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Sunday, June 8, 2025
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अलकनन्दा नदी के तट पर पैर फिसलने से पुलिस कर्मी लापता।

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अलकनन्दा नदी में पैर फिसलने से पुलिस कर्मी लापता।
पुलिस जुटी जांच में ,पांव फिसलना या छलांग (आत्महत्या)
रुद्रप्रयाग ।जनपद रुद्रप्रयाग में पुलिस संचार सेवा में कार्यरत पुलिस कर्मी मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर स्थित अपने कुछ साथियों के साथ कोटेश्वर मंदिर घूमने के लिये आया हुआ था ।कोटेश्वर मंदिर के पास अलकनंदा नदी के बहाव में पैर फिसने नदी में गिर गया ।अलकनन्दा नदी का बहाव अधिक होने से पुलिस कर्मी का कहि भी कोई पता नही चल पाया है । पुलिस खोजबीन में जुटी है। जानकारी के मुताबिक रविवार अपराहन 2 बजकर 50 बजे करीब पुलिस वायरलेस ब्रांच में कार्यरत जगत बंधु जोशी अपने कुछ साथियों के साथ कोटेश्वर घूमने गया। जहां अचानक वह अलकनंदा नदी के तेज बहाव में बह गया। नदी का पानी इतना अधिक है कि उक्त का कहीं भी कुछ पता नहीं चल पाया। बताया जा रहा है कि सीसीटीवी कैमरे में घटना की पुष्टि हुई है। वहीं घटना की सूचना पर जल पुलिस, एसडीआरएफ एवं कोतवाली पुलिस मय फोर्स मौके पर पहुंची और खोजबीन का कार्य शुरू किया। किंतु अत्यधिक बहाव होने के कारण कहीं भी सुराग नहीं मिल सका। पुलिस ने बताया की पुलिस की संचार शाखा रुद्रप्रयाग तैनात जगत बंधु जोशी उम्र 28 निवासी यमकेश्वर ब्लॉक पौड़ी गढ़वाल अपने साथियों के साथ कोटेश्वर घूमने गया था कि इस बीच वह पैर फिसल कर अलकनंदा नदी में गिर गया और तेज बहाव में बह गया। हालांकि चर्चा यह भी हो रही है कि उक्त पुलिसकर्मी ने नदी में छलांग लगाई है। पुलिस उपाधीक्षक सुबोध घिल्डियाल ने बताया मामले की जांच की जा रही है साथ ही खोजबीन जारी है।

सुरकंडा देवी रोपवे हुई बीच रास्ते मे बंद, आधे घंटे तक विधायक किशोर उपाध्याय सहित 50 यात्री फसे रहे।

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नई टिहरी में हाल ही में शुरू हुए सुरकंडा मंदिर रोपवे रविवार दोपहर को तकनीकि खराबी की वजह से बंद हो गया। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय सहित करीब 50 लोग करीब आधे घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे।उत्तराखंड के नई टिहरी जिले में हाल ही में शुरू हुए सुरकंडा मंदिर रोपवे रविवार दोपहर को तकनीकि खराबी की वजह से बंद हो गया। करीब आधे घंटे तक रोपवे बंद होने से यात्री फंस गए। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय सहित करीब चार दर्जन से अधिक लोग रोपवे में फंस गए। रोपवे में तकनीकी खराबी का पता चलते ही रोपवे में बैठे लोग घबराए हुए नजर आए।

बीच रास्ते में ही रोपवे के बंद होने से लोगाें में चीख-पुकार मच गई। थोड़ी दूर चलने के बाद रोपवे फिर बंद हो गई। रोपवे के बीच रास्ते में बंद होने से लोग जोर-जोर से मदद की गुहार लगाने लगे। करीब आधे घंटे तक लोग जिंदगी और मौत के बीच झूलते रहे। सुरकंडा देवी रोपवे को करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोबारा चालू किया गया।

