#चमोली
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर खचडानाला के समीप यात्री वाहन पर वोल्डर गिरा।
तीर्थयात्रियों ने बामुश्किल बचाई जान , प्रशासन ने सभी यात्रियों का किया सुरक्षित रेस्क्यू ।
#चमोली
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर खचडानाला के समीप यात्री वाहन पर वोल्डर गिरा।
तीर्थयात्रियों ने बामुश्किल बचाई जान , प्रशासन ने सभी यात्रियों का किया सुरक्षित रेस्क्यू ।
भारी बारिश और पहाड़ से मलवा गिरने के कारण केदारनाथ हाइवे बंद,
गुप्तकाशी, फाटा, सेरसी, बांसबाड़ा और चंद्रापुरी में हाइवे पर मलवा आ गया है,
रुद्रप्रयाग-सोनप्रयाग तक भारी बारिश से कई जगहों पर हाइवे पर जाम।
केदारनाथ में चल रहे पुननिर्माण के कार्यो का जायजा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व सलाहकार व उत्तराखण्ड सरकार के osd भाष्कर कुलवे ।
पीएमओ में उप सचिव मंगेश घिडियाल भी रहे साथ मे ।
केदारनाथ में चल रहे दूसरे चरण के कार्यो का किया गया स्थलीय निरीक्षण ।
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चल रहे हैं केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य ।
प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार ने समय से पुनर्निर्माण कार्यो को निपटाने के दिये निर्देश ।
हरिद्वार- केदारनाथ के गर्भ गृह में सोने का पत्तर चढ़ाए जाने का विरोध कर रहे स्थानीय तीर्थ पुरोहित को अब हरिद्वार से संतों और तीर्थ पुरोहितों का साथ मिलने लगा है. संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने केदारनाथ के स्थानीय तीर्थ पुरोहितों का समर्थन करते हुए कहा कि जो पुरोहित वहां पर है उन्हें वहाँ की धार्मिक एवं भौगोलिक स्थिति का ज्ञान है अगर किसी को इस पर आपत्ति है तो मंदिर प्रबंधन समिति को उसका निराकरण करना चाहिए, उनसे वार्तालाप करना चाहिए ,वे मानते है कि मंदिर में सोना लगाना कोई गलत नहीं है लेकिन यहां इको सेंसेटिव जोन है और केदारनाथ मंदिर की जो संरचना है वह प्राचीन काल की है इसमें सीमेंट और लोहा बिल्कुल भी नहीं है यहां पर मशीनों का कम से कम प्रयोग किया जाए तो अच्छा होगा । वही हर की पौड़ी के तीर्थ पुरोहित धार्मिक मान्यताओं का हवाला देते हुए भगवान् भोलेनाथ को स्वर्ण की बजाय भस्म पसंद होने की बात करते हुए केदारनाथ गर्भ गृह में स्वर्ण परत लगाने को गलत बता रहे है।
विधुत विभाग में सविंदा कर्मी के रूप में था कार्यरत ।
पौड़ी- जनपद पौड़ी में हो रही भारी बारिश के चलते जहां कई सड़कें बंद है तो वहीं दूसरी ओर बारिश के चलते पैठाणी क्षेत्र से एक दुखद घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड विधुत विभाग में संविदा पर कार्यरत युवक प्रकाश राणा की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई है। मृतक प्रकाश राणा पैठाणी के दौला सिरतोली क्षेत्र में बिजली फॉल्ट ठीक करने गया था परन्तु तेज बारिश के चलते वह एक पेड़ के नीचे खड़ा हो गया अचानक तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरने से प्रकाश की मौत हो गई।
जोशीमठ क्षेत्र में अपने लिए मकान बनाने की जताई इच्छा
शूटिंग के दौरान मंडुवे की रोटी को कर रहे खूब पसंद,
पहाड़ी टोपी के दिवाने हुए क्रांतिवीर के प्रताप
{रिपोट -विनय बहुगुणा}
रुद्रप्रयाग- मराठी फिल्म की शूटिंग पर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग व चमोली के रमणीक स्थलों से रूबरू हो रहे हिंदी फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर यहां की वादियों में अपने लिए घर बनाना चाहते हैं। उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र में बसने की इच्छा जताई है। शूटिंग के दौरान वह अभी तक जहां-जहां पर रूके, उन्होंने भोजन में पहाड़ी भोज्य पदार्थों का ही स्वाद लिया है।
