंड की सेवाएं दे रहे हैं। आज (शनिवार को) जिलाधिकारी बिलेश्वर सीएचसी पहुंचे और वहां उन्होंने महिलाओं समेत कुल 82 अल्ट्रासाउंड किए।उनके बिलेश्वर पहुंचने पर स्थानीय लोगों में काफी खुशी नजर आई। स्थानीय लोगों ने उनको धन्यवाद दिया। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार अब तक बिलेश्वर में 1300 से अधिक महिलाओं का अल्ट्रासाउंड कर चुके हैं।

विश्व महिला दिवस के अवसर पर रुद्रप्रयाग में आशा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में पुष्पा, दीपा व आशा को सर्वश्रेष्ठ आशा पुरस्कार से नवाजा। संपन्न*

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पुष्पा, दीपा व आशा को सर्वश्रेष्ठ आशा पुरस्कार से नवाजा

*रुद्रप्रयाग जनपद का आशा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह संपन्न

*देवेश्वरी, नीलम व गीता को सर्वश्रेष्ठ आशा सुगमकर्ता पुरस्कार से किया सम्मानित

*जखोली के नाम रहा सर्वश्रेष्ठ ब्लाक समन्वयक का पुरस्कार

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित जिला स्तरीय आशा सम्मेलन में वर्ष 2024-25 के लिए पुष्पा देवी, दीपा देवी व आशा देवी को सर्वश्रेष्ठ आशा के पुरस्कार से नवाजा गया। वहीं देवेश्वरी देवी, नीलम राणा व गीता रावत सर्वश्रेष्ठ आशा फेसिलिटेटर रहीं जबकि, सर्वश्रेष्ठ ब्लाक समन्वयक का पुरस्कार जखोली के नाम रहा। नगर स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित आशा सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक केदारनाथ श्रीमती आशा नौटियाल व अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती आशा नौटियाल ने आशाओं को स्वास्थ्य विभाग की रीढ बताते हुए कहा कि वे विषम भौगोलिक परिस्थितयों के बीच बेहतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने आशाओं और आशा फेसिलिटेटर को और अधिक संवेदनशीलता व जागरूकता के साथ अपने दायित्व निर्वहन के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश व देश की सरकार द्वारा महिलओं को सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक सहित हर क्षेत्र में सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने आशा व आशा फेसिलिटेटर की मांगों पर सार्थक कारवाई के लिए हरसंभव प्रयास का भरोसा दिलाया। उन्होंने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की आशाओं की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने का आश्वासन देते हुए इस बाबत आशा संगठन को मांग व प्रस्ताव भेजने को भी कहा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राम प्रकाश ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा कार्यक्रम व आशा कार्यकत्रियों की भूमिका के बारे में विस्तापूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आशा स्वास्थ्य विभाग की ब्रांड एंबेसडर हैं, उनके बिना स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को धरातल पर प्रभावी रूप से संचालित करवा पाना मुमकिन नहीं है। उन्होंने आशाओं को और अधिक बेहतर ढंग से स्वास्थ्य योजनाओं को संपादित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर सुरक्षित प्रसव, टीकाकरण आदि के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सर्वक्षेष्ठ आशा कार्यकत्री पुरस्कार की श्रेणी में पुष्पा देवी (सतेराखाल), दीपा देवी (उच्छौला), आशा (ऊखीमठ) को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि सुनीता देवी, निर्मला देवी, सोनिका देवी को द्वितीय तथा गणेशी देवी, विमला देवी व दुर्गा देवी को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
वहीं सर्वश्रेष्ठ आशा सुगमकर्ता का प्रथम पुरस्कार संयुक्त रूप से अगस्त्यमुनि की देवेश्वरी देवी, जखोली की नीलम राणा, ऊखीमठ की गीता रावत के नाम रहा। इसी श्रेणी में सुशीला देवी, विमला रावत, सुषमा अन्थवाल संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर रहीं, जबकि दुर्गा देवी, संतोषी नेगी व सुधा नौटियाल तीसरे स्थान पर रहीं। सर्वश्रेष्ठ ब्लाक समन्वयक जखोली के दिगंबर भंडारी को दिया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में गायत्री परिवार शांतिकुज द्वारा गर्भाधान संस्कार को लेकर स्वस्थ्य, प्रतिभाशाली, प्रखर तेजस्वी, बुद्धिमान, सभ्य, संस्कारवान पीढ़ी निर्माण के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा सविता भंडारी, मंडल अध्यक्ष आरती रावत, ग्राम प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली, आशीष नौटियाल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशुतोष, आशा संगठन की जिलाध्यक्ष कमला राणा, आशा सुगमकर्ता संगठन की जिलाध्यक्ष सुशीला सेमवाल, आशा ब्लाक अध्यक्ष आशा संगठन ललिता देवी (अगस्त्यमुनि), लक्ष्मी देवी (जखोली), गीता देवी (ऊखीमठ), डाॅ. शशिबाला, डीपीएम हिमांशु नौडियाल, डीसीएम आशा हेमलता गैरोला आदि मौजूद रहे। संचालन नागेंश्वर बगवाड़ी द्वारा किया गया।