एक-एक करके लोगों को रोपवे से सुरक्षित उतारा गया। स्थानीय प्रशासन ने तकनीकी जांच तक रोपवे के संचालन को बंद करवा दिया है।रविवार के दिन सुरकंडा मंदिर में लगा रोपवे दोहपर में लगभग सवा चार बजे के लगभग तकनीकी खामी के चलते बंद हो गया। जिससे रोप वे में सवार लगभग चार दर्जन से अधिक लोग आधा घंटे तक हवा में लटके रहे

लोगों ने रोप वे संचालकों से जानकारी चाही, तो उन्होंने बिजली न होने का बहाना तक बना डाला। लगभग आधे घंटे बाद किसी तरह से रोप वे को चालू कर लोगों को रोप वे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। रोपवे में आधे घंटे तक फंसे फूलदास, रमन सिंह व चंदन ने बताया कि रोप वे का इस तरह से रूक जाने से वे घबरा गये थे।

एक बार लगा कि अगर रोप वे चालू न हुआ तो, क्या होगा। भगवान का शुक्र है कि रोप वे चालू हुआ। बताया जा रहा है कि चक्के से तार उतर जाने के कारण रोप वे बंद हुआ। तकनीशियनों ने खंभे पर चढ़कर खामी को पूरा कर संचालन शुरू किया। एसडीएम धनोल्टी लक्ष्मी राज चौहान ने बताया कि फिलहाल रोप वे के संचालन को बंद करवा दिया गया है।

तकनीकी इंस्पेक्शन एजेंसी ब्रिडकुल की जांच के बाद फिट पाये जाने के बाद ही रोप वे का संचालन शुरू किया जायेगा। विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि इस तरह से रोप वे का बंद होना दुर्घटना की दृष्टि से उचित नहीं है। समय-समय ठोस तकनीकी जांच रोप वे की होती रहनी चाहिए।

रोपवे हादसे से टिहरी विधायक किशाेर उपाध्याय काफी नाराज दिखाई दिए।  हादसे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक उपाध्याय ने इसकी जांच की मांग की है। कहा कि वह इस मामले को लेकर सचिव पर्यटन के साथ ही कंपनी के प्रतिनिधियों से भी बात करेंगे। कहा कि पर्यटन के नाम पर किसी भी यात्री की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते।उपाध्याय ने कहा कि रोपवे की शुरुआत में भी तकनीकि खराबी की बात सामने आई थी। उन्होंने कहा कि रोपवे जबतक पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता तबतक इसके संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा देनी चाहिए।

पहाड़ी जिलों में 22 वर्षो बाद भी स्वास्थ्य सेवा बदहाल

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पिथौरागढ़ -भले ही उत्तराखण्ड सरकारे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लाख दावे करे । लेकिन इन 22 वर्षो बाद भी उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिलों में आज भी स्वास्थ्य सेवाएं  हाशिये पर है ।आज भी उत्तराखण्ड के कहि जिलों में ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ लेने के लिये कहि किलोमीटर दूरी तय करने के बाद अस्पतालों में जाना पड़ता है। सड़क व अस्पताल के अभाव में बीमार व्यक्ति को कुर्सी या ठंडी के सहारे ले जाना पड़ता है । आज भी उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिले टिहरी ,उत्तरकाशी,पौड़ी ,रुद्रप्रयाग,चमोली,बागेश्वर ,अल्मोड़ा,पिथौरागढ़,के आम आदमी से स्वास्थ्य सेवा बहुत दूर खड़ी है ।
जनपद पिथौरागढ़ तहसील मुनस्यारी ग्राम सभा बोना क्षेत्र में राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में पिछले 8 महीनों से डॉक्टर नही है, डॉक्टर न होने से बोना तोमिक गोल्फा के लोगों को आये दिन अनेकों परेशानियों से गुजरना पड़ता है, और एक और मामला फिरसे सामने आया है जहां पर स्थानीय गीता देवी पत्नी कुंदन बृजवाल के अचानक तबीयत खराब होने से उन्हें डोली के सहारे 30 किलोमीटर पैदल चलकर मदकोट तक लाया गया वहीं स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम दानू का कहना है कि जिलाधिकारी के द्वारा राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय बोना के लिए डॉक्टर अहमद राज की नियुक्ति की गई थी पर डॉक्टर अहमद राज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मदकोट में अटैच कर दिया गया है, जबकि मदकोट में पहले से दो डॉक्टर मौजूद हैं..
वहीं झापुली से बोना तक मोटर मार्ग पिछले सप्ताह से बंद पड़ी हुई है,जिसके चलते जगह जगह पर रोड खराब है,ग्रामीणों द्वारा लो0नि0वि विभाग को बार-बार मोटर मार्ग खोलने की मांग करने के बाद भी अभी तक सुध नहीं ली जा रही है ।और ग्रामीणों को बीमार लोगो को कंधों पर मिलो पैदल ले जाने को विवश होना पड़ता है ।