बॉलीवुड के सितारों का देवभूमि उत्तराखंड से लगाव काफी पुराना है। कई फिल्म अभिनेता समय-समय पर देहरादून, ऋषिकेश, औली, मसूरी की सैर पर आते रहे हैं। वहीं, अब फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर ने उत्तराखंड में बसने की इच्छा जताई है। वह, इन दिनों कोकोनट मोशन बैनर तले बन रही एक मराठी फिल्म की शूटिंग के लिए रुद्रप्रयाग व चमोली की वादियों में हैं। नाना पाटेकर पर फिल्म से जुड़े कई दृश्य चोपता, दुगलबिट्टा और बनियाकुंड में फिल्माए गए थे। वहीं, बीते दो दिन से टीम चमोली जिले के मलारी क्षेत्र में शूटिंग कर रही है। फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर व ऋषिकेश निवासी त्रिभुवन चौहान ने बताया कि नाना पाटेकर ने उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र में बसने की इच्छा जताई है। वह, यहां की खूबसूरती और हसीन वादियों को देखकर मंत्रमुग्ध हैं। उन्होंने बताया कि नाना पाटेकर सुबह नाश्ते व रात के भोजन में एक-दो मंडुवे की रोटी और राई-पालक की सब्जी ले रहे हैं। यहां तक कि वह कई बार स्वयं भी भोजन बनाने में मदद करते हैं और यूनिट के अन्य लोगों को भोजन भी परोसते हैं। चौहान का कहना है कि उन्हें अभी तक फिल्म की शूटिंग के दौरान कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वह इतने बड़े अभिनेता के साथ काम कर रहे हैं। वह, बहुत ही सौम्य हैं। उन्होंने बताया कि नाना पाटेकर को पहाड़ी टोपी भी खूब पसंद आई। वह, शूटिंग खत्म होने के बाद अपने मित्रों के लिए यह टोपी उपहार के रूप में अपने साथ ले जाएंगे।
हेमंत पांडे भी हुए केदारघाटी के मुरीद
रुद्रप्रयाग ऑफिस-ऑफिस टीवी सीरियल से अपनी खास पहचान बनाने वाले हेमंत पांडे ने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है। बीते वर्ष वह भी केदारघाटी के भ्रमण पर पहुंचे थे। तब, उन्होंने यहां के युवाओं को रंगमंच से जोडने के लिए थियेटर की बारीकियों से रूबरू कराने के लिए संस्थान खोलने की बात कही थी। साथ ही देवर गांव में बसने की इच्छा जताई थी।
रुद्रप्रयाग-केदारनाथ में एक मिनट में 15 से 18 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं। श्रद्घालुओं के लिए इन दिनों भी मंदिर 14 से 15 घंटे खुल रहा है। दिनोंदिन बढ़ रही यात्रियों की भीड़ के चलते मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया गया है। भक्तों को सभामंडप से ही दर्शन कराए जा रहे हैं।

इस वर्ष 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में दर्शनार्थियोंका नया रिकार्ड बना है। यात्रा के पहले ही दिन 23512 श्रद्घालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। इसके बाद मई माह के 26 दिनों में ही 4 लाख से अधिक श्रद्घालु केदारनाथ पहुंच गए थे। इस दौरान जब भी यात्रियों की भीड़ बढ़ी, तब बीकेटीसी ने मंदिर के गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था बंद की। लेकिन यह गिनती के दिन ही रहा। इसके बाद नियमित तौर पर श्रद्घालु गर्भगृह से ही बाबा केदार के दर्शन करते आ रहे थे। मानसून सीजन में यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई थी। लेकिन बीते दस दिनों से केदारनाथ में यात्रियों की प्रतिदिन संख्या बढ़ रही है, जिस कारण बीकेटीसी ने गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था बंद कर दी है।
