18वीं लोकसभा के लिए उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है … राज्य में 55.89 प्रतिशत मतदाताओं में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछली लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार लगभग 5.5 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। उधम सिंह नगर जिले में सबसे अधिक 61.5 तो अल्मोड़ा में सबसे कम 40.87 प्रतिशत मतदान हुआ है। किसके साथ 55 प्रत्याशियों के भाग्य का निर्णय एवं में बंद हो गया है। लेकिन मतदान का ग्राफ गिरने से नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।

मतदान के दिन धीमी रफ्तार से जो मतदान हुआ है वह नेताओं की चिंता बढ़ने वाला रहा है। राज्य के पांचो सीटों पर मतदाताओं में उत्साह कम जरूर रहा है .. लेकिन मतदान का कम प्रतिशत निर्वाचन और सियासी दलों के लिए चिंता का विषय बन गया है। भाजपा चुनाव ने चुनाव को एक तरफा बनाने के लिए हर लोकसभा सीट पर 75 प्रतिशत मत हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया था .. ताकि हर लोकसभा सीट को 5 लाख से ज्यादा मतों से जीता जा सके .. लेकिन चिंता इस बात की है के राज्य के 83 लाख मतदाताओं में से लगभग 35 लाख मतदाता ऐसे रहे जिन्होंने अपने मत का प्रयोग ही नहीं किया। ऐसे में निर्वाचन की तैयारी भी धरी की धरी रह गई और सियासी दलों की चुनावी रणनीति भी नाकाम साबित हुई ।

 

प्रदेश में पांचों लोकसभा सीटों पर भले ही मतदान कम हुआ हो .., लेकिन भाजपा इसे अपनी जीत मान रही है। भाजपा नेता की माने तो कम मत प्रतिशत के लिए विपक्षी दल जिमेदार है जिहोने जनता को दरकिनार किया है .. और जो वोट पड़े हैं वह भाजपा का कैडर वोट है जो घरों से बाहर निकला है ।

 

कांग्रेस की तरफ से इस निर्वाचन और भाजपा सरकार की नाकामी बताया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं की माने तो निर्वाचन में भले ही जनता को जागरूक करने का काम किया लेकिन जनता सरकार के काम से नाखुश थी और यही वजह रही कि उन्होंने कम मतदान करने का काम किया और कुछ जगहों पर तो चुनाव बहिष्कार करके जनता ने यह बता दिया कि यह सरकार विकास विरोधी है।

 

मतदान का प्रतिशत भले ही काम हुआ हो लेकिन सियासी दल इसमें भी अपनी हार जीत के मायने तलाश रहे हैं। निर्वाचन आयोग विश्लेषण कर रहा है कि आखिर किन कारणों चलते मतदान का प्रतिशत कम हुआ है … लेकिन सियासी दल मतदान काम के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं जिनके कार्यकर्ताओं ने मेहनत नहीं की और मतदाता को घर से बाहर नहीं निकाल पाए। मत प्रतिशत कम होने के करने चाहे कुछ भी रहे हो .. लेकिन निर्वाचन आयोग की धरातल पर चल रही तैयारी भी जनता को भरोसा नहीं दिला पाई।

 

राज्य की पांचों लोकसभा सीटों के लिए हुआ मतदान,

सिस्टम से नाराज कई क्षेत्र के मतदाताओं ने बनाई मतदान से दूरी ,

55 प्रत्याशियों का भाग्य का निर्णय ईवीएम में हुआ बंद,

उधम सिंह नगर में 61.5 प्रतिशत, तो अल्मोड़ा में 40.87 प्रतिशत हुआ मतदान,

टिहरी सीट पर 5257 फीसदी हुआ मतदान,
हरिद्वार सीट पर 6236 फीसदी हुआ मतदान,
पौड़ी गढ़वाल सीट पर 50.84 फीसदी हुआ मतदान,
नैनीताल सीट पर 61.35 फीसदी हुआ मतदान,
अल्मोड़ा सीट पर 46.94 फीसदी हुआ मतदान,

*अल्मोड़ा लोक सभा*
विधान सभा वार निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक आंकड़े

अल्मोड़ा 44.00
बागेश्वर 51.00
चंपावत 56.00
धारचूला 48.70
डीडीहाट 49.20
द्वाराहाट 45.30
गंगोलीहाट46.00
जागेश्वर45.25
कपकोट 51.43
लोहाघाट 46.22
पिथौरागढ़ 50.32
रानीखेत41.50
सल्ट 32.00
सोमेश्वर 48.18

*हरिद्वार लोकसभा*

भगवानपुर 69.58
रानीपुर 60.00
धर्मपुर 51.80
डोईवाला 57.45
हरिद्वार 54.84
हरिद्वार ग्रामीण 73.21
झबरेड़ा 67.00
ज्वालापुर 69.50
खानपुर 68.45
लक्सर 72.00
मंगलोर 63.20
पिरान क्लीयर 70.01
ऋषिकेश 51.80
रुड़की 59.40

*पौड़ी लोकसभा*

बद्रीनाथ 55.63
चौबाटाखाल 40.62
देवप्रयाग 41.78
कर्णप्रयाग 52.37
केदारनाथ 56.70
कोटद्वार 58.50
लैंसडाउन 40.10
नरेंद्र नगर 48.00
पौड़ी 46.65
रामनगर 61.60
रुद्रप्रयाग 53.02
श्रीनगर 53.01
थराली 50.89
यमकेश्वर 43.20

*नैनीताल लोकसभा*

बाजपुर 61.46
भीमताल 55.50
गदरपुर 67.92
हल्द्वानी 58.50
जसपुर 63.07
कालाढूंगी 60.00
काशीपुर 56.70
खटीमा 64.50
किच्छा 62.50
लालकुआं 60.50
नैनीताल 51.67
नानकमत्ता 65.71
रुद्रपुर 60.50
सितारगंज 70.15

*टिहरी लोकसभा*

चकराता 51.50
कैंट 50.23
धनोल्टी 45.26
गंगोत्री 54.00
घनसाली 41.50
मसूरी 53.00
प्रताप नगर 41.65
पुरोला 57.50
रायपुर 54.01
राजपुर रोड 49.38
सहसपुर 62.12
टिहरी 44.16
विकास नगर 64.70
यमुनोत्री 52.72

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