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Wednesday, June 25, 2025
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सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू होने से स्थानीय लोगों के साथ यात्रियों को मिलेगी राहत।

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रुद्रप्रयाग ।सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। 31 जुलाई को केदार घाटी में हुई अतिवृष्टि के चलते सोनप्रयाग शटल पार्किंग के समीप करीब 150 मीटर सड़क वाश आउट हो गई थी। करीब 40 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद मार्ग दोबारा सुचारू हो सका है।
बीते महीने केदार घाटी में हुई अतिवृष्टि के कारण श्री केदारनाथ धाम यात्रा का सड़क एवं पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आपदा सचिव, गढ़वाल कमिश्नर सहित अन्य संबंधित विभाग लगातार अपने स्तर से नजर बनाए हुए थे एवं हर संभव मदद मुहैया करवा रहे थे।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन एवं नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग, डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी सहित संबंधित अन्य विभागों ने दिन रात एक कर संपूर्ण यात्रा मार्ग को पुनर्स्थापित कर लिया है।
अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश एवं पहाड़ी से गिर रहे बोल्डरों के चलते सड़क मार्ग को दुरुस्त करना थोड़ा मुश्किल हो गया था। बावजूद इसके कठिन परिस्थितियों के बीच छोटे वाहनों के लिए सभी स्थानों पर मार्ग खोल दिया गया है। इधर यात्रा मार्ग पर संगम सुरंग का मरम्मत कार्य भी लगभग पूर्ण होने को है। 15 सितंबर तक सुरंग आवाजाही के लिए खोल दी जाएगी।

जनपद रुद्रप्रयाग में नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक श्री अक्षय प्रहलाद कोंडे ने ग्रहण किया कार्यभार

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रुद्रप्रयाग।।

जनपद के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक श्री अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जनपद में आगमन कर कोटेश्वर महादेव मन्दिर पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। तत्पश्चात उनके द्वारा जनपद के 19वें पुलिस अधीक्षक के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया गया। कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उपस्थित पुलिस उपाधीक्षक व अधीनस्थ स्टाफ से परिचय प्राप्त कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी ली गयी। बताते चलें इससे पूर्व श्री कोंडे जनपद बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त थे।

 

चमोली में बंड की नंदा डोली किरुली गांव से अगले पड़ाव के लिए रवाना, नंदा को विदा करते समय छलछला गयी ध्याणियों की आंखे।

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चमोली-

“मेरी मैत की ध्याणी तेरू बाटू हेरदू रोलु, हेरि चेजा फेरी चे जा तू मैत कु मुलुक”जैसे पौराणिक लोकगीतों और जागारों के साथ किरुली गांव के बंड भुमियाल के मंदिर से बंड क्षेत्र के ग्रामीणों ने बंड की नंदा डोली को अगले पड़ाव गौना गांव के लिए विदा किया। इस अवसर पर दूर दूर से आये श्रद्धालुओं की आंखें छलछला गयी।खासतौर पर ध्याणियां मां नंदा की डोली को विदा करते समय फफककर रो पड़ी। बंड की नंदा लोकजात यात्रा 10 सितम्बर को उच्च हिमालयी नरेला बुग्याल में सम्पन्न होगी।

नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा शुरू होने पर एक बार फिर पूरा सीमांत जनपद चमोली नंदामय हो गया है। इस अवसर पर महावीर रावत, प्रेम सिंह चौहान, कैलाश बिष्ट, शिशुपाल सिंह झिंकवान्न, नवीन फरस्वान, हरेंद्र, ताज़बर सिंह बिष्ट, रघुनाथ सिंह फरस्वान, गोदम्बरी देवी, घुंघुरा देवी सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

गौरतलब है कि नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा सिद्धपीठ कुरुड मंदिर से शुरू होती है। यहाँ से प्रस्थान कर राजराजेश्वरी बधाण की नंदा डोली बेदनी बुग्याल में, कुरुड दशोली की नंदा डोली बालपाटा बुग्याल और कुरुड बंड की नंदा डोली नरेला बुग्याल में नंदा सप्तमी/ अष्टमी के दिन पूजा अर्चना कर, नंदा को समौण भेंट कर लोकजात संपन्न होती है। कई मायनों में नंदा देवी राजजात यात्रा से भी ज्यादा विस्तारित है नंदा की वार्षिक लोकजात।

पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग को जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस परिवार की ओर से दी गयी विदाई।

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*पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग को जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस परिवार की ओर से दी गयी विदाई*

*01 वर्ष 10 माह 04 दिनों तक जनपद रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवायें दी गयीं।*