बदलते मौसम को देखते हुए फूलों की घाटी में प्रवेश वर्जित ।।

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चमोली /जोशीमठ – एक और जहाँ उत्तराखण्ड में चारो धामो में देश विदेश से तीर्थ यात्री आ रहे हैं वही मानसून के दस्तक देने से जगह जगह सड़को व पहाड़ो के टूटने का सिलसिला भी जारी है ।जिससे आमगमन करने वाले लोगो को घण्टो इंतजार करना पड़ रहा है।इस समय चारो धामो के अलावा पर्यटक ,फूलों की घाटी में खिले रंग वीरेंगे फूलों की खुशबू का आनंद लेने को यंहा पहुंच रहे है ।लेकिन लगातार हो रही

मूसलाधार बारिश के चलते विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान संपर्कमार्ग अवरूद्ध होने से सैलानियों को घांघरिया में रोकना पड़ रहा है
देर रात से कुंठ खाल छेत्र में मूसलाधार बारिश के चलते विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का पैदल संपर्क मार्ग अवरूद्ध,हो चुका है कुंठ खाल फूलों की घाटी छेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के चलते घाटी के द्वारी पेरा टॉप,और ग्लेशियर प्वाइंट में पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त,हुए हैं ।वही पार्क प्रबंधन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फूलों की घाटी की यात्रा फ़िलहाल रोकी दी गयी है ।जब तक बारिश बंद नही हो जाती है तब तक ,सुरक्षा के मद्देनजर आज घाटी में किसी भी पर्यटक को जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।फूलों की घाटी में फूलों की विभिन्न प्रजातियों को देखने के देश विदेश से यहाँ हजारों तादात में पर्यटक पहुंच रहे हैं ।मौसम को देखते हुए,पर्यटकों को घांघरिया बेसकैंप में ही रोका जा रहा है ।वही पार्क की रेंज अधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि अनुकूल मौसम होने पर जल्द मार्ग ठीक किया जाएगा,।पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार प्रकृति प्रेमियों के लिए बन्द किया हुआ है ।

बारिश के चलते चट्टान गिरने से राजमार्ग बंद|

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चमोली – ग्वालदम कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग भारी बारिश और बारिश के चलते चट्टान गिरने से बीते 19 घण्टो से मौणा के पास अवरुद्ध ही चल रहा है
शनिवार दोपहर बाद तकरीबन 3 बजे के आसपास भारी बारिश के बाद नारायणबगड़ से कुछ दूरी पर मौणा में चट्टान गिरने और मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया था जिसके बाद सड़क के दोनों ओर कई यात्री इस राजमार्ग पर फंसे रहे हालात ऐसे बन गए कि यहां से पैदल गुजरना तक दूभर हो गया बीआरओ ने देर शाम तक सड़क को खोलने की मशक्कत की लेकिन अंधेरा अधिक होने और लगातार पत्थर गिरने के चलते राजमार्ग को नहीं खोला जा सका स्थानीय प्रशासन ने बमुश्किल यात्रियों को प्रेक्षागृह इंटर कालेज नारायणबगड़ तक पहुंचाया वहीं आज सुबह 9 बजे तक भी सड़क को यातायात के लिए नहीं खोला जा सका है
बीआरओ के सहायक अभियंता सुमित ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि सुबह से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के चलते अवरुद्ध मार्ग पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं जिस वजह से अभी सड़क खुलवाने के लिए मशीन लगाना खतरे से खाली नहीं है उन्होंने बताया कि बारिश बंद होने के बाद हिल साइड में कटिंग करके राजमार्ग को यातायात के लिए खोला जाना सम्भव हो पायेगा

