रुद्रप्रयाग। तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर अतिक्रमण हटाने पहुंची तहसील, पुलिस प्रशासन व वन विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ा! तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर अतिक्रमण हटाने का व्यापारियों , महिलाओं व ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया जिस कारण तुंगनाथ घाटी के जनमानस में खासा आक्रोश है! इस दौरान व्यापारियों, महिलाओं ग्रामीणों व प्रशासन के बीच काफी नोकझोक भी हुई तथा महिलाओं ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर अतिक्रमण हटाने का कड़ा विरोध कर प्रदेश सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की! इस दौरान जेसीबी मशीनों को हल्का नुकसान भी हुआ है तथा विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने तुंगनाथ घाटी पहुँच कर प्रभावित व्यापारियों को अपना समर्थन दिया! दोपहर बाद उपजिलाधिकारी द्वारा तीन दिन का समय देने के बाद ही मामला शान्त हो पाया ! बता दे कि न्यायालय के आदेश पर बुधवार को तहसील प्रशासन, पुलिस प्रशासन व वन विभाग के अधिकारी मयफोर्स व जेसीबी मशीनों के साथ तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण हटाने के लिए मक्कूबैण्ड पहुंचे तो वहाँ पूर्व से मौजूद सैकड़ों व्यापारियों, ग्रामीण महिलाओं ने अतिक्रमण हटाने का पुरजोर विरोध किया तथा धरना देकर प्रदेश सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया! व्यापारियों व ग्रामीणों का कहना था कि एक तरफ प्रदेश सरकार तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने का ढिंढोरा पीट रही है दूसरी तरफ युगों से यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है! व्यापारियों व ग्रामीणों का कहना था कि स्थानीय व्यापारियों द्वारा बार – बार रोजगार व पर्यटन नीति बनाने की मांग की जा रही है मगर प्रदेश सरकार मौन बनी हुई है।

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