*अपने कार्यकाल में अधीनस्थ पुलिस बल का वैलफेयर रही सर्वाेच्च प्राथमिकता

उत्तराखण्ड शासन के स्तर से जारी आदेश व उक्त क्रम में पुलिस मुख्यालय के स्तर जारी निर्देशों के क्रम में जनपद रुद्रप्रयाग में नियुक्त रही पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ0 विशाखा अशोक भदाणे का स्थानान्तरण पुलिस अधीक्षक अपराध/क्राइम अगेंस्ट वूमन, पुलिस मुख्यालय के पद पर हुआ है। उनके स्थानान्तरण पर रवाना होने से पूर्व रुद्रप्रयाग पुलिस परिवार की ओर से विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान उपस्थित प्रभारियों ने पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग के साथ कर्तव्य निर्वहन सम्बन्धी अपने अनुभव साझा किए गए। डॉ0 विशाखा अशोक भदाणे एक कुशल अधिकारी होने के साथ ही अपने सौम्य व्यवहार के साथ ही अधीनस्थ पुलिस बल के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं।
पुलिस अधीक्षक ने अपने सम्बोधन में कहा कि उनके इन पौने दो साल के कार्यकाल में आप सभी के सहयोग यात्रा के दौरान आने वाली चुनौतियों से आसानी से निपटा जा सका। वर्ष 2023 में रिकार्डतोड़ यात्रा रही तो इस वर्ष की यात्रा का शुरुआती समय काफी चैलेंजिंग रहा। हम सकुशल ढंग से यात्रा का संचालन कर पाये इसके लिए सभी कार्मिकों ने अपना योगदान दिया है। सभी ने अपने हिस्से का योगदान दिया है, बताये गये काम को समय से किया है। उन्होंने उपस्थित सभी का आभार प्रकट किया तथा आश्वस्त किया कि वे आगे भी इसी प्रकार से किसी न किसी जगह पर कार्य करने का मौका अवश्य मिलेगा।
बताते चलें कि पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ0 विशाखा अशोक भदाणे ने जनपद में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से आतिथि तक अधीनस्थ पुलिस बल के कल्याण एवं मनोबल में वृद्धि हेतु किये जाने वाले कार्यों को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखते हुए पुलिस बल के कल्याण (वैलफेयर) हेतु निरन्तर कार्य किये गये। समय-समय पर स्वयं के वार्षिक एवं औचक निरीक्षणों के दौरान अधीनस्थों की समस्याओं का सुनकर निस्तारण किया गया।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा में दिया गया सराहनीय योगदान – गत वर्ष व इस वर्ष की केदारनाथ धाम यात्रा अवधि में अधीनस्थ पुलिस बल का नेतृत्व करते हुए यात्रा का सफल संचालन कराया। स्वयं फील्ड में उतरकर केदारनाथ धाम सहित सभी स्थानों पर नियुक्त पुलिस बल को उचित दिशा-निर्देश दिये गये। गत वर्ष लगभग साढ़े उन्नीस लाख से अधिक यात्री व इस वर्ष अब तक ग्यारह लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को आये हैं। गत वर्ष चलाये गये ऑपरेशन मुस्कान को इस वर्ष भी निरन्तर जारी रखा गया। यात्रियों की सुविधा हेतु यात्रा हैल्पलाइन नम्बर जारी किया गया व यात्रियों की सुविधा हेतु 05 भाषाओं में मल्टीलिंग्वल बोर्ड/फ्लैक्सी बोर्ड लगाये गये। अधीनस्थ पुलिस बल को समय-समय पर सम्मानित कर उनका मनोबल उच्च रखा गया। गत वर्ष स्वयं एसपी रुद्रप्रयाग मा0 मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह से सम्मानित हुई वहीं इस बार पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग सम्मानित हुए। जनपद में प्रचलित केदारनाथ धाम यात्रा की मॉनीटरिंग एवं अपराध नियंत्रण हेतु प्रशासन के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगवाये गये। यात्रा अवधि में अवैध शराब तस्करी व एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रभावी कार्यवाही की गयी। हैलीकॉप्टर टिकटों के नाम पर होने वाली ठगी के प्रकरणों में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की गयी। पशु क्रूरता के मामलों में संवेदनशीलता के साथ प्रभावी कार्यवाही की गयी। इस वर्ष हुए लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को जनपद के अन्दर सकुशल सम्पन्न कराया गया। हाल ही में 31 जुलाई 2024 की रात्रि में केदारघाटी में हुई अतिवृष्टि के चलते उपजे आपदा के हालातों में फंसे लोगों का सकुशल रेस्क्यू कार्य मे लगे पुलिस बल का नेतृत्व किया गया।
आयोजित हुए विदायी समारोह अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग प्रबोध कुमार घिल्डियाल, प्रतिसार निरीक्षक विकास पुण्डीर, समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी व शाखा प्रभारी मौजूद रहे।