उत्तराखण्ड सचिवालय में आईएएस व PCS अधिकारियों के विभागों में बड़ा फेरबदल ।।

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  • 24 आईएएस अधिकारियों 22 पीसीएस अधिकारियों और चार सचिवालय सेवा संवर्ग के अधिकारियों के कार्य क्षेत्रों में हुआ फेरबदल,
  • सचिव सचिन कुर्वे से ग्रामीण विकास विभाग हटाया गया सचिव पर्यटन तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद की दी गई नई जिम्मेदारी,
  • सचिव दिलीप जावलकर से सचिव पर्यटन की जिम्मेदारी हटाई गई सचिव वित्त की मिली नई जिम्मेदारी
  • सचिव डॉक्टर बी वी आर सी पुरुषोत्तम से निदेशक दुग्ध विकास की जिम्मेदारी हटाई गई सचिव ग्राम में विकास की दी गई नई जिम्मेदारी,
  • आर राजेश कुमार को CEO स्मार्ट सिटी से हटाया गया
  • रणवीर सिंह चौहान से एमडी सिडकुल, अपर सचिव भाषा संस्थान की जिम्मेदारी वापस की गई
  • युगल किशोर पंत को एमडी तराई बीज निगम के अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई
  • श्रीमती सोनिका को सीईओ स्मार्ट सिटी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई
  • ईवा आशीष श्रीवास्तव सोडियम टिहरी के पद से हटाया गया अपर सचिव पेयजल की मिली नई जिम्मेदारी
  • नितिन भदोरिया को अपर सचिव पशुपालन मत्स्य पालन एवं दुग्ध विकास की नई जिम्मेदारु, अपर सचिव पेयजल पंचायती राज जल जीवन मिशन की जिम्मेदारी हटाई गई
  • स्वाति भदोरिया को अपर सचिव भाषा हिंदी अकादमी की जिम्मेदारी मिली एमडी जीएमवीएन की जिम्मेदारी हटाई गई
  • विनीत कुमार को डीएम से हटाया गया अपर सचिव पीडब्ल्यूडी की मिली जिम्मेदारी
  • सचिव विनोद कुमार सुमन से सचिव (प्रभारी) शहरी विकास की जिम्मेदारी हटाई गई,

सरकारी धन की फिजूलखर्ची पर रोक

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होटल व निजी संस्थानों में नही होगे सरकारी कार्यक्रम ।
मुख्य सेवा सदन में होंगे कार्यक्रम ।
देहरादून- सरकारी धन की फिजूलखर्ची को रोकने के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिए निर्देश । मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एसएस संधू को सरकारी खर्च को कमी करने की दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश देते हुए सरकारी कार्यक्रमों को होटल या निजी संस्थानों पर करने के बजाए मुख्य सेवक सदन में किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने जिले में भी जिलाधिकारियों को सरकारी खर्च कम करने के निर्देश देते हुए इसी प्रकार की कार्यप्रणाली अपनाने को कहा है जिससे कि फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जा सके।