 

रुद्रप्रयाग पोखरी मोटरमार्ग पर देर रात स्कूटी दुर्घटना ग्रस्त होने से तीन लोगो की मौके पर ही मौत।

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रुद्रप्रयाग ।रुद्रप्रयाग पोखरी मोटर मार्ग पर कल देर रात स्कूटी दुर्घटना ग्रस्त होने से  तीन लोगों की मौके पर ही मौत हुई ।लोगो को जैसे ही वाहन दुर्घटना की सूचना मिली तो सभी लोग घटना स्थल की और दौड़े पर आपदा प्रबंधन को सूचना दी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना देर रात 11:15 Pm पर पुलिस कंट्रोल रूम रुद्रप्रयाग द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि कुंडा दानकोट के समीप 1 स्कूटी वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से लगभग 100 मीटर नीचे गहरी खाई मे गिर गयी है। स्कूटी में 3 व्यक्ति सवार थे। जिनकी मोके पर ही मृत्यु हो चुकी है। सूचना पर DDRF/SDRF रेस्क्यू टीम घटना स्थल पर पहुँचकर तीनो व्यक्तियो का रेस्क्यू कर स्ट्रेचर के माध्यम से सड़क तक लाकर 108 के माध्यम से पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल भिजवाया गया।

वाहन संख्या- UK13B 2344

*घटना का विवरण*
1- नाम- अंकित पुत्र प्रताप लाल।
उम्र- 27 वर्ष।
निवासी- गुनियाल (पोखरी )।
जिला – रुद्रप्रयाग।

2- नाम- टीटू पुत्र राकेश लाल।
उम्र- 23 वर्ष।
निवासी- कुंडा दानकोट।
जिला – रुद्रप्रयाग।

3- नाम- संदीप ।
उम्र- 27 वर्ष।
निवासी- बरसील
जिला – रुद्रप्रयाग

चमोली की अनुष्का बनीं उखीमठ की खंड विकास अधिकारी, क्षेत्रीय विकास और पारदर्शिता होगी प्राथमिकता

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स्वाध्याय से हासिल की पीसीएस परीक्षा में सफलता*