बीते तीन दिनों से सभामंडप से ही भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्यकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था अस्थायी तौर पर बंद की गई है। सुबह 5 बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो अपराह्न 3 बजे तक कराए जा रहे हैं। इसके बाद आराध्य को भोग लगाया जा रहा है, जिसके चलते एक से डेढ़ घंटे के लिए मंदिर को बंद किया जा रहा है। साढ़े चार से पांच बजे पुनः मंदिर में दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो सांयकालीन आरती के बाद रात्रि नौ बजे तक कराए जा रहे हैं। यानि इन दिनों भी मंदिर 14 से 15 घंटे खुल रहा है और औसतन एक मिनट में 15 से 18 यात्री सभामंडप से बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं।
कोरोनाकाल में सभामंडप से कराए गए दर्शन ।
वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते केदारनाथ मंदिर के कपाट सूक्ष्म धार्मिक गतिविधियों में खोले गए थे। दोनों वर्ष शुरूआती एक से डेढ़ माह तक धाम में सन्नाटा पसरा रहा। इसके बाद नियमों के तहत यात्रा का संचालन किया गया, जिसमें यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा केदार के दर्शन कराए गए थे। यात्रा के आखिरी दिनों में गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी।
चल जीवी लिए मराठी-2 में अभिनय कर रहे फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर,
पिता-पुत्र के बीच के संबंधों को उकेरती यह फिल्म
2018 में गुजराती में हो चुकी फिल्म रिलीज
रुद्रप्रयाग – क्रांतिवीर, यशवंत, अग्निसाक्षी, गुलाम-ए-मुस्तफा, वेलकम और वेलकम-दू में अपने दमदार संवाद अदायगी और कॉमेड़ी से दर्शकों के दिलों में खास जगह बना चुके फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर रुद्रप्रयाग और चमोली के रमणीक स्थलों पर मराठी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं। यह पिता-पुत्र के संबंधों पर आधारित इस फिल्म की शूटिंग केदारनाथ, नारायणकोटी और देवर गांव में भी होगी। इस साल के आखिर में फिल्म रिलीज होगी।
इस फिल्म का नाम अभी नहीं रखा गया है। लेकिन वर्ष 2018 चल जीवी लाइये नाम से ही यह फिल्म गुजराती में यह फिल्म यहां शूट की गई थी। इसलिए उम्मीद है कि इस फिल्म का नाम चल जीवी लिए मराठी-2 नाम से रिलीज किया जाए।
कोकोनट मोशन पिक्चर्स के बैनर तले फिल्म निर्माता रिश्मन मजेठिया इन दिनों फिल्म यूनिट के साथ चमोली जिले के लाता व मलारी में मराठी फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। फिल्म में हिंदी फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर एक पिता की भूमिका निभा रहे हैं। जबकि उनके पुत्र की भूमिका में सिद्घार्थ हैं। फिल्म में उत्तराखंड के पांच लोग अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। चार दिन पूर्व फिल्म यूनिट का दल मिनी स्वीट्जरलैंड चोपता पहुंचा था।
यहां बनियाकुंड, दुलगलबिट्टा में फिल्म के कई दृश्य फिल्माए गए। मराठी में बन रही यह फिल्म पिता-पुत्र की कहानी पर आधारित है, जिसमें एक पिता अपने पुत्र से इसलिए परेशान है कि वह अपने व्यवसाय में ही अक्सर व्यस्त रहता है। पिता, चाहते हैं कि उनके बेटी की जिंदगी में कोई लड़की आए और उसकी गृहस्थी बसे। इसी सोच के साथ वह अपने पुत्र को देवभूमि उत्तराखंड घूमाने लाते हैं, जहां वह तीर्थस्थलों, रमणीक स्थलों, नदी, गाड़-गदेरे, बुग्यालों का भ्रमण करते हैं। इन दिनों फिल्म यूनिट जनपद चमोली के लाता, मलारी क्षेत्र में शूटिंग कर रही है। इसी माह आखिरी सप्ताह में फिल्म यूनिट केदारघाटी पहुंचेगी, जहां केदारनाथ, नारायणकोटी और देवर गांव में फिल्म के कई दृश्य फिल्माए जाएंगे। फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर व ऋषिकेश निवासी त्रिभुवन चौहान बताते हैं कि तीन वर्ष पूर्व इसी विषय पर गुजराती में फिल्म बनाई गई थी, जो बहुत सफल रही। यही नहीं, पिछले 1200 दिनों से यह फिल्म सिनेमाघरों में लगी हुई है। अब, इसे मराठी में बनाया जा रहा है और उत्तराखंड में जहां-जहां गुजराती फिल्म की शूटिंग हुईं, उन्हीं स्थानों का फिल्मांकन किया जा रहा है।
इस फिल्म में आर्ट डायरेक्टर के रूप में श्रीनगर गढ़वाल के अभिषेक बहुगुणा और हरीश पुरी भी काम कर रहे हैं। अभिषेक बहुगुणा बतौर अभिनय भी कर रहे हैं। इस मराठी फिल्म में देहरादून के अभिषेक मैंदोला व बदरीश छाबड़ा भी काम कर रहे हैं।
पांच वर्ष पूर्व केदारनाथ फिल्म की हुई थी शूटिंग
रुद्रप्रयाग। जनपद रुद्रप्रयाग में पांच वर्ष पूर्व निर्माता रोनी स्क्रेवाला और निर्देशक अभिषेक कपूर ने हिंदी फिल्म केदारनाथ की शूटिंग की थी। इस फिल्म में स्व. सुशांत राजपूत मुख्य भूमिका थी। जबकि बतौर नायिका सारा अली खान की यह डेब्यू फिल्म थी। इस फिल्म की त्रियुगीनारायण, चोपता और केदारनाथ में शूटिंग की गई थी। फिल्म के ट्रेलर को लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद इसे उत्तराखंड में प्रदर्शित नहीं किया गया था।
आवास के लिये दर दर भटकती महिला ,प्रधानमंत्री आवास योजना में नही हुआ चयन।।
विकासखण्ड जखोली के ग्राम पंचायत बरसीर की रहने वाली असहाय महिला को अबतक नही मिला आवास योजना का लाभ।
रुद्रप्रयाग ।भले ही प्रधानमंत्री द्वारा असहाय व गरीब लोगों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) चलाई गयी है ।लेकिन आज भी जनपद में कई गरीब व निर्धन परिवार ऐसे है जिनके पास अपना खुद का पक्का मकान नही है और नही उनका चयन प्रधानमंत्री आवास योजना में हुआ है ।जिन लोगो के पास अपना खुद का पक्का आवास नही है वो ग्राम पंचायत से लेकर विकासखण्ड व,जिले के चक्कर लगाते हुए थक चुके हैं लेकिन अधिकारियों के द्वारा उन्हें कोई भी सन्तोष जबाब नही दिया जा रहा है ।
केंद्र सरकार द्वारा 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना₹ ग्रामीण) का शुभारंभ किया गया था और सभी पात्र व्यक्तियो को 2022 तक पक्का आवास देने का लक्ष्य रखा गया है ।आज भी ग्रामीण आंचलों में दर्जनों परिवार आवास विहीन है ग्राम बरसीर की अनु बस्ती में रहने वाली रामेश्वरी देवी के पास रहने के लिये आवास नही है और तीन छोटे छोटे बच्चों के साथ जीर्ण शीर्ण व खण्डर जैसे मकान में रहने को विवश हो रखे है ।बरसात में कच्चे घर से जगह जगह से पानी टपकता रहता है और हर समय मकान टूटने का भय बना रहता है।रामेश्वरी देवी का पति राजेश लाल हरिद्वार से चार पांच सालों से लापता चल रहा है खोजबीन करने के बाद भी आज तक कोई पता नही चल पाया है ।तीनो नाबालिक बच्चो के भरण पोषण की सम्पूर्ण जिम्मेदारी खुद सम्भाल रही है ओर पहाड़ जैसा जीवन यापन करने के लिये अपनी नियति मान रही है
रामेश्वरी देवी का कहना है वर्ष 2017 व 2018 में हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका चयन नही हो पाया है जबकि कई परिवारों के पास ठीक ठाक आवास होने के बावजूद भी उनका चयन आवास के लिये हो रखा है।लेकिन मैं कई बार अपने आवास की फरियाद लेकर तहसील प्रशासन व खण्डविकास अधिकारी के चक्कर काट चुकी हूँ लेकिन आज तक आवास नही मिल पाया ,अपने पास आवास न होने से कुछ साल मायके में रही लेकिन उनकी भी स्थिति ठीक न होने के कारण मजबूरन फिर से ही इस टूटे फ़टे आवास में रहने को विवश है ।
आवासो का चयन करने वाले जनप्रतिनिधियो, अधिकारी व कर्मचारियों को भी चाहिये कि धरातल पर वास्तविक सर्वे कर ऐसे लाचार व असहाय लोगो को वरीयता दे कर चयन किया जाय जिन्हें वास्तविक आवास की जरूरत है ।