रुद्रप्रयाग में फिर पकड़ा गया फर्जी बीएड धारक अध्यापक

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रूद्रप्रयाग में फर्जी डिग्री धारी शिक्षकों की लम्बी लिस्ट
एसआईटी के जांच में हो रहे हैं नये-नये खुलाशें।
उत्तराखण्ड़ डेस्क
स्लग- फर्जी बीएड धारक शिक्षक निलंबित
रिर्पोट- नरेश भट्ट रुद्रप्रयाग
रूद्रप्रयाग- जैसे-जैसे एसआईटी की जांच आगे बढ़ती जा रही है शिक्षकों के प्रपत्रों की जांच में नये-नये खुलाशे सामने आ रहे हैं। ये चौकाने वाले खुलाशे जनपद में फर्जी शिक्षकों के हो रहे है। जनपद में अब तक ढेड़ दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षकों पर गाज गिरी है। और भी एसआईटी शिक्षकों पर शिंकजा कसती जा रही है। जबकि अभी एसआईटी के जांच के घेरे में अभी कही शिक्षक है। जिन पर जांच चल रही है दो दिन पहले एसआईटी की गाज रूद्रप्रयाग जिले में तैनात एक एलटी शिक्षक पर गिरी है। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने इस एलटी शिक्षक को सेवा से निलंबित कर दिया है। निलंबित एलटी अध्यापक को खण्ड शिक्षा कायार्लय अगस्त्यमुनि में अटैच कर दिया है। वहीं आरोपी शिक्षक को 15 दिन में अपने प्रमाणपत्र की आख्या देने को कहा गया है। । जिलाशिक्षा अधिकारी रूद्रप्रयाग ने बताया कि राजकीय इन्टर कालेज पठालीधार में तैनात सहायक अध्यापक हिन्दी के शिक्षक गुलाब सिहं ने चौधरी चरण विश्वविधालय मेरठ से बीएड 2004 में किया था। एसआईटी ने सहायक अध्यापक की बीएड की डिग्री जांच के लिए मेरठ विश्व विधालय भेजी थी लेकिन मेरठ विश्वविधालय के सचिव ने जांच आख्या जांच में संबधित अनुक्रमांक और इनरोलमेंट नम्बर उक्त अध्यापक का न होेने की पुष्टि की है। एसआईटी जांच में प्रथम दृष्टया बीएड की अंकतालिका और प्रमाण पत्रों पर संदेह होने और फर्जी /झूटे होने पर सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने किया “स्टार्ट-अप ग्राण्ड चैलेंज” कार्यक्रम में प्रतिभाग

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देहरादून: मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हरिद्वार रोड स्थित एक होटल में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित “स्टार्ट-अप ग्राण्ड चैलेंज” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान 10 प्रतिभागियों  को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में घोषणा की कि स्टार्ट अप उत्तराखंड के तहत “आइडिया ग्रेट चैलेंज” के रूप में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 2 लाख तथा स्टार्टअप को एक साल तक दिया जाने वाला मासिक भत्ता 10 हज़ार से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए किया जायेगा । जबकि एससी,एसटी, दिव्यांग और महिलाओं को दिया जाने वाले मासिक भत्ता 15 हज़ार से बढ़ाकर 20 हज़ार रुपए किये जाने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इन्वेस्ट इंडिया द्वारा तैयार की गई वैलनेस रिपोर्ट का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार युवाओं को इनोवेटिव  कार्यों एवं उनके विचारों को प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से देश के हर क्षेत्र में नवाचार हुए हैं। स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे तमाम योजनाओं के जरिए देश में काम करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन मिला है।

मुख्यमंत्री ने स्टार्टअप करने वाले युवाओं को कहा कि आज उनकी पहचान अपने क्षेत्र और जिले स्तर की है, आने वाले समय में कई युवा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाएंगे। मेहनत के सुखद परिणाम अवश्य मिलते हैं। उन्होंने कहा कि धैर्य एवं दूरदर्शिता ही मनुष्य को कर्मयोगी बनाती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड धर्म एवं आध्यात्म का केन्द्र है। इस साल अभी तक 34 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धाम यात्रा कर चुके हैं । प्रदेश में अब कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है।

उन्होंने सभी शिव भक्तों से आग्रह किया है कि उत्तराखंड में आने वाले प्रत्येक शिवभक्त यहां एक-एक पौधा जरूर लगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 साल बाद जब उत्तराखण्ड  राज्य स्थापना के 25 वर्ष की यात्रा पूर्ण करेगा, तब हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

उत्तराखण्ड के विकास की यात्रा हम सबकी है, राज्य के समग्र विकास के लिए सबकी भूमिका भी बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार आया है। हम उत्तराखण्ड में भी कार्यसंस्कृति में सुधार ला रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा  विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य में रोजगार के अवसरों में वृद्धि का प्रयास किया गया  है वहीं नवोन्मेषी विचारों को उद्यम में परिवर्तित करने तथा युवाओं की सृजनशीलता को सकारात्मक दिशा देने के उद्देश्य से स्टार्ट-अप नीति लागू की गई है।

इस नीति के माध्यम से युवाओं को रोजगार सृजन एवं की ओर प्रेरित कर स्टार्ट-अप इको सिस्टम तैयार करने का प्रयास किया गया है। राज्य सरकार स्टार्ट-अप नीति के माध्यम से कॉलेज स्तर से उद्यमिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।

इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, सचिव उद्योग डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, महानिदेशक/आयुक्त उद्योग  रणवीर सिंह चौहान, टाई देहरादून के चेयरमैन  प्रकाश,  उद्योग निदेशक  सुधीर चन्द्र नौटियाल, संयुक्त निदेशक शिखर सक्सेना, औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधिगण एवं स्टार्टअप से जुड़े उद्यमी मौजूद थे।

मसूरी: आरक्षित क्षेत्र में पक्का निर्माण रोकने की मांग

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रिपोर्टर ,,,,,सतीश कुमार मसूरी : मसूरी वन प्रभाग के गांव दानियों का डांडा के ग्रामीणों ने उप वन संरक्षक कहकशां नसीम को ज्ञापन देकर मांग की कि दानियों के डांडा आरक्षित वन क्षेत्र में हो रहे पक्के निर्माण को रोका जाय तथा दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय ज्ञापन में कहा गया है कि दानियों के डांडा में आरक्षित वन क्षेत्र में पक्का निर्माण किया जा रहा है.

इस संबंध में पूर्व में भी मसूरी वन प्रभाग को इस संबंध में लिखकर दिया जा चुका है जिस पर वन विभाग ने कहा था कि उक्त स्थल का सीमांकन नहीं किया गया है जब तक उस क्षेत्र का सीमांकन नहीं किया जाता पक्का निर्माण नहीं होने दिया जायेगा ।

इस संबंध में ग्रामीण प्रवीण मखडे़ती ने बताया कि यह क्षेत्र में जहां सड़क बन रही है उसमें ग्रामीणों व वन विभाग की मिली जुली जमीन है जिसकी सूचना वन विभाग, नगर निगम, लोनिवि व राजस्व विभाग को दी गई है.

जिस पर मसूरी वन प्रभाग ने राजस्व विभाग को डिमार्केशन करने को कहा लेकिन अभी तक डिमार्केशन नहीं हुआ लेकिन यहां सड़क बनने का कार्य नहीं रोका गया उन्होंने बताया कि यह सड़क लोक निर्माण विभाग एक पांच सितारा होटल के लिए बनाई जा रही है आश्चर्य की बात है कि एक प्राइवेट होटल के लिए सड़क बनाने का बजट पास किया गया जबकि वहीं पर पास में रामतीर्थ आश्रम मोड की सड़क टूटी है और वहां पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही है लेकिन यह मोड नही बन पाया.

वहीं पूरे उत्तराखंड में सड़के क्षतिग्रस्त है जिनके बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग बजट न होने की बात करता है लेकिन इस होटल के लिए सवा करोड़ का बजट पास किया गया इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भी की गई थी जिसमें ग्रामीणों की भूमि पर कार्य रूकवाया गया है लेकिन आरक्षित वन क्षेत्र में निर्माण जारी है हालांकि उप वंन संरक्षक ने आश्वासन दिया है कि जब तक इसका सीमांकन नहीं हो जाता लोक निर्माण विभाग को कार्य रोकने के लिए कहा जायेगा.

वहीं डीएफओ कहकशां नसीम ने कहा कि यह खसरा बहुत बड़ा है इस संबंध में राजस्व विभाग को सीमांकन करने के लिए लिखा गया है जहां तक आरक्षित वन क्षेत्र का मामला है यह तभी पता चल पायेगा जब सीमांकन होगा वहीं कहा कि अगर यह क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र होगा तो निश्चित ही विभागीय कार्रवाई की जायेगी।