 

उत्तराखंड भाजपा के लिए बुरी खबर, भारत नेपाल बॉर्डर पर बनबसा में गिरफ्तार हुए रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल के छोटे भाई सतीश नैनवाल,

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बनबसा

उत्तराखंड भाजपा के लिए बुरी खबर,

भारत नेपाल बॉर्डर पर बनबसा में गिरफ्तार हुए रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल के छोटे भाई सतीश नैनवाल,

सतीश नैनवाल और उनके ड्राइवर अवैध असला बारूद, के साथ गिरफ्तार,

सतीश नैनवाल और उनके ड्राइवर से एसएसबी ने चालीस कारतूस बरामद किए,रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल को भारत नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी ने 40 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। भारत नेपाल बॉर्डर पर बनबसा में रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल के छोटे भाई सतीश नैनवाल और उनके ड्राइवर को अवैध कारतूस के साथ एसएसबी ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद बनबसा पुलिस के हवाले कर दिया। सतीश नैनवाल और उसके ड्राइवर से एसएसबी ने 7.65 एमएम के अवैध 40 जिंदा कारतूस व अन्य अवैध सामान बरामद किए हैं। फिलहाल एसएसबी ने पकड़े गए आरोपियों को बनबसा पुलिस को सौंप दिया है। आगे की कार्रवाई बनबसा पुलिस द्वारा की जा रही है। साथ ही पुलिस आरोपियों से पूछताछ और आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।

मूल निवासियों के हितों के लिए उत्तराखण्ड में जरूरी है सशक्त भू कानून

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-त्रिलोक चन्द्र भट्ट


जब किसी समाज की संस्कृति, परंपरा, अस्मिता और पहचान पर बाहरी हस्तक्षेप बढ़ने लगता है तो एक दिन लोगों के सब्र का बांध टूट ही जाता है। यही एक सितंबर को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में भी हुआ। उत्तराखण्ड में सख्त भू कानून, मूल निवास और स्थायी राजधानी के मुद्दे पर, लोगों के अंदर ही अंदर सुलग रही विरोध की ज्वाला जब बाहर निकली तो गैरसैण की सड़कों पर जनसैलाब सैलाब उमड़ आया। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौर की याद ताजा करने वाली इस स्वाभिमान महारैली ने यह साफ संकेत दिया है कि जो उत्तराखण्ड के हित की बात करेगा, वही यहां राज भी करेगा।
उत्तराखण्ड के लोग यूं ही आन्दोलित नहीं हैं। यहाँ राज्य सरकार की नाक के नीचे, 24 साल से लोगों के हितों पर, डाका पड़ रहा है। 2003 में नारायण दत्त तिवारी सरकार ने भू कानून में संशोधन किया। तब बाहरी लोगों के लिए कृषि भूमि की खरीद 500 वर्ग मीटर तक सीमित की गई। 2008 में मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी ने इसमें सख्ती लाते हुए भूमि खरीद की सीमा घटाकर 250 वर्ग मीटर किया। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल 2018 में उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से पहाड़ में जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा, और किसान होने की बाध्यता ही खत्म कर दी गई। उपर से, कृषि भूमि का भू उपयोग बदलना भी आसान कर दिया गया। मौजूदा धामी सरकार ने भी एक तरफ कानून में ढील दी तो दूसरी ओर भू-सुधार के लिए एक समिति भी गठित की। लेकिन 2022 में समिति द्वारा सख्त भू कानून सुझावों के साथ सौंपी गयी रिपोर्ट के बाद से, आज तक धरातल पर कुछ भी नहीं बदलाव नहीं आया है। यही उत्तराखण्ड के लोगों की बड़ी नाराजगी का कारण है.
उत्तराखण्ड में बड़े पैमाने पर भूमि की अनियोजित खरीद-फरोख्त के कारण जो जनसांख्यकीय बदलाव आया है, उसने उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के लिए कई समस्याएं पैदा कर दी हैं। सख्त भू कानून लागू न होने के कारण बाहरी लोग, बड़े पैमाने पर यहां की जमीनों को खरीद कर राज्य के संसाधनों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर रहे हैं, जबकि यहां के मूल निवासी और भूमिधर अब भूमिहीन हो रहे हैं। जिसका सीधा असर पर्वतीय राज्य की संस्कृति, परंपरा, अस्मिता और पहचान पर पड़ रहा है।
देश के कई राज्यों में कृषि भूमि की खरीद से जुड़े नियम सख्त हैं। जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वाेत्तर तक हिमालयी राज्यों ने अपनी जमीनें सुरक्षित की हैं, पडोसी राज्य हिमाचल प्रदेश तक में कृषि भूमि के गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए खरीद-बिक्री पर रोक है। लेकिन उत्तराखंड ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां के नेताओं और सरकारों ने भू कानून को अपनी लाभ-हानि की दृष्टि से देखते हुए बाहरी लोगों को जमीने खरीदने की छूट दे रखी है।