ऊखीमठ।लंबे इंतजार के बाद उखीमठ को स्थायी खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मिल गई हैं। 2021 बैच की पीसीएस अधिकारी अनुष्का ने इस पद का कार्यभार संभाल लिया है। मुख्य विकास अधिकारी जी.एस. खाती ने उन्हें पदभार ग्रहण करवाया। मूल रूप से मलेथी कर्णप्रयाग (चमोली) की रहने वाली अनुष्का की प्रारंभिक शिक्षा चमोली जनपद में ही हुई। इसके बाद उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और बिना किसी कोचिंग के स्वयं अध्ययन कर पीसीएस परीक्षा में सफलता प्राप्त की। उन्होंने बताया कि उनके पिता विनोद कुमार मलेथा सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता पद पर तैनात है जबकि उनकी माता मंजू मलेथा सीरी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षका हैं।
नवनियुक्त खंड विकास अधिकारी अनुष्का अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उन्होंने कहा, “मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे बाबा केदार की भूमि में सेवा करने का अवसर मिला है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और मैं पूरी निष्ठा के साथ यहां की जनता के विकास के लिए कार्य करूंगी।” उन्होंने अपने कार्यकाल के लिए कई महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिनमें क्षेत्रीय विकास को गति देना, समाज एवं वंचित वर्ग की सेवा करना, शासन की योजनाओं को पारदर्शिता के साथ लागू करना, चारधाम यात्रा सीजन के दौरान व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखना इत्यादि शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी.एस. खाती ने कहा कि उखीमठ क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक सक्षम और स्थायी बीडीओ की नियुक्ति बहुत जरूरी थी और अनुष्का के पदभार ग्रहण करने से प्रशासनिक कार्यों को और अधिक गति मिलेगी। उन्होंने कहा, “खंड विकास अधिकारी की भूमिका ग्रामीण विकास से लेकर योजनाओं के सही क्रियान्वयन तक बहुत महत्वपूर्ण होती है। सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने और अंतिम व्यक्ति तक उनका लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी बीडीओ की होती है। मुझे विश्वास है कि अनुष्का अपनी ऊर्जा, निष्ठा और प्रशासनिक कौशल से इस पद को पूरी गरिमा के साथ निभाएंगी।”

 

 

चमोली से दुःखद समाचार :- थराली के करूंडपानी में शार्ट सर्किट होने के बाद आग लगने से घर के अंदर दादी और पोते की जलकर मौत।

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थराली(चमोली)- चमोली ज़िले में थराली तहसील के अंतर्गत करूंडपानी गांव में एक घर के अंदर शॉर्ट सर्किट होने के कारण घर पर आग लगने से दादी और पोते की घर के अंदर जलकर मौत हो गई।घटना के बाद गांव में शोक का माहौल हैं।मौके पर प्रशासन की टीम ने शवों का पंचायतनामा करने के पश्चात पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया हैं।मौके पर प्रशासन की टीम और विद्युत विभाग के अधिकारियों के द्वारा घटना की जांच की जा रही हैं।थराली के थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि थाने को देर रात करीब साढ़े 3 बजे सूचना मिली कि मध्यरात्रि 1:00 बजे करीब ग्वालादम के पास करूंडपानी गांव में एक घर पर आग लग गई हैं।जिसके बाद मौके पर पुलिस की टीम को भेजा गया,घटना में हरमा देवी 80 दादी और अंकित 10 साल पोते की मौत हुई हैं।बताया कि घटना के वक्त घर में कुल पाँच सदस्य थे,मृतका अपने पोते के साथ उस कमरे में सोई थी जिसमे आग लगने की घटना हुई,जब आग फैलने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों का भी घुटने लगा तो वह कमरे से बाहर की तरफ़ भागे,जिससे अन्य तीन सदस्यों की जान बच पाई।

प्रधानमंत्री ने मुखवा से दिया शीतकालीन यात्रा का जोरदार संदेश।

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*प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग*

*कॉरपोरेट जगत, फिल्म इंडस्ट्री, योग साधक, युवा लें विंटर टूरिज्म का अनुभव*

*उत्तराखंड के लिए बारामासी पर्यटन गतिविधियां बेहद जरूरी, हर सीजन में पयर्टन रहे ऑन*

एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पयर्टन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

गुरुवार को हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख: व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से औत प्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

*बन रहा उत्तराखंड का दशक*
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए – नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

*शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा*
प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन – पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 365 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

*सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम*
प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

*डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही*
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंडसाहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं ओर बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

*सीमांत गांवों के विकास पर जोर*
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

*गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’*
प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आवुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

*शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन*
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।

*कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका*
प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई, प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है। उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा  मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।

मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अजय टम्टा , कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक श्री सुरेश चौहान मौजूद थे।