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Saturday, June 28, 2025
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उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का नई दिल्ली में मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण।

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*उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का नई दिल्ली में मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण।*

*उत्तराखण्ड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का किया गया है समावेश।

*श्री अन्न उत्पादों और जैविक उत्पादों के लिए उत्तराखण्ड निवास में लगेगा विशेष काउंटर।

*यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा-सीएम।

*आने वाले बजट सत्र में राज्य में एक सख्त भू-कानून लाया जायेगा- मुख्यमंत्री।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी में उत्तराखण्ड राज्य अतिथि गृह ‘उत्तराखण्ड निवास’ का लोकार्पण किया। इस भव्य उत्तराखण्ड निवास का निर्माण लगभग 120 करोड़ 52 लाख की लागत से किया गया है। इस अवसर पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा जनपद के मार्चुला बस दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं की शांति और उनके परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हम सब उत्तराखण्ड निवास के लोकार्पण के ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रह हैं। उत्तराखण्ड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया है। उत्तराखण्ड की अद्वितीय कला की छाप उत्तराखण्ड निवास संजोये हुए है। इसकी दीवार पारंपरिक रूप से पहाड़ी शैली के सुंदर पत्थरों से निर्मित है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत करने का का कार्य करती है। यह भवन हमारी समृद्ध सांस्कृतिक पंरपराओं को एक नई ऊंचाई प्रदान करने के साथ ही उत्तराखण्ड और देश-विदेश से आने वाले अतिथियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरामदायी आवास व्यवस्था तथा उत्तराखण्ड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में हमारे प्रदेश की गरिमा का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाए। श्री अन्न उत्पादों और जैविक उत्पादों की बिक्री के लिए भी यहां पर एक विशेष काउंटर की व्यवस्था की जाए। उत्तराखण्ड की पहचान टोपी, पिछोड़ा, शॉल, जैकेट एवं राज्य के प्रसिद्ध उत्पादों की बिक्री की भी व्यवस्था हो। राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनाये जा रहे हैं। यह हमारे आने वाले अतिथियों के लिए एक विशेष प्रकार का अनुभव होगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। सभी श्रमिकों के समर्पण भाव की भी उन्होंने सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 09 नवम्बर को हम उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में उत्तराखण्ड भवन का लोकार्पण श्रेष्ठ उत्तराखण्ड बनाने का हमारे संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा और राज्य को आगे बढ़ाने में हम सबको प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए पिछले सालों में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां लागू की गई हैं। यही कारण है कि नीति आयोग द्वारा इस वर्ष जारी सतत विकास के लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को देश प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स और स्टार्टप में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। जीएसडीपी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखण्ड युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत कमी लाई गई है। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी सबसे अनुकूल राज्य होने के लिए भी उत्तराखण्ड को देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्यहित में अनेक निर्णय लिये हैं। समान नागरिक संहिता की दिशा में कदम उठाने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। जल्द ही यूसीसी राज्य में लागू करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जिससे प्रदेश के युवाओं में नया आत्मविश्वास जगा है। हर जनपद से युवाओं का चयन हो रहा है। विगत तीन वर्षों में राज्य में 18500 सरकारी पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है। जो देवभूमि की पवित्रता और संस्कृति की रक्षा करेगा। 05 हजार से भी अधिक सरकारी जमीन जो गैरकानूनी रूप से कब्जे में थी, उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया है। प्रदेश में लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटिया मानसिकता के खिलाफ भी कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में एक सख्त भू-कानून भी लाया जायेगा। जिसकी काफी लंबे समय से प्रतिक्षा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड के अंतिम छोर के व्यक्ति तक विकास की धारा से जोड़ने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, श्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सासंद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद श्री अजय भट्ट, राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सासद डॉ. कल्पना सैनी, विधायकगण, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पूर्व मुख्य सचिव श्री शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु एवं सचिवगण उपस्थित थे।

बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में हुई विराजमान।

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डोली यात्रा मार्ग एवं एवं श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में डोली का भब्य स्वागत*

*भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू*

भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से सेना के बैंड के भक्तिमय धुनों तथा स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ समारोह पूर्वक आज दोपहर बाद शीतकाल गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच गयी है।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा पंचमुखी डोली का भव्य स्वागत किया गया। आज के दिन हेतु ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ जी की डोली के दर्शन किये।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचने के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है तथा डोली यात्रा में शामिल सभी को धन्यवाद दिया है। कहा कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने के बाद श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू है गयी है।
बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर शुभकामनाएं दी हैं।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि बीते रविवार 03 नवंबर भैयादूज को श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हुए थे।कल बीते सोमवार 04 नवंबर को भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली रामपुर से प्रस्थान कर शायं को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची।
आज भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रातः 9 बजे श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। श्रद्धालुओं ने डोली का पूरे यात्रा मार्ग गुप्तकाशी बाजार, विद्यापीठ, कुंड, संसारी, ऊखीमठ मंदिर मार्ग पर पुष्प वर्षा से स्वागत किया।
श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचने पर बाबा केदारनाथ की डोली का भव्य स्वागत हुआ।
आज डोली के ऊखीमठ पहुंचने के अवसर पर बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, रणजीत सिंह राणा, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,केदारनाथ मंदिर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रधान पुजारी शिवशंकर लिंग, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, धर्मेंद्र तिवारी, अरविंद शुक्ला कुलदीप धर्म्वाण, प्रेम सिंह रावत, बीरेश्वर भट्ट, अभिरतन धर्म्वाण, अनूप तिवारी, रणवीर पुष्पवान, आचार्य संजय तिवारी, वेदप्रकाश त्रिवेदी, प्रकाश शुक्ला, हिमांशु बर्त्वाल सहित मंदिर समिति कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।
उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बीते 04 नवंबर सोमवार दोपहर को बंद हुए तथा श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली ने कल चोपता प्रवास किया आज उत्सव डोली चोपता से भनकुन पहुंची तथा कल 06 नवंबर को भी भनकुन प्रवास करेगी। 07 नवंबर को पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी इसी के साथ श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।
इस अवसर पर मठापति रामप्रसाद मैठाणी, डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, प्रबंधक बलबीर नेगी, चंद्र मोहन बजवाल, पुजारी विनोद मैठाणी, प्रकाश मैठाणी रवीन्द्र मैठाणी आदि मौजूद रहे।

 

इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम में 16 लाख, 52 हजार यात्रियों ने किए दर्शन।01 अरब, 31 करोड़, 17 लाख, 20 हजार सात सौ का किया गया व्यवसाय,07 करोड, 19 लाख, 43 हजार 6 सौ राजस्व की हुई प्राप्ति।

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श्री केदारनाथ धाम की इस वर्ष की यात्रा सफलतापूर्वक हुई संपन्न*

*16 लाख, 52 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन*

*जिलाधिकारी ने सफल यात्रा संपादन के लिए सभी अधिकारियों-कार्मिकों एवं सुरक्षा व्यवस्था में तैनात अधिकारियों एवं कार्मिकों को दी बधाई*

वर्ष 2024 की 11वें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम की यात्रा रविवार को प्रातः 8ः30 बजे मंत्रोच्चारण के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकालीन हेतु बंद हो गए हैं। इस अवसर पर 18 हजार से अधिक लोग मौजूद रहे।
श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संपादित कराने के लिए यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारियों-कार्मिकों, सुरक्षा बलों, तीर्थ पुरोहितों आदि का जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष यात्रा में कई चुनौतियां सामने आई हैं। 31 जुलाई को आई भारी आपदा के कारण केदारनाथ धाम एवं यात्रा मार्ग में फंसे 15 हजार से अधिक फंसे यात्रियों को सकुशल निकाला गया तथा क्षतिग्रस्त यात्रा मार्ग को तत्परता से कार्य करते हुए यात्रा हेतु एक माह से कम समय में सुचारू किया गया। उन्होंने कहा कि इस कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी श्री केदारनाथ बाबा के भक्तों के उत्साह एवं श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई तथा भक्तों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। उन्होंने यात्रा में लगे सभी नोडल अधिकारियों-कार्मिकों, सुरक्षाबलों, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, आईटीबीपी, स्वास्थ्य विभाग की टीम, तीर्थ पुरोहितों, मंदिर समिति सहित मीडिया बंधुओं का भी केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर प्रमुखता से खबरों का प्रकाशन के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने यात्रा व्यवस्थाओं में लगे नोडल अधिकारियों से कहा कि इस यात्रा व्यवस्थाओं में जो भी कमी एवं त्रुटि रह गई हैं उसको आगामी यात्रा को और अधिक सुव्यवस्थित एवं सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए अभी से तैयारी सुचारू करने के भी निर्देश दिए गए।
इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम में 16 लाख, 52 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए हैं। जिसमें 249 विदेशी दर्शनार्थी शामिल हैं।
नोडल अधिकारी यात्रा/मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने अवगत कराया है कि इस यात्रा में 4 लाख, 79 हजार, 624 तीर्थ यात्रियों ने घोड़े-खच्चरों के माध्यम से बाबा केदारनाथ के दर्शन किए हैं। जिससे 01 अरब, 31 करोड़, 17 लाख, 20 हजार सात सौ का व्यवसाय किया गया है। जिसमें 07 करोड, 19 लाख, 43 हजार 6 सौ राजस्व प्राप्त हुआ है।
नोडल अधिकारी हैली सेवा/जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने अवगत कराया है कि हैली सेवा के माध्यम से 01 लाख, 28 हजार से अधिक लोगों ने हैली सेवा से बाबा केदारनाथ के दर्शन किए हैं तथा हैली कंपनियों द्वारा 01 अरब, 10 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया गया है।
नोडल अधिकारी स्वास्थ्य/प्र. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल सिंह गुसांई ने अवगत कराया है कि श्री केदारनाथ धाम की इस वर्ष की यात्रा में 1 लाख, 98 हजार, 952 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य उपचार किया गया है। जिसमें 1 लाख, 57 हजार, 330 पुरुष तथा 41 हजार, 622 महिलाएं शामिल हैं। इसके साथ ही 15 हजार 173 लोगों को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई तथा 01 लाख, 61 हजार 308 श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग भी की गई। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान 218 लोगों को एंबुलेंस सेवा से तथा 90 श्रद्धालुओं को हेली सेवा के माध्यम से हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया।

 

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद ।

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इस यात्रा वर्ष पौने दो लाख श्रद्धालु पहुंचे श्री तुंगनाथ

*पांच सौ से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने

पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज पूर्वाह्न 11 बजे शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गये है। इस अवसर पर मंदिर को सजाया गया था।कपाट बंद होने के बाद भगवान श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यंत्रों ढोल-दमाऊं सहित बाबा तुंगनाथ के जय उदघोष के साथ प्रथम पड़ाव चोपता को प्रस्थान किया इस अवसर पर पांच सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।
श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा वर्ष एक लाख सत्तर हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किये। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी कपाट बंद होने अवसर पर श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
कपाट बंद होने के एक दिन पहले 3 नवंबर को श्री तुंगनाथ मंदिर में यज्ञ-हवन किया गया था। आज 4 नवंबर प्रातः साढ़े चार बजे मंदिर खुल गया था। प्रातः कालीन पूजा के पश्चात श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किये। ठीक दस बजे से मंदिर गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।
भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया। शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल पुष्पों, अक्षत से ढक दिया गया।
इसके बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित,की उपस्थिति में पुजारी अतुल मैठाणी तथा अजय मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद किये।
कपाट बंद होने के बाद मंदिर समिति कर्मचारियों तथा श्रद्धालुओं के साथ मंदिर की परिक्रमा पश्चात अखोड़ी और हुडु गांव के हक-हकूकधारी भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली के साथ चोपता को प्रस्थान हुए।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि 4 नवंबर सोमवार को भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली चोपता प्रवास करेगी। उन्होंने बताया कि 5 नवंबर तथा 6 नवंबर को चलविग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुन प्रवास करेगी। इसके बाद 7 नवंबर को भगवान तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जायेगी।
इसके साथ ही श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।
इस अवसर पर मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी,डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित सहित पुजारीगण रवीन्द्र मैठाणी, विनोद मैठाणी, चंद्रमोहन बजवाल,दिलवर नेगी, दीपक पंवार,जीतपाल भंडारी, उम्मेद थोर, नरेंद्र भंडारी एवं वन विभाग, पुलिस प्रशासन के प्रतिनिधि, दस्तूरधारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

अल्मोड़ा बस हादसे का अपडेट-मृतको की संख्या हुई 36 दो अधिकारी निलंबित,मृतको को 4 -4लाख की घोषणा।

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अल्मोड़ा-उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। मार्चुला के पास एक बस खाई में गिर गई है। हादसे में अभी तक 36 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, नैनी डांडा से रामनगर जा रही एक बस आज सुबह खाई में गिर गई। गीत जागीर नदी के किनारे गिरी बस में 36 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी अल्मोड़ा विनीत पाल ने बताया कि 36 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। टीम रेस्क्यू में जुटी है। हादसे में कितने यात्रियों की मौत हुई है, यह रेस्क्यू होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

40 सीटर बस में 55 से ज्यादा सवारियां

बस 40 सीटर थी,बस में 55 से ज्यादा यात्री सवार बताये जा रहे हैं। हादसे के बाद कुछ यात्री खुद ही बस से बाहर निकल आए। कुछ लोग छिटक कर नीचे गिर गए। घायल लोगों ने ही जानकारी दूसरों तक पहुंचाई। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। घायलों को अस्पताल ले जाने का काम किया जा रहा है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए। सीएम ने मृतक परिजनों को 4-4 लाख रूपये और घायलों को 1-1 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। आयुक्त कुमाऊं मंडल को घटना की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए गये है। हादसे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इसके साथ ही उन्होंने दुर्घटना की जिम्मेदारी तय करने के लिए कड़े कदम उठाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पौड़ी और अल्मोड़ा जिले के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि घटना में कोई भी लापरवाही हुई हो तो उस पर कार्रवाई की जा सके।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को राहत देने के लिए 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है, जबकि घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस हादसे की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसे हादसे न हों। इसके लिए कुमाऊं मंडल के आयुक्त को इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच करने के आदेश दिए गए हैं

दुःखद खबर -खाई में गिरी बस.. कई लोगो के मौत की ख़बर।

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अल्मोड़ा-यात्री को वापस रामनगर लेकर आ रही गढ़वाल मोटर्स यूजर्स की बस कूपी क्षेत्र के समीप गिरी

गोलिखाल क्षेत्र से यात्रियों को रामनगर लेकर आ रही थी गढ़वाल मोटर्स यूजर्स की बस खाई में गिरी

बस का नम्बर uk 12 pa 0061

इस यात्री बस के गिरने में कई लोगो की हताहत होने की है सूचना।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। मार्चुला के पास एक बस खाई में गिर गई है। हादसे में कई लोगों की मौत की खबर है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।

हादसे का शिकार हुई बस नैनीडांडा के किनाथ से सवारियों को लेकर जा रही थी। बस को रामनगर जाना था। यूजर्स कम्पनी की बस है। बस सारड बैंड के पास नदी में गिरी है। मरने वालों की संख्या 25 से ज्यादा हो सकती है।

जय बाबा केदार के जयघोष के साथ ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए।

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*श्री केदारनाथ मंदिर को भब्य रूप से फूलो से सजाया गया।*

• *अभूतपूर्व रही श्री केदारनाथ धाम यात्रा : अजेंद्र*

केदारनाथ / रूद्रप्रयाग 3 नवंबर। विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को भैया दूज के पावन पर्व पर प्रातः 08:30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए। ऊं नम् शिवाय, जय बाबा केदार के जय घोष तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान व धार्मिक परंपराओं के साथ कपाट बंद किए गए। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय समेत 15 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को दीपावली के दिन से ही भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था ।

रविवार प्रातः पांच बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों, पुजारीगणों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की। स्वयंभू शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों बेल पत्र आदि से समाधि रूप दिया गया। प्रातः 08:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया इसके बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।

कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। हजारों श्रद्धालु बाबा की पंचमुखी डोली के साथ पैदल ही रवाना हुए। श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे। आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास बर्फ होने से सर्द बयारें भी चलती रही लेकिन श्रद्धालुओं में भारी उत्साह रहा।

कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस यात्राकाल में रिकार्ड साढ़े 16 लाख से अधिक तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज भव्य व दिव्य केदारपुरी का पुनर्निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम यात्रा का सफल संचालन हुआ। उन्होंने सफल यात्रा संचालन के लिए बीकेटीसी के कार्मिकों, पुलिस – प्रशासन, यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभिन्न विभागों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी आदि का आभार जताया।

 

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बाबा केदार की पंचमुखी डोली आज 3 नवंबर को रामपुर रात्रि प्रवास करेगी 4 नवंबर सोमवार को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी रात्रि प्रवास कर 5 नवंबर मंगलवार को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल में बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में ही संपादित होगी।

आज कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अलावा स्वामी संबिदानंद महाराज,रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डा.सौरव गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,भास्कर डिमरी, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग, धर्माचार्य ओंकार शुक्ला, तीर्थ पुरोहितों की संस्था केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, वेदपाठी स्वयंबंर सेमवाल, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, ललित त्रिवेदी,देवानंद गैरोला अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, उमेश पोस्ती,प्रकाश जमलोकी, रविंद्र भट्ट आदि मौजूद रहे।

 

यहां यह भी उल्लेखनीय है इस यात्रा वर्ष की उत्तराखंड चारधाम यात्रा शनै- शनै समापन कीओर है धामों में मौसम सर्द हो गया है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 17 नवंबर को बंद हो रहे है।श्री गंगोत्री धाम के कपाट बीते शनिवार 2 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो गये है।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज 3 नवंबर को प्रात: बंद हुए तथा श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैयादूज के अवसर पर आज 3 नवंबर दोपहर को बंद हो जायेंगे।
जबकि पवित्र गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब तथा लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बीते 10 अक्टूबर को बंद हो गये। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 20 नवंबर को बंद हो रहे है तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट कल सोमवार 4 नवंबर को बंद हो रहे है जबकि चतुर्थ केदार रूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को बंद हुए।

 

विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

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  रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज भैया दूज के मौके पर पूजा अर्चना के बाद बंद कर दिए गए हैं। सुबह मंदिर में भगवान की समाधि पूजा की गई और उसके बाद 6 बजे गर्भ ग्रह का दरवाजा बंद कर दिया गया। जबकि विधि विधान के साथ 8:30 बजे मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। बड़ी संख्या में भक्तों के साथ बाबा केदार की चल विग्रह डोली को केदारनाथ धाम से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना कर दिया गया।

आज डोली रामपुर पहुचेगी। जबकि कल सोमवार को डोली गुप्तकाशी और मंगलवार 5 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पहुंचेगी। जहां भगवान की 6 महीने तक शीतकालीन पूजा अर्चना की जाएगी।

आज होंगे विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद ।

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उत्तरकाशी

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्रीधाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है,

गंगोत्री धाम के कपाट आज 2 नवंबर को दोपहर 12.14 बजे पर बंद होंगे।

कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे।

गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का शुभ मुहूर्त नवरात्र के शुभ अवसर पर तीर्थ पुरोहितों ने निकाला था।

गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व के अवसर पर बंद हो रहे है,

आज सुबह 10.00 बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा जाएगा। उसके बाद निर्वाण दर्शन होंगे।

वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक होगा।

उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

कपाट बंद होने का अभिजीत मुर्हूत शुभ बेला दोपहर 12.14 बजे तय किया गया है,

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ धाम में उल्लासपूर्वक मनायी जा रही दीपावली।

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श्री बदरीनाथ/ केदारनाथ धाम: 1 नवंबर। श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम में दीपावली का पर्व आज 1 नवंबर शुक्रवार को उल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मंदिरों को फूलों से सजाया गया है तथा शाम को रंग-बिरंगे प्रकाश से मंदिर जगमगाते नजर आयेंगे।

श्री बदरीनाथ धाम में शाम पांच बजे पश्चात प्रदोष काल में महालक्ष्मी पूजन शुरू होगा तत्पश्चात कुबेर जी की पूजा-अर्चना तथा भगवान बदरीविशाल के खजाने की पूजा-अर्चना की जायेगी।

श्री केदारनाथ धाम में श्री गणेश पूजन तथा मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना संपन्न होगी।श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय दीपावली के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम में पूजा – अर्चना में शामिल होंगे।

बदरीनाथ धाम में इस अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार,धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान,वेदपाठी रविंद्र भट्ट, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट , लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, आदि मौजूद रहेंगे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि श्री केदारनाथ धाम में भी दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है मंदिर को भब्यरूप से फूलों से सजाया गया है। 3 नवंबर को भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल हेतु बंद होने है।
आज दीपावली के अवसर पर भगवान श्री गणेश जी की पूजा के अलावा मंदिर गर्भगृह के बाहर परिक्रमा परिसर में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में मंदिर समिति तथा हक-हकूकधारी पूजा-अर्चना संपन्न करेंगे।
इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल,
मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग, केदारनाथ प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, लक्ष्मी नारायण मंदिर हक-हकूकधारी प्रकाश जमलोकी सहित अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण ललित त्रिवेदी आदि मौजूद रहेंगे।