 

श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने पकड़ी रफ्तार ,मानसून सीजन के बाद दोबारा शुरू हुई केदारनाथ यात्रा

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केदारनाथ।।केदार घाटी में बारिश कम होने बाद श्री केदारनाथ धाम यात्रा पटरी पर लौटने लगी है। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। केदार बाबा के दर्शन कर अभिभूत हो रहे श्रद्धालु यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर संतुष्ट नजर आ रहे हैं और अपने सुखद अनुभव साझा कर रहे हैं।
गुहाटी से बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि पैदल रास्ता अब दुरुस्त हो गया है एवं लगातार यात्रा चल रही है। पैदल मार्ग पर पानी, बिजली, खाना, शौचालय सहित अन्य सभी प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। दर्शन भी बहुत अच्छे हो रहे हैं। राजकोट गुजरात से पहुंचे प्रफुल्ल ने बताया कि पैदल यात्रा मार्ग यात्रा के लिए सुरक्षित एवं सुचारू है। यात्रा मार्ग पर सभी सुविधाएं भी हैं एवं प्रशासन और पुलिस द्वारा पूरी मदद भी की जा रही है।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि बीती 31 जुलाई को अतिवृष्टि के कारण कुछ दिनों तक जरूर पैदल यात्रा प्रभावित रही। लेकिन पिछले दो हफ्तों से पैदल यात्रा लगातार बढ़ रही है। देश दुनिया से श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं। यात्रा को सुखद एवं सुगम बनाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुई सड़क भी तीन से चार दिन के भीतर छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खुल जाएगा।
उधर, इंस्पेक्टर सोनप्रयाग देवेन्द्र असवाल ने बताया कि पिछले 10 दिनों में औसतन तीन हजार श्रद्धालु पैदल यात्रा मार्ग से केदारनाथ के लिए जा रहे हैं। बारिश कम होने के साथ ही लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

 

रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कुंड मोटर पुल छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खुला।

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छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खुला कुंड पुल*

*भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से ही करनी होगी आवाजाही*

*स्थानीय लोगों एवं यात्रियों को मिलेगी राहत

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग का महत्वपूर्ण पड़ाव कुंड पुल छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गया है। गुरुवार दोपहर से पुल छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया था। हालांकि भारी वाहनों को अब भी चुन्नी बैंड वाले वैकल्पिक मार्ग से ही जाना होगा। वहीं पुल के समीप प्रस्तावित बेली ब्रिज के निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

मानसून सीजन में केदार घाटी में हो रही भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी के लगातार तेज बहाव के चलते श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग के बेहद महत्वपूर्ण पुल कुंड के आधार को क्षति पहुंची थी। जिसके कारण एक महीने से ज्यादा समय से पुल से आवाजाही बंद थी। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने राष्ट्रीय राजमार्ग को पुल को सुरक्षित करने एवं जल्द यातायात शुरू करने के निर्देश दिए थे। अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने बताया कि पुल के आधार को मजबूत करने के लिए कंक्रीट दीवार का निर्माण किया गया। पुल की मजबूती बढ़ाने एवं परखने के बाद गुरुवार से छोटे वाहनों के लिए पुल खोल दिया गया है। इससे केदारनाथ धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों दोनों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं विकल्प के तौर पर पुल से बैराज की ओर 10 मीटर की दूरी पर बेली ब्रिज स्थापित करने की योजना है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। करीब 70 मीटर स्पाम का पुल तैयार किया जा रहा है जिसका मोर्थ केंद्र सरकार को अप्रूव करने भेजा गया है।
इधर यात्रा मार्ग पर संगम सुरंग का मरम्मत कार्य भी लगभग पूर्ण होने को है। 15 सितंबर तक सुरंग आवाजाही के लिए खोल दी जाएगी। इसके अलावा सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वॉशआउट क्षेत्र में भी छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू करने के लिए तेजी से कार्य चल रहे हैं। मौसम ठीक रहा और पहाड़ी से भारी बोल्डर नहीं आए तो तीन से चार दिन के बीच छोटे वाहनों की आवाजाही यहां भी शुरू हो जाएगी।

 

केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष सहायता राशि की अनुमन्य, अतिवृष्टि से प्रभावित व्यवसायियों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में स्वीकृत की 09 करोड 08 लाख की धनराशि।

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*जनपद रुद्रप्रयाग के केदारनाथ क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुक़सान के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष सहायता राशि की अनुमन्य। अतिवृष्टि से प्रभावित व्यवसायियों को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में स्वीकृत की 09 करोड 08 लाख की धनराशि।*

*मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव मुख्यमंत्री द्वारा जारी किया शासनादेश।*

*जिला अधिकारी रूद्रप्रयाग को उपलब्ध करायी गई 09 करोड 08 लाख की धनराशि

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों को 09 करोड 08 लाख की राहत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इससे सम्बधित शासनादेश सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली द्वारा जारी किया गया है उन्होने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि 31.07.2024 को अतिवृष्टि के कारण लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल ट्रैक और मोटर मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से प्रभावित हुए विभिन्न व्यवसायियों के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी की अध्य क्षता में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न ऐशोएशिन/संगठनों के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से आपदा प्रभावित व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति हेतु अनुमानित ₹908.00 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव किया गया था।

उन्होने बताया कि प्रस्ताव के संदर्भ में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त मुंख्यमत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचौली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार 09 करोड 08 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत कर जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को उपलब्ध करायी जाय।

जारी किये गये पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि का उपयोग दिनांक 31.07.2024 को अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल ट्रैक व मोटर मार्ग के प्रभावितों जिन्हें दिनांक 24.08.2024 की मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में मुआवजा/राहत राशि वितरण किये जाने का निर्णय लिया गया है, के अनुसार ही किया जाय।

साथ ही स्वीकृत धनराशि का भुगतान प्रभावितों को करने से पूर्व प्रकरणों का संगत शासनादेशों में किये गये प्राविधानों के तहत परीक्षण तथा प्रभावितों का नियमानुसार सत्यापन करने के उपरान्त पूर्णतः संतुष्ट होने पर भुगतान यथासंभव ई-बैंकिग के माध्यम से सुनिश्चित किया जाय, जहां ई-बैंकिग की सुविधा न हो, वहां धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित की जाय।

प्रभावितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि के वितरण के पश्चात् लाभार्थियों का विवरण यथा-नाम, पता, दूरभाष संख्या इत्यादि जनपद स्तर पर सुरक्षित रखे जाने के भी निर्देश वर्णित शासनादेश दिये गये है।

पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल ,किई जिलों के पुलिस कप्तान बदले गए।

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देहरादून. पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर.
मणिकांत मिश्रा को एसएसपी उधम सिंह नगर बनाया गया.. मंजूनाथ tc की छुट्टी और भी कहीं अधिकारी बदले

प्रभारी डीजीपी से एडीजी ईंट हटाया गया, एडीजी एल ओ का चार्ज दिया गया,

एडीजी ए पी अंशुमन को एडीजी ईंट दिया गया,

आईजी नीरू गर्ग को आईजी पीएसी और एटीसी का चार्ज दिया गया,

आईजी मुख्तार मोहसिन को आईजी फायर सर्विस का चार्ज दिया गया,

आईजी अरुण मोहन जोशी को आईजी ट्रैफिक, आईजी चार धाम प्रबंधन बनाया गया,

आईपीएस मंजूनाथ को एसएसपी उधमसिंह नगर से हटा कर एसएसपी सुरक्षा अभिसूचना मुख्यालय बनाया गया,

आईपीएस नवनीत भुल्लर को एसएसपी टिहरी से हटाकर एसएसपी एसटीएफ बनाया गया,

आईपीएस मणिकांत मिश्रा को सेनानायक एसडीआरएफ से हटाकर एसएसपी उधमसिंह नगर बनाया गया,

आईपीएस आयुष अग्रवाल।को एसएसपी टिहरी बनाया गया,

आईपीएस अमित श्रीवास्तव को एसपी उत्तरकाशी बनाया गया,

आईपीएस श्वेता चोबे को सेनानायक आईआरबी द्वितीय बनाया गया,

आईपीएस अर्पण यदुवंश को सेना नायक एसडीआरएफ बनाया गया ,

आईपीएस विशाखा अशोक भदाने को एसपी अपराध/क्राइम वूमेन पुलिस मुख्यालय बनाया गया,

आईपीएस अक्षय प्रहलाद कांडे को एसपी रुद्रप्रयाग बनाया गया,

आईपीएस चंद्रशेखर आर धोकडे को एस पी बागेश्वर बनाया गया,

 